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सबरीमाला मंदिर सोना घोटाला: 4 किलो सोना गायब, केरल हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के दिए आदेश

केरल के सबरीमाला मंदिर में द्वारपालक मूर्तियों को ढकने वाली तांबे की प्लेटों से 4 किलो से अधिक सोना गायब हो गया है। 2019 में री-प्लेटिंग के लिए भेजे गए 42.8 किलो वज़न वाले प्लेटों का वजन घटकर सिर्फ 38.25 किलो रह गया। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने इसे “गंभीरतम अनियमितता” करार दिया और विजिलेंस जांच के आदेश दिए।

केरल के सबरीमाला मंदिर में द्वारपालक मूर्तियों को ढकने वाली तांबे की प्लेटों से 4 किलो से अधिक सोना गायब हो गया है। 2019 में री-प्लेटिंग के लिए भेजे गए 42.8 किलो वज़न वाले प्लेटों का वजन घटकर सिर्फ 38.25 किलो रह गया। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने इसे “गंभीरतम अनियमितता” करार दिया और विजिलेंस जांच के आदेश दिए।

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FE Hindi Desk
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सबरीमाला मंदिर में 4 किलो से अधिक सोना गायब

केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सामने आए बड़े विवाद पर सतर्कता (विजिलेंस) जांच के आदेश दिए हैं। अदालत का यह हस्तक्षेप उस समय आया ,जब यह खुलासा हुआ कि द्वारपालक की मूर्तियों को ढकने वाली तांबे की प्लेटों से 4 किलो से ज्यादा सोना गायब हो गया है।  खुलासे में पता चला कि 2019 में दोबारा सोने की परत चढ़ाने के लिए भेजी गई प्लेटों का वजन आधिकारिक रिकॉर्ड की तुलना में काफी कम हो गया था।

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रिकॉर्ड में बड़ा अंतर

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दस्तावेजों के अनुसार, प्लेटों का वजन 42.8 किलोग्राम था। लेकिन जब इन्हें चेन्नई की फर्म स्मार्ट क्रिएशन्स को री-प्लेटिंग के लिए भेजा गया, तो इनका वजन घटकर 38.25 किलोग्राम रह गया। नई सोने की परत चढ़ाने के बाद वजन थोड़ा बढ़कर38.65 किलोग्रामहुआ, लेकिन फिर भी मूल वजन से 4 किलोग्राम से ज्यादा कम रहा। ज्ञात हो आज की तारीख में 4 किलो सोने की कीमत लगभग₹4.37 करोड़ है।

अदालत की सख्त टिप्पणी

जस्टिस राजा विजयाराघवन वी और जस्टिस केवी जयकुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताई और इन अनियमितताओं को “अति गंभीर स्तर का ” कहा। न्यायाधीशों ने कहा कि त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB), जो इस मंदिर का प्रशासन करता है, प्लेटों को सौंपते समय इस अंतर की रिपोर्ट देने में नाकाम रहा।

अदालत ने पुलिस विभाग के मुख्य अधीक्षक विजिलेंस और सुरक्षा अधिकारी को व्यापक जांच कर तीन हफ्तों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही TDB को पूरी तरह सहयोग करने के लिए निर्देशित किया गया।

अदालत ने कहा, “सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।”

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विवाद कैसे शुरू हुआ?

यह विवाद 2019 से जुड़ा है, जब TDB ने मंदिर के विशेष आयुक्त या अदालत को बिना बताए सोने की परत चढ़ी तांबे की प्लेटों को मरम्मत के लिए निकल लिया । ये प्लेटें भक्त उन्नीकृष्णन पोट्टी की स्पॉन्सरशिप में स्मार्ट क्रिएशन्स को सौंपी गईं।

रिकॉर्ड दिखाते हैं कि 42.8 किलोग्राम वजन की वस्तुएं पोट्टी को सौंपी गई थीं। लेकिन अगस्त 2019 की एक रिपोर्ट  में दर्ज हुआ कि चेन्नई की फर्म को सिर्फ 38.25 किलोग्राम सामान मिला। री-प्लेटिंग के बाद भी यह कमी बनी रही।

अदालत ने यह भी नोट किया कि द्वारपालक की मूर्तियां, जिन्हें 1999 में स्थापित किया गया था, को 2019 में री-प्लेटिंग किया गया था और उस पर 40 साल की वारंटी थी। फिर भी सिर्फ 6 सालों में खामियां सामने आ गईं, जिसकी वजह से अब दोबारा मरम्मत करनी पड़ी।

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स्पॉन्सर का दावा और उलझन

स्पॉन्सर पोट्टी का दावा है कि न सिर्फ सोने का वजन गायब है, बल्कि मूर्ति आवरण का आधार (pedestal) भी ठीक नहीं है। पोट्टी और  स्मार्ट क्रिएशन्स दोनों ने अपने-अपने स्पष्टीकरण दिए हैं, लेकिन अदालत ने उन्हें अपर्याप्त और असंतोषजनक बताया।

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विजिलेंस जांच के आदेश

प्रक्रिया में साफ-साफ चूक, रिकॉर्ड में विसंगतियां और वजन में कमी को देखते हुए अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि  एक गहन जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है। अदालत ने आदेश दिया कि सभी रजिस्टर और रिकॉर्ड सतर्कता अधिकारियों को सौंपे जाएं ताकि वे विस्तृत जांच कर सकें।

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click hhttps://www.financialexpress.com/india-news/4-kilos-of-gold-missing-in-kerala-sabarimala-temple-what-we-know/3981419/?ref=hometop_hpere.

Kerala High Court