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8th Pay Commission की वजह से वेतन में कितना इजाफा हो सकता है? (Image : Pixabay)
8th Pay Commission for Central Government Employees :केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों की बेसिक सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले लिए गए इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 1.20 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिलने की उम्मीद है.
8th Pay Commission : किसके वेतन में कितना इजाफा
सबकी दिलचस्पी यह जानने में है कि नए वेतन आयोग (8th Pay Commission) की वजह से किसके वेतन और पेंशन में कितना इजाफा हो सकता है. नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें आने से पहले इस बारे में पक्के तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं है, लेकिन पिछले अनुभव के आधार पर संभावित बढ़ोतरी के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है.
7वें वेतन आयोग ने क्या किया था?
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं, जिसके तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी. अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ने की संभावना जाहिर की जा रही है, जिससे मिनिमम बेसिक सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक मल्टीप्लायर (Multiplier) होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन तय करने में किया जाता है. इसे पुराने बेसिक वेतन को नए वेतनमान (Pay Scale) में बदलने के लिए लागू किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में लगभग 23-25% की वृद्धि हुई थी. अब अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है तो सैलरी में और भी अधिक वृद्धि देखने को मिलेगी.
सैलरी में संभावित बढ़ोतरी का कैलकुलेशन
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है तो मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 40,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो उसकी नई बेसिक सैलरी 1,14,400 रुपये हो जाएगी. कुल सैलरी में बेसिक के अलावा, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य भत्ते भी शामिल होंते हैं, इसलिए सैलरी में कुल इजाफे का प्रतिशत उतना नहीं होता, जितना मिनिमम बेसिक में होता है. यानी अगर 2.86 का अनुमानित फिटमेंट फैक्टर मंजूर भी हो जाए, तो इसका यह मतलब नहीं है कि सरकारी कर्मचारियों की पूरी सैलरी इतनी बढ़ जाएगी.
पिछले वेतन आयोगों में कितना बढ़ा था वेतन?
पिछले वेतन आयोगों के कामकाज पर नजर डालें तो सन 2006 से 2016 तक रहे 6वें वेतन आयोग (6th Pay Commission) के समय फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे सैलरी में लगभग 40% की वृद्धि हुई थी. 7वें वेतन आयोग (2016-2026) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे कुल सैलरी में 23-25% की बढ़ोतरी हुई थी. अब 8वें वेतन आयोग में कुल वेतन में 25-30% बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.
महंगाई भत्ते का असर
जुलाई 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता (DA) दिया जा रहा है, जो जनवरी 2025 में फिर से संशोधित होना है. महंगाई भत्ते में इजाफा होने का सीधा असर कुल सैलरी पर पड़ता है, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. कुल मिलाकर 8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. इससे न सिर्फ कर्मचारियों का जीवनस्तर सुधरेगा बल्कि कंज्यूमर डिमांड बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था पर भी पॉजिटिव असर पड़ेगा.