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12 राज्यों में SIR के ECI के एलान को कांग्रेस ने बताया 'वोट चोरी' का खेल, बीजेपी बोली-जनता को वोट बैंक के भूखे विपक्ष से दिक्कत

SIR 2025 : कांग्रेस ने 12 राज्यों में SIR के ECI के एलान को बताया 'वोट चोरी' का खेल, बीजेपी बोली-जनता को SIR से नहीं, बल्कि वोट बैंक के भूखे विपक्षियों से समस्या

SIR 2025 : कांग्रेस ने 12 राज्यों में SIR के ECI के एलान को बताया 'वोट चोरी' का खेल, बीजेपी बोली-जनता को SIR से नहीं, बल्कि वोट बैंक के भूखे विपक्षियों से समस्या

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FE Hindi Desk
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Election Commission PC on SIR

Election Commission PC on SIR : चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में स्पेशल इंटेसिव रिविजन कराने का एलान किया है. (Photo : ANI)

Election Commission Declares SIR in 12 States:  चुनाव आयोग (ECI) के 12 राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) कराने के एलान ने देश की सियासत में नई बहस छेड़ दी है. कांग्रेस ने इसे ‘वोट चोरी’ का खेल बताते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि जनता को SIR से नहीं, बल्कि “वोट बैंक के भूखे विपक्षियों” से दिक्कत है. बिहार में SIR को लेकर पहले से ही विवाद छिड़ा हुआ है और अब उसका दायरा बढ़ने पर कांग्रेस और बीजेपी ने एक बार फिर से आमने-सामने मोर्चा खोल लिया है.

लोकतंत्र के खिलाफ साजिश - कांग्रेस

कांग्रेस (INC) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि “चुनाव आयोग अब 12 राज्यों में वोट चोरी का खेल खेलने जा रहा है. बिहार में 69 लाख वोट काटे गए थे और अब करोड़ों वोट काटे जाएंगे.” पार्टी ने आरोप लगाया कि यह खुली ‘वोट चोरी’ है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग मिलकर अंजाम दे रहे हैं.

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कांग्रेस ने आगे लिखा कि बिहार में जब SIR हुआ तो चुनाव आयोग की “चोरी” देश के सामने उजागर हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर आयोग को फटकार लगाई थी. पार्टी ने कहा कि कई राज्यों में वोट जोड़ने और काटने के अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं, मगर आयोग ने अब तक इसका कोई जवाब नहीं दिया. कांग्रेस के मुताबिक, “12 राज्यों में होने वाला SIR लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है और जनता के अधिकारों को छीनने की कोशिश है.”

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कांग्रेस ने आयोग की नीयत पर उठाए सवाल

AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा, “आज चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में SIR की घोषणा की, लेकिन बिहार के SIR से जुड़े सवालों के जवाब हमें अब तक नहीं मिले. सुप्रीम कोर्ट को बीच में आना पड़ा, यह दर्शाता है कि मंशा साफ नहीं थी.”

उन्होंने कहा, “बिहार के SIR से चुनाव आयोग और बीजेपी की नीयत देश के सामने आ चुकी है. जब भी SIR होता है, चुनाव आयोग के कर्मचारी हर घर जाते हैं, नए वोटरों को जोड़ते हैं और जिन्हें डिलीट करना होता है, उन्हें डिलीट करते हैं. राहुल गांधी जी के आलंद विधानसभा से जुड़े ‘वोट चोरी’ के खुलासे के बाद SIT ने बताया है कि वोटर लिस्ट से नाम काटने का एक सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन किया जा रहा था. इन सारे मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा SIR करवाना संदेह के घेरे में है, मंशा ठीक नहीं लगती. विपक्ष और वोटर- दोनों ही संतुष्ट नहीं हैं.”

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जनता को SIR से नहीं, विपक्ष से समस्या : बीजेपी

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी (BJP) ने अपने आधिकारिक X पोस्ट में जवाब दिया. पार्टी ने लिखा, “SIR, मताधिकार के दुरुपयोग को रोकेगा, लोकतंत्र की मर्यादा और जनमत, दोनों का सम्मान सुनिश्चित करेगा. इसलिए जनता को SIR से नहीं, बल्कि वोट बैंक के भूखे विपक्षियों से समस्या है. ऐसे लोगों से सतर्क रहें, और अपने मताधिकार से बिहार के सुनहरे भविष्य का निर्माण करें.”

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “बिहार में RJD–कांग्रेस ने SIR का विरोध किया, पर न सुप्रीम कोर्ट ने रोका, न जनता ने नकारा. निर्वाचन आयोग का काम नागरिकता साबित करना नहीं, बल्कि यह देखना है कि कौन भारत का नागरिक है, जो 18 वर्ष से अधिक आयु का होकर भारत की चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। पूरा देश SIR का समर्थन कर रहा है, लेकिन जब चुनाव आयोग संविधान के मुताबिक अपना काम कर रहा है, तो तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले विपक्षी दलों को मिर्ची क्यों लग रही है?”

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घुसपैठियों के आंकड़े कहां हैं - कांग्रेस

बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए  कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “गृह मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक घुसपैठियों की बात कर रहे थे, लेकिन क्या चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में SIR के दौरान कितने घुसपैठियों को हटाया गया? अब तो आंकड़े साझा किए जा सकते थे. अगर SIR इतना जरूरी है, तो असम में भी इसकी घोषणा क्यों नहीं की गई, जहां चुनाव नजदीक हैं?”

उन्होंने कहा कि “SIR के दूसरे चरण में कई सवाल खड़े होते हैं, जिन पर सरकार और चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए.”

ECI Congress Bjp SIR Election Commission