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तेजस्वी यादव ने IRCTC मामले में कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: "चुनाव नजदीक आने पर यह होना ही था।"

लालू यादव और परिवार पर IRCTC घोटाले में आरोप तय किए गए। तेजस्वी यादव ने कहा, “चुनाव नजदीक आने पर यह होना ही था।” परिवार ने आरोपों का खंडन किया और इसे राजनीतिक साजिश बताया। जांच में जमीन और नौकरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों का भी जिक्र है।

लालू यादव और परिवार पर IRCTC घोटाले में आरोप तय किए गए। तेजस्वी यादव ने कहा, “चुनाव नजदीक आने पर यह होना ही था।” परिवार ने आरोपों का खंडन किया और इसे राजनीतिक साजिश बताया। जांच में जमीन और नौकरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों का भी जिक्र है।

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syed wahab
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दिल्ली की अदालत ने IRCTC घोटाला मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए। Photograph: (PTI)

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और कई अन्य लोगों के खिलाफ कथित आईआरसीटीसी (IRCTC) घोटाला मामले में औपचारिक रूप से कई आपराधिक आरोप तय किए।

Rouse Avenue Court के Special Judge (PC Act) विशाल गोगने ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि मामले में आगे कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।

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लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर साजिश और धोखाधड़ी से जुड़े आरोप तय किए गए हैं। सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया है। अब इस मामले की सुनवाई (trial) आगे बढ़ेगा।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का आरोप है कि 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए, लालू यादव और उनके परिवार ने निजी फर्म को ठेके देने के एवज में महत्वपूर्ण जमीन रिश्वत के रूप में स्वीकार की। CBI के अनुसार, रांची और पुरी में दो IRCTC होटल को सुजाता होटल्स को एक नियंत्रित manipulated tender process के माध्यम से lease पर दिया गया, और इसके बदले में करोड़ों रुपये की जमीन कथित तौर पर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से जुड़ी एक कंपनी को उसकी वास्तविक market value से बहुत कम दाम पर transfer कर दी गई।

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“मैं बीजेपी के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा,” कहते हैं तेजस्वी यादव

यादव परिवार ने इन आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने CBI की जांच पर सवाल उठाया और कहा कि यह मामला राजनीतिक कारणों से बनाया गया है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। दिल्ली की Rouse Avenue Court में तेजस्वी यादव ने ANI से कहा, “हम इस मामले में लड़ेंगे। हमने शुरू से कहा था कि चुनाव के करीब आने पर ऐसे कदम उठाए जाएंगे। हम अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे और इसका सामना सीधे करेंगे।”

इसके साथ उन्होंने कहा, “बिहार के लोग समझदार हैं और जानते हैं कि क्या हो रहा है – यह साफ तौर पर एक राजनीतिक साजिश है। बिहार और पूरे देश के लोग सच्चाई जानते हैं। मैं जीवन भर BJP के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।”

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IRCTC घोटाले के बारे में पूरी जानकारी

IRCTC घोटाला 2004-2009 के दौरान हुआ, जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। CBI का आरोप है कि रांची और पुरी में दो IRCTC होटल को सुजाता होटल्स को एक गड़बड़ाए हुए (manipulated) निविदा प्रक्रिया के जरिए पट्टे पर दिया गया। इसके बदले में, कथित रूप से लालू परिवार को पटना में महत्वपूर्ण और कीमती जमीनें दी गईं।

IRCTC घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। CBI का आरोप है कि रांची और पुरी में दो IRCTC होटल, सुजाता होटल्स को गलत तरीके से (manipulated tender process) के जरिए दिए गए। इसके बदले में, लालू परिवार को पटना में कीमती जमीनें मिलीं।

आरोपियों में लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार के सदस्य और पूर्व IRCTC अधिकारी जैसे V.K. Asthana (तत्कालीन ग्रुप जनरल मैनेजर) और R.K. Goyal (मैनेजिंग डायरेक्टर) शामिल हैं। इसके अलावा, सुजाता होटल्स चलाने वाले कोचर भाई—विजय और विनय—भी इस मामले में नामजद हैं।

CBI का कहना है कि पुरी और रांची के BNR होटल्स को संभालने के लिए tender को Sujata Hotels के फ़ायदे के लिए तय किया गया था। जांच जुलाई 2017 में शुरू हुई थी, जब CBI ने FIR दर्ज की और कोचर परिवार से जुड़े 12 परिसरों पर छापा मारा।

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जमीन के बदले नौकरी (Land-for-Jobs) घोटाला

Land-for-Jobs घोटाला भी 2004 से 2009 के बीच हुआ माना जाता है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। CBI का आरोप है कि लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई लेकिन इसके बदले उन लोगों को अपनी जमीन लालू परिवार को देनी पड़ी, और वो जमीन बहुत कम कीमत में ली गई।  

चार्जशीट के अनुसार, कई लोगों ने appointment letters मिलने से पहले ही अपनी जमीन लालू परिवार को दे दी थी, अक्सर उपहार के रूप में। जांच में यह भी पता चला कि लालू के सहयोगी भल्ला यादव गांवों में जाकर परिवारों को समझाते थे कि अगर वे अपनी जमीन देंगे तो उनके रिश्तेदारों को रेलवे में नौकरी मिल जाएगी।
जनवरी 2024 में, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव दोनों से ED ने 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, लालू से 50 से ज्यादा सवाल किए गए, जिनका उन्होंने ज्यादातर “हाँ” या “नहीं” में जवाब दिया और पूछताछ के कुछ हिस्सों में वह काफी चिड़चिड़े दिखाई दिए।

ED ने कारोबारी अमित कट्याल से जुड़े मामले की सुनवाई करनी है

साथ ही, Rouse Avenue की एक विशेष Enforcement Directorate court (ED) उसी जांच से जुड़े एक अन्य मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले में कारोबारी अमित कट्याल शामिल हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने यादव परिवार से जुड़े वित्तीय लेनदेन को संभाला। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों को इस सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से भी छूट दी गई है।

पिछली सुनवाई 25 अगस्त को हुई थी, जब अदालत ने सभी सबूत और दलीलों की समीक्षा के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज आरोपों की औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी।

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

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