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Banking & PSU Funds : 1 साल में 7.50 से 8% रिटर्न, इस कैटेगरी की हर स्‍कीम ने FD को दिया मात, अस्थिरता में मुनाफे का सौदा

Banking and PSU Debt Funds Return : शेयर बाजार में गिरावट के चलते इक्विटी फंडों के रिटर्न पर निगेटिव असर पड़ रहा है. वहीं डेट कैटेगरी की एक स्‍कीम (बैंकिंग एंड पीएसयू फंड) ऐसी है, जिसका प्रदर्शन बीते 1 साल में बेहतरीन रहा है.

Banking and PSU Debt Funds Return : शेयर बाजार में गिरावट के चलते इक्विटी फंडों के रिटर्न पर निगेटिव असर पड़ रहा है. वहीं डेट कैटेगरी की एक स्‍कीम (बैंकिंग एंड पीएसयू फंड) ऐसी है, जिसका प्रदर्शन बीते 1 साल में बेहतरीन रहा है.

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Sushil Tripathi
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Return : बैंकिंग एंड पीएसयू फंड कैटेगरी की हर स्‍कीम ने बीते 1 साल में 7.50 से 8 फीसदी रिटर्न दिया है, जो फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में मिलने वाले रिटर्न की तुलना में ज्‍यादा है. Photograph: (Freepik)

Banking & PSU Funds Return : शेयर बाजार में गिरावट के चलते इक्विटी फंडों के रिटर्न पर निगेटिव असर पड़ रहा है. वहीं डेट कैटेगरी की एक स्‍कीम ऐसी है, जिसका प्रदर्शन बीते 1 साल में बेहतरीन रहा है. बैंकिंग एंड पीएसयू फंड कैटेगरी की हर स्‍कीम ने बीते 1 साल में 7.50 से 8 फीसदी रिटर्न दिया है, जो फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में मिलने वाले रिटर्न की तुलना में ज्‍यादा है. यानी ये स्‍कीम कैपिटल मार्केट की अस्थिरता के दौर में मुनाफे का सौदा रही हैं. बैंकिंग एंड पीएसयू फंड एक फिक्स्ड इनकम फंड होते हैं, जो डेट और मनी मार्केट में निवेश करते हैं. इन्हें बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) और पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (PFI) द्वारा जारी किया जाता है. जिसके चलते ये सुरक्षित भी माने जाते हैं. 

SEBI के नियमों के मुताबिक बैंकिंग और पीएसयू फंड्स को अपने कुल एसेट्स का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा इसी तरह के संस्थाओं में निवेश करना होता है. ऐसी लिस्टेड कंपनियां आमतौर पर लार्ज-कैप होती हैं और उन्हें देश की टॉप क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से AAA- रेटिंग प्राप्त होती है.

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1 साल में सभी फंड ने दिए 7.50% से ज्‍यादा रिटर्न 

Kotak बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.09%
ICICI प्रू बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.07%
इडेलवाइस बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.04%
मिरे एसेट बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.01%
LIC एमएफ बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.00%
ABSL बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 7.97%
बजाज फिनसर्व बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 7.96%
DSP बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 7.96%
HDFC बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 7.95%
इन्‍वेस्‍को इंडिया बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 7.95%
TRUSTMF बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.94%
बड़ौदा BNP परिबा बैंकिंग एंड पीएसयू डेट बॉन्‍ड : 7.93%
SBI बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.91%
सुंदरम बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.91%
निप्‍पॉन इंडिया बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.90%
एक्सिस बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.84%
फ्रैंकलिन इंडिया बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.83%
बंधन बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.81%
UTI बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.70%
केनरा रोबेका बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.65%
ITI बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.58%
HSBC बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड : 7.50%

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1 साल की बैंक एफडी पर ब्याज

एसबीआई: 6.80%           
बैंक ऑफ बड़ौदा: 6.75%            
केनरा बैंक: 6.90%
HDFC बैंक: 6.60%           
ICICI बैंक: 6.70%           
इंडसइंड बैंक: 7.50%            
Axis बैंक: 6.70%           
कोटक महिंद्रा बैंक: 7.10%            
YES बैंक: 7.25%          
फेडरल बैंक: 6.80%                  
IDFC फर्स्ट बैंक: 6.50%           
पंजाब नेशनल बैंक: 6.75%            

नोट: सीनियर सिटीजंस को 50 बेसिस प्वॉइंट ब्याज ज्यादा मिलेगा. 

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बैंकिंग और पीएसयू फंड्स के फायदे

- लो रिस्क इन्‍वेस्‍टमेंट का विकल्प
- ट्रेडिशनल स्‍माल सेविंग्‍स के मुकाबले हाई रिटर्न
- शॉर्ट टर्म मैच्‍योरिटी के चलते फंड लंबे समय तक लॉक नहीं होता है
- हाई लिक्विडिटी और क्रेडिट क्वालिटी
- ये शॉर्ट टर्म डेट फंड हैं जो 1-3 साल के लिए निवेश के लिए आदर्श विकल्प हैं.

Risk : बैंकिंग एंड पीएसयू फंड में रिस्‍क

हालांकि ये फंड अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं, लेकिन इनमें कुछ जोखिम भी होता है. अगर आप डेट मार्केट को करीब से देखेंगे, तो आपको बैंकिंग एंड पीएसयू फंड और ब्याज दरों के बीच विपरीत संबंध दिखेगा. ब्याज दर में उतार-चढ़ाव का इन फंडों के प्रदर्शन पर असर पड़ता है, भले ही कम पड़े. अगर ब्याज दरें बढ़ती है, तो बैंकिंग एंड पीएसयू फंड की वैल्यू कम होती है, जबकि दरों के घटने पर बढ़ती है. हालांकि मौजूदा समय की बात करें तो रेट हाइक अपने पीक पर है और आगे दरों के घटने की उम्मीद है. इसी के चलते इन फंडों का प्रदर्शन भी बेहतर हुआ है.

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टैक्स के क्‍या हैं नियम

बैंकिंग एंड पीएसयू फंड एक तरह के डेट फंड हैं, इसलिए इसी कैटेगरी पर टैक्स नियमों के अनुसार ही इन पर टैक्स लगता है. अगर कोई निवेशक 3 साल से पहले यूनिट्स को भुनाता है, तो रिडेम्पशन/सेल पर गेंस शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की कैटेगरी में आएगा और निवेशक की इनकम टैक्स स्लैब दर के अनुसार टैक्‍स लगाया जाएगा. अगर निवेशक 3 साल के बाद यूनिट्स को भुनाता है, तो यह लांग टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है और इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ इस पर 20% टैक्स लगाया जाता है. 

(source: value research, Amfi)

(नोट : हमने यहां म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन के आधार पर जानकारी दी है. यह किसी भी तरह से निवेश की सलाह नहीं है. स्‍कीम का प्रदर्शन पहले की तरह आगे जारी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)

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