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Bajaj Finserv ने अपनी इंश्योरेंस कंपनियों में Allianz की 26% हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है. (File Photo : Reuters)
Bajaj Finserv - Allianz to End Insurance JV : बजाज फिनसर्व ने एक बड़ी डील के तहत अपनी इंश्योरेंस कंपनियों में Allianz की 26% हिस्सेदारी को पूरी तरह खरीदने का फैसला किया है. यह डील 24,180 करोड़ रुपये की होगी, जिससे बजाज फिनसर्व की दोनों कंपनियां - बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस (BAGIC) और बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस (BALIC) - पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियां बन जाएंगी. यह भारतीय बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है.
बजाज फिनसर्व, Allianz के 24 साल पुराने JV खत्म होंगे
इस डील के तहत बजाज समूह Allianz की 26% हिस्सेदारी को खरीदेगा. 24,180 करोड़ रुपये में हो रहे इस सौदे के तहत बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस में की हिस्सेदारी 13,780 करोड़ रुपये में खरीदी जाएगी, जबकि बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 10,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इस अधिग्रहण के बाद बजाज फिनसर्व की इन दोनों कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़कर 75% से ज्यादा हो जाएगी. इस डील के साथ ही BAGIC और BALIC का स्वामित्व पूरी तरह से बजाज समूह के पास आ जाएगा. इसके साथ ही दोनों का करीब 24 साल पुराना ज्वाइंट वेंचर खत्म हो जाएगा.
क्यों खत्म हो रही है बजाज और Allianz की साझेदारी?
बजाज फिनसर्व और Allianz के बीच यह साझेदारी 2001 में शुरू हुई थी, जब भारत में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26% थी. हालांकि, सरकार ने बाद में इस सीमा को बढ़ाकर 74% कर दिया, लेकिन इसके बावजूद बजाज समूह अपनी हिस्सेदारी को कम करने के हक में नहीं था. जबकि Allianz अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती थी. बजाज फिनसर्व ने अक्टूबर 2024 में ही संकेत दिए थे कि Allianz अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है.
संजीव बजाज ने क्या कहा
बजाज फिनसर्व के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) संजीव बजाज ने कहा, "Allianz के साथ मिलकर हमने भारत में दो मजबूत बीमा कंपनियां खड़ी की हैं, जिनका कुल प्रीमियम 40,000 करोड़ रुपये से अधिक है. अब जब ये कंपनियां पूरी तरह हमारे स्वामित्व में आ जाएंगी और हम अपने स्टेकहोल्डर्स के लिए पहसे से भी अधिक वैल्यू क्रिएशन कर सकेंगे." वहीं, Allianz ने इस अधिग्रहण के बारे में जारी एक बयान में कहा है, "यह फैसला बजाज फिनसर्व के साथ बातचीत के बाद लिया गया है. हम भारतीय बाजार में नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे."
अधिग्रहण की प्रॉसेस
इस अधिग्रहण की प्रॉसेस को पूरा करने के लिए कई रेगुलेटरी परमिशन की जरूरत होगी. इसमें कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की मंजूरी शामिल है. साथ ही दोनों कंपनियों को अपने मौजूदा री-इंश्योरेंस (reinsurance) समझौतों को जारी रखने के लिए भी नए समझौते करने होंगे.