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ATM Fee Hike: एटीएम से पैसे निकालना होगा महंगा, RBI ने बढ़ाया चार्ज, इन मामलों में बढ़ेगा कैश विथड्रॉल का खर्च

ATM Withdrawal Charges : RBI ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे मुफ्त लेनदेन की लिमिट के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर यूजर्स को ज्यादा फीस चुकानी होगी.

ATM Withdrawal Charges : RBI ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे मुफ्त लेनदेन की लिमिट के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर यूजर्स को ज्यादा फीस चुकानी होगी.

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FE Hindi Desk
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ATM withdrawal charge Hike, RBI ATM charges 2025

ATM Interchange Fee Hike: RBI के नियमों के तहत मेट्रो शहरों में अन्य बैंकों के एटीएम से केवल 3 मुफ्त लेनदेन किए जा सकते हैं. (Image : Freepik)

ATM Interchange Fee Hike: अगर आप अकसर एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो 1 मई 2025 से ऐसा करना आपकी जेब पर बोझ बढ़ा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे मुफ्त लेनदेन की लिमिट के बाद एटीएम से पैसे निकालने पर यूजर्स को ज्यादा फीस चुकानी होगी. यह बढ़ोतरी एटीएम ऑपरेशन्स की बढ़ती लागत को देखते हुए की गई है.

ATM इंटरचेंज फीस क्या होती है?

ATM इंटरचेंज फीस का पेमेंट, एक बैंक दूसरे बैंक के एटीएम की सर्विस इस्तेमाल करने के लिए करता है. यह फीस आमतौर पर ग्राहकों पर लागू किया जाता है, खासकर जब वे अपनी बैंक की सीमा से अधिक बार अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करते हैं. मिसाल के तौर पर अगर आप एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के ग्राहक हैं और एसबीआई (SBI) के एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो आपकी मुफ्त एटीएम ट्रांजैक्शन की लिमिट खत्म होने के बाद  आपको ज्यादा चार्ज देना होगा. आरबीआई ने यह बदलाव व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स की मांग पर किया है, जो बढ़ती लागत के कारण फीस बढ़ाने पर जोर दे रहे थे.

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ATM से पैसे निकालने पर अब कितना चार्ज लगेगा?

डीडी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 मई 2025 से एटीएम से कैश निकालने पर लागू चार्ज 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन हो जाएगा. वहीं, नॉन-कैश ट्रांजैक्शन, मसलन बैलेंस इंक्वायरी, मिनी स्टेटमेंट वगैरह के लिए 6 रुपये की जगह 7 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज वसूला जााएगा. यह बढ़ोतरी छोटे बैंकों के ग्राहकों पर अधिक असर डाल सकती है क्योंकि उन्हें बड़े बैंकों के एटीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा निर्भर करना पड़ता है.

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डिजिटल बैंकिंग का और बढ़ेगा रुझान

भारत सरकार और आरबीआई लगातार डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि कैश लेनदेन पर निर्भरता कम हो. एटीएम चार्ज बढ़ने के बाद डिजिटल पेमेंट ग्राहकों को और ज्यादा फायदेमंद लग सकता है. यानी इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि एटीएम के बढ़े हुए चार्ज से बचने के लिए लोग कैश निकालने की बजाय UPI, मोबाइल बैंकिंग, व्हाट्सएप बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर देंगे.

ATM पर फ्री ट्रांजैक्शन की क्या है लिमिट?

आरबीआई के मौजूदा नियमों के तहत मेट्रो शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से केवल 3 मुफ्त लेनदेन किए जा सकते हैं. यह लिमिट मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद पर लागू होती है. अन्य जगहों के लिए यह लिमिट 5 फ्री ट्रांजैक्शन की है.

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फेल हुए ट्रांजैक्शन पर फीस लगेगी या नहीं? 

कई बार ATM ट्रांजैक्शन तकनीकी खराबी के कारण फेल हो जाते हैं, जिससे ग्राहकों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या उन्हें इसके के लिए फीस देनी होगी. आरबीआई अपने 14 अगस्त 2019 के सर्कुलर में साफ कर चुका है कि अगर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क इश्यू, एटीएम में कैश की कमी जैसी वजहों या किसी तकनीकी खराबी के कारण लेनदेन फेल होता है, तो ऐसे मामलों में कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा, अगर ग्राहक अपने ही बैंक के एटीएम से बैलेंस चेक करने, चेक बुक रिक्वेस्ट भेजने, टैक्स भुगतान करने या फंड ट्रांसफर जैसे नॉन-कैश ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उन्हें मुफ्त लेनदेन की सीमा में शामिल नहीं किया जाएगा.

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