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Index Fund vs ETF: इंडेक्स फंड और ईटीएफ में कौन है बेहतर? वेल्थ क्रिएशन के लिए किसमें करें निवेश

Index Fund vs ETF: इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है, इसका फैसला करने से पहले दोनों के बारे में जानना जरूरी है.

Index Fund vs ETF: इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है, इसका फैसला करने से पहले दोनों के बारे में जानना जरूरी है.

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Viplav Rahi
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ETF और इंडेक्स फंड में कौन बेहतर है, इस सवाल का जवाब निवेशक की जरूरत पर निर्भर है. (Image : Pixabay)

Index Fund vs ETF : Which is Better for Wealth Creation: निवेशकों के लिए सही इनवेस्टमेंट ऑप्शन का चुनाव करना एक महत्वपूर्ण फैसला होता है. अगर आप अपने रिटायरमेंट के लिए लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट की योजना बना रहे हैं, तो इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) दो प्रमुख विकल्प होते हैं. दोनों ही फंड 'पैसिव' निवेश (Passive Investment) की कैटेगरी में आते हैं, लेकिन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी हैं, जो निवेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आपके इनवेस्टमेंट के फैसले पर असर डाल सकते हैं. लिहाजा इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में से किसी एक का चुनाव करने से पहले आपके लिए इनके बारे में जानना जरूरी है. 

इंडेक्स फंड की क्या है खूबी

इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स जैसे कि सेंसेक्स या निफ्टी 50 को ट्रैक करता है. यह फंड किसी भी इंडेक्स के घटक शेयरों में निवेश करता है और इस प्रकार इसे 'पैसिव' निवेश कहा जाता है. इंडेक्स फंड्स में एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश करना बहुत आसान होता है, जो आपको नियमित मासिक निवेश करने में सहायता करता है.

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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की खासियत  

ईटीएफ भी किसी विशेष इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, लेकिन ये शेयर बाजार में स्टॉक्स की तरह ट्रेड होते हैं. ETF को खरीदने के लिए एक डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है. ETFs को कम लागत वाले निवेश उत्पाद के रूप में जाना जाता है, लेकिन इनमें एसआईपी की सुविधा नहीं होती है, जिससे आपको हर बार निवेश के लिए मैन्युअली खरीदारी करनी पड़ती है.

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वेल्थ क्रिएशन के लिए कौन है बेहतर?

वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से ईटीएफ और इंडेक्स फंड में कौन बेहतर है, इस सवाल का जवाब निवेशकों की जरूरतों पर निर्भर है. लेकिन इस मसले को समझने के लिए दोनों फंड्स के फायदों को जानना जरूरी है. 

ETF के फायदे

- कम लागत: ईटीएफ में निवेश की लागत इंडेक्स फंड्स के मुकाबले थोड़ी कम हो सकती है. इनमें एक्सपेंस रेशियो 5-7 बेसिस पॉइंट्स तक हो सकता है.

- लिक्विडिटी: ईटीएफ को शेयर बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे आपको तुरंत खरीदने या बेचने की सुविधा मिलती है. हालांकि, कुछ ईटीएफ में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकते हैं, जिससे लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है.

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इंडेक्स फंड्स के फायदे

- एसआईपी की सुविधा: इंडेक्स फंड्स में एसआईपी के माध्यम से निवेश करना आसान होता है, जो आपको नियमित रूप से निवेश करने की अनुशासनशीलता प्रदान करता है.

- बेहतर लिक्विडिटी : इंडेक्स फंड्स में फंड हाउस आपकी रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट को किसी भी कार्य दिवस पर स्वीकार करता है, जिससे लिक्विडिटी की चिंता नहीं होती.

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लागत और लिक्विडिटी के लिहाज से कौन है बेहतर

- लागत: ईटीएफ की लागत थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन इंडेक्स फंड्स में भी डायरेक्ट प्लान्स के माध्यम से 10-15 बेसिस पॉइंट्स के आसपास का एक्सपेंस रेशियो मिल सकता है.

- लिक्विडिटी: इंडेक्स फंड्स में लिक्विडिटी की कोई समस्या नहीं होती, जबकि ईटीएफ में लिक्विडिटी फंड्स की ट्रेडिंग वॉल्यूम पर निर्भर करती है. 

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अपनी जरूरतों के आधार पर करें फैसला

ETF और इंडेक्स फंड में से इनवेस्टमेंट का कौन सा ऑप्शन किस निवेशक के लिए बेहतर है, इसका फैसला उसकी खास जरूरतों और प्राथमिकताओं पर आधारित हो सकता है. अगर आप नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं और एसआईपी की सुविधा चाहते हैं, तो इंडेक्स फंड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं. दूसरी ओर, अगर आपके पास डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट है और आप निवेश की लागत को बेहद कम रखना चाहते हैं, तो ईटीएफ भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. आखिरकार, दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए, अपनी निवेश की जरूरतों के अनुसार सही चुनाव करें. यह भी ध्यान में रखें कि इंडेक्स पर आधारित होने की वजह से दोनों ही विकल्पों के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा हुआ है. इसलिए निवेश का फैसला अपने रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए ही करें.

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