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अटल पेंशन योजना (APY) का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देना है. (Image : Pixabay)
Atal Pension Yojana Explained : अटल पेंशन योजना (APY) 2015 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पेंशन स्कीम है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. कम आय वालों को ध्यान में रखकर लाई गई इस योजना की खास बात यह है कि इसमें नियमित रूप से किया गया बेहद मामूली रकम का कंट्रीब्यूशन भी रिटायरमेंट के बाद ठीक-ठाक मंथली पेंशन दिला सकता है. इस स्कीम में अधिकतम मंथली पेंशन 5000 रुपये है. लेकिन अगर पति-पत्नी दोनों इस स्कीम में शामिल होकर नियमित कंट्रीब्यूशन करें, तो दोनों मिलकर रिटायरमेंट के बाद हर महीने 10 हजार रुपये की रेगुलर इनकम हासिल कर सकते हैं.
APY की विशेषताएं और लाभ
1. सरकार की गारंटी : अटल पेंशन योजना रिटायरमेंट से जुड़ी दूसरी कई स्कीम से कई मामलों में बेहतर है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा दी जाती है.
2. मामूली योगदान से अच्छी पेंशन : इस योजना में 18 साल की उम्र में जुड़ने पर, अगर आप हर महीने 210 रुपये का योगदान करते हैं, तो 60 साल की उम्र के बाद 5000 रुपये की मंथली पेंशन मिलने लगेगी. यानी अगर पति-पत्नी दोनों स्कीम को ज्वाइन कर लें, तो दोनों को मिलाकर 10,000 रुपये प्रति माह तक की पेंशन ले सकते हैं.
3. जीवनसाथी के लिए भी पेंशन की सुविधा: इस योजना का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि अगर स्कीम के किसी सदस्य का निधन हो जाता है, तो उनके जीवनसाथी को वही पेंशन मिलती रहेगी. इसके अलावा, पति-पत्नी दोनों के निधन के बाद उनके नॉमिनी को निवेश की गई रकम और उस जमा हुए रिटर्न का भुगतान कर दिया जाएगा.
APY क्यों है बेहतर विकल्प?
- अटल पेंशन योजना खास तौर पर कम आय वाले लोगों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए डिज़ाइन की गई है. इस वर्ग के लोगों के लिए यह एक आदर्श स्कीम है.
- इस स्कीम के तहत सदस्यों को 60 साल की उम्र के बाद मिलने वाली गारंटीड पेंशन की दर, एन्युटी आधारित दूसरी योजनाओं की तुलना में बेहतर है, जबकि इसमें कंट्रीब्यूशन की रकम काफी कम है.
- स्कीम के सदस्य अपनी क्षमता के हिसाब से 1,000 रुपये, 2,000 रुपये, 3,000 रुपये, 4,000 रुपये या 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन का चुनाव कर सकते हैं.
- प्रीमियम की दर अपेक्षित पेंशन के हिसाब से तय होती है. सब्सक्राइबर को 60 साल की उम्र तक नियमित रूप से मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर मामूली प्रीमियम का भुगतान करना होता है.
- 60 साल की उम्र के बाद, सदस्य को अपने कंट्रीब्यूशन के आधार पर मंथली पेंशन मिलती है.
- APY में मासिक योगदान बहुत ही मामूली है.
- अगर कोई 18 साल का व्यक्ति 1000 रुपये की पेंशन पाना चाहता है, तो उसे हर महीने सिर्फ 42 रुपये देने होंगे, जो इस स्कीम का मिनिमम मंथली प्रीमियम है.
- अगर 40 साल का व्यक्ति 5000 रुपये पेंशन पाना चाहता है, तो उसे प्रति माह 1,454 रुपये भरने होंगे, जो इस योजना का अधिकतम प्रीमियम है.
- स्कीम के दौरान सदस्य अपनी पेंशन की रकम को घटाने या बढ़ाने के लिए अपने प्रीमियम की राशि में बदलाव भी कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें एक एप्लीकेशन देना होता है.
APY में कैसे शामिल हों?
स्कीम ज्वाइन करने की कम से कम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 40 साल है. APY में शामिल होने के लिए आप किसी भी पोस्ट ऑफिस, प्रमुख सरकारी या प्राइवेट बैंकों में जाकर खाता खोल सकते हैं. इसके अलावा, आप eNPS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भी APY खाता खोल सकते हैं. नए नियमों के तहत इनकम टैक्सपेयर इस स्कीम को ज्वाइन नहीं कर सकते. अगर कोई व्यक्ति स्कीम ज्वाइन करते समय इनकम टैक्सपेयर नहीं है, लेकिन बाद में टैक्सपेयर बन जाता है, तो उसकी मेंबरशिप पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर कोई व्यक्ति स्कीम ज्वाइन करते समय अपने इनकम टैक्सपेयर होने की जानकारी नहीं देता और बाद में पता चलता है कि वह टैक्सपेयर रहा है, तो उसका खाता बंद कर दिया जाएगा.
अटल पेंशन योजना कम आयवर्ग वाले लोगों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है. इसमें शामिल होकर सदस्य अपनी रिटायर्ड लाइफ को आर्थिक रूप से सुरक्षित बना सकते हैं. खास तौर पर अगर पति-पत्नी दोनों इस योजना में शामिल होते हैं, तो APY के तहत मिलने वाली पेंशन 60 साल की उम्र के बाद रेगुलर इनकम का एक अतिरिक्त जरिया बन सकती है.