scorecardresearch

EU ने रूस की सेना से कथित संबंधों के आरोप में 3 भारतीय कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध

भारत ने कहा कि वह एक जिम्मेदार वैश्विक देश है और सभी कानूनी दायित्वों का पालन करता है. सरकार के अनुसार, ऊर्जा सुरक्षा उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है ताकि नागरिकों की बुनियादी जरूरतें पूरी की जा सकें.

भारत ने कहा कि वह एक जिम्मेदार वैश्विक देश है और सभी कानूनी दायित्वों का पालन करता है. सरकार के अनुसार, ऊर्जा सुरक्षा उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है ताकि नागरिकों की बुनियादी जरूरतें पूरी की जा सकें.

author-image
Sakshi Kuchroo
New Update
EU sanctions on Indian firms

यूरोपीय संघ के 19वें प्रतिबंधों में शामिल हुईं भारत की तीन कंपनियां. Photograph: (Reuters)

यूरोपीय संघ ( European Union) ने रूस की सैन्य गतिविधियों से संभावित जुड़ाव के आरोप में भारत की तीन कंपनियों सहित अन्य देशों की 44 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. यह कदम यूरोपीय संघ (EU) के 19वें प्रतिबंधों के दौर का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ मॉस्को पर और अधिक आर्थिक दबाव डालना है. भारतीय अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

तीन भारतीय कंपनियाँ कौन सी हैं?

EU के बयान में 19वें प्रतिबंधों में शामिल तीन भारतीय कंपनियों के नाम Aerotrust Aviation Private Limited, Ascend Aviation India Private Limited, और Shree Enterprises बताए गए हैं.

Advertisment

Also Read: Bihar Election 2025 Live: आरजेडी पर पीएम मोदी ने साधा निशाना, कहा - बिहार में जब हर एक के हाथ में लाइट है तो लालटेन चाहिए क्या?

प्रतिबंध क्यों लगाए गए?

यूरोपीय संघ के बयान के अनुसार, यूरोपीय परिषद ने 45 नई कंपनियों को चिह्नित किया है, जिन पर रूस की सेना और उद्योग की मदद करने का आरोप है. इन कंपनियों पर कहा गया है कि उन्होंने मॉस्को को माइक्रोचिप्स, ड्रोन, CNC मशीनें और अन्य उन्नत तकनीक जैसी चीज़ों पर लगी निर्यात रोक को तोड़ने में मदद की.

Also Read: टर्म प्लान में लंपसम पेमेंट के साथ रेगुलर इनकम का भी इंतजाम, Tata AIA लाइफ की नई स्कीम में और क्या है खास

इन प्रतिबंधों का कंपनियों पर क्या असर होगा?

EU ने बताया कि अब इन सभी कंपनियों को ऐसे सामान के निर्यात पर कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा, जो सैन्य और नागरिक दोनों कामों में इस्तेमाल हो सकते हैं. बयान में कहा गया है कि “इन संस्थाओं पर डुअल-यूज़ (दोहरी उपयोग वाली) वस्तुओं के निर्यात पर सख्त पाबंदियां लगेंगी, साथ ही ऐसे सामान पर भी रोक होगी जो सामान्य रूप से रूस के रक्षा क्षेत्र की तकनीकी क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.”

45 प्रतिबंधित संस्थाओं में से 17 रूस के बाहर स्थित हैं, जिनमें 12 चीन (China) (और हांगकांग) में, तीन भारत में, और दो थाईलैंड में हैं.

Also Read: इंटरनेट सेंसेशन बनने के बाद क्यों बदलना पड़ा ऐपल कर्मचारी को अपना नाम

EU के पुराने प्रतिबंध

इस साल जुलाई में EU ने अपने 18वें रूस प्रतिबंधों में भारत में Rosneft से जुड़ी एक रिफाइनरी को टारगेट किया  था. उस समय भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत किसी भी देश या समूह द्वारा लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देता और EU से कहा कि वह खासकर ऊर्जा व्यापार में “दोहरे मानक” लागू करने से बचे.

विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत एक जिम्मेदार वैश्विक (global) खिलाड़ी बना हुआ है और सभी कानूनी प्रतिबद्धताओं का पालन करता है. साथ ही यह भी जोर दिया कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है, क्योंकि यह नागरिकों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

INDIA China Russia European Union