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Aadhaar जारी करने की प्रॉसेस पहले से ज्यादा सख्त हुई, क्या हैं नए बदलाव. Photograph: (AI Image)
UIDAI Makes Aadhaar Enrolment Stricter for Adults: एक वक्त था जब आधार कार्ड बनवाना बेहद आसान था न दस्तावेजों की सख्त जांच, न ही नागरिकता का कोई सबूत. लेकिन अब सरकार ने रुख बदल दिया है. अब आधार सिर्फ एक पहचान नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और सटीक पहचान प्रणाली बनने की दिशा में बढ़ रहा है. खासतौर पर अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों से आधार लेने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने आधार पंजीकरण के नियमों को अब काफी सख्त कर दिया है.
अब सिर्फ वेरीफाईड सिटिजन को ही मिलेगा आधार
हाल ही में सरकारी अधिकारियों ने साफ किया है कि अब किसी भी अवैध प्रवासी के लिए आधार कार्ड बनवाना लगभग नामुमकिन होगा. पहले जहां नामांकन प्रक्रिया में ढील थी, अब केवल सही दस्तावेज और पहचान वाले वयस्कों को ही आधार मिलेगा.
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) अब नामांकन और अपडेट के समय पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट जैसे दस्तावेजों को ऑनलाइन डेटाबेस से खुद चेक करेगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना खत्म की जा सके.
नए तकनीकी टूल से दोहरी जांच, अब बिजली बिल और पैन भी होंगे लिंक
UIDAI ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो दस्तावेज़ों की दूसरी परत की जांच करेगी. अब आधार अपडेट या नया नामांकन कराने वाले लोगों की जानकारी ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा डेटा, और जल्द ही बिजली बिल जैसे रिकॉर्ड्स से भी मिलाई जाएगी.
यह व्यवस्था Centralized KYC (Know Your Customer) के मानकों के अनुसार है और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी आधार धारकों की पहचान समान, भरोसेमंद और वैध हो.
अवैध प्रवासियों की बढ़ती चिंता से सख्ती बढ़ी
पिछले कुछ वर्षों में ये चिंता जताई गई थी कि अवैध प्रवासी भारत में आधार कार्ड बनवाकर न सिर्फ पहचान हासिल कर लेते हैं, बल्कि बाद में वोटर आईडी, राशन कार्ड और यहां तक कि नागरिकता तक का दावा कर सकते हैं. इसी खतरे को रोकने के लिए सरकार ने अब राज्यों की जिम्मेदारी तय की है कि वे अपने स्तर पर दस्तावेजों की कड़ी जांच के बाद ही आधार पंजीकरण की अनुमति दें.
140 करोड़ आधार पहले ही बन चुके, अब सख्ती जरूरी
अब तक देश में करीब 140 करोड़ आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिसमें कुछ लोग अब जीवित नहीं भी हैं. वयस्क आबादी में आधार का कवरेज लगभग पूरा हो चुका है. अब तो नवजात बच्चों को भी जन्म के तुरंत बाद आधार मिल रहा है, इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि नए वयस्कों के लिए नियम बेहद सख्त होंगे, ताकि कोई गलत व्यक्ति सिस्टम में दाखिल न हो पाए.
सिर्फ वेरीफाईड सिटिजन को ही मिलेगा आधार
हालांकि आधार अधिनियम की धारा 9 यह स्पष्ट करती है कि आधार कार्ड न तो नागरिकता का प्रमाण है और न ही निवास का, फिर भी सरकार की कोशिश है कि आधार सिर्फ असली भारतीय नागरिकों तक ही सीमित रहे. बताया जा रहा है कि अब किसी अवैध प्रवासी के लिए आधार बनवाना बेहद मुश्किल होगा. सरकार अब पहचान के नाम पर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी.