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8th Pay Commission बनाने का फैसला केंद्र सरकार 16 जनवरी 2025 को ही कर चुकी है. (Image : Pixabay)
8th Pay Commission : Salary Hike Calculation : 8वां वेतन आयोग बनाने का फैसला तो सरकार 16 जनवरी 2025 को ही कर चुकी है. लेकिन आयोग का गठन अब तक नहीं हुआ है. फिर भी तमाम लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है? इस सवाल का पक्का जवाब तो 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन और उसकी सिफारिशें लागू होने पर ही मिलेगा, लेकिन इससे जुड़े कुछ कैलकुलेशन जरूर किए जा सकते हैं. यह कैलकुलेशन पिछले वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों और अनुमानित फिटमेंट फैक्टर पर आधारित हैं. इस आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में औसतन कितना इजाफा हो सकता है, इसका कैलकुलेशन हम आपको आगे बताएंगे. लेकिन पहले समझ लेते हैं कि इस कैलकुलेशन का आधार फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक मल्टीप्लायर (Multiplier) होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन तय करने में किया जाता है. इसे पुराने बेसिक वेतन को नए वेतनमान (Pay Scale) में बदलने के लिए लागू किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में लगभग 23-25% की वृद्धि हुई थी. 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं.
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8th Pay Commission : कितना बढ़ेगा किसका वेतन
सबकी दिलचस्पी यह जानने में है कि नए वेतन आयोग (8th Pay Commission) की वजह से किसके वेतन और पेंशन में कितना इजाफा हो सकता है. नए वेतन आयोग के गठन और उसकी सिफारिशें आने से पहले इस बारे में पक्के तौर पर कुछ भी कहना संभव नहीं है, लेकिन पिछले अनुभव के आधार पर संभावित बढ़ोतरी के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है.
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सैलरी में संभावित बढ़ोतरी का कैलकुलेशन
अगर 8th Pay Commission की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है तो मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक जा सकती है. वहीं अगर यह फैक्टर 2.28 रहा, तो मिनिमम बेसिक सैलरी 41,040 रुपये हो जाएगी. कुल वेतन में बेसिक सैलरी के अलावा, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) समेत कई और भत्ते भी शामिल होते हैं. लेकिन फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से इजाफा सिर्फ बेसिक सैलरी में होता है. इसीलिए अगर आठवें वेतन आयोग की सिफारिश में 2.86 का फिटमेंट फैक्टर मंजूर हो जाए, तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि सरकारी कर्मचारियों की पूरी सैलरी इतनी बढ़ जाएगी. बल्कि उनकी कुल सैलरी करीब 25-30 फीसदी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
पिछले वेतन आयोगों में कितना बढ़ा था वेतन?
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 माना गया था. लिहाजा उसकी सिफारिशें लागू होने पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी, जबकि कुल सैलरी में 23 से 25% तक बढ़ोतरी हुई थी. पिछले वेतन आयोगों के कामकाज पर नजर डालें तो सन 2006 से 2016 तक रहे 6वें वेतन आयोग (6th Pay Commission) के समय फिटमेंट फैक्टर 1.86 था.