/financial-express-hindi/media/media_files/2025/05/27/bXS3SUDObA8w4iQFesXn.jpg)
How to Select Best Credit Card : अपने लिए क्रेडिट कार्ड चुनते समय सिर्फ रिवॉर्ड पॉइंट्स के आंकड़ों को न देखें. (Image : Pixabay)
How to Select Best Credit Card For You : क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए रिवॉर्ड पॉइंट्स एक बड़ा आकर्षण होते हैं. हर खरीदारी पर मिलने वाले ये पॉइंट्स देखकर कई बार यूजर ऐसा महसूस करने लगते हैं, जैसे फ्री में कुछ मिल रहा हो. लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? क्या सबसे ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट देने वाला कार्ड ही सबसे अच्छा होता है? दरअसल हकीकत इससे अलग है. किसी क्रेडिट कार्ड का असली फायदा उसके रिवॉर्ड पॉइंट्स के आंकड़ों में नहीं, बल्कि उन पॉइंट्स की पैसों में कन्वर्ज़न वैल्यू और रिडेम्पशन की सुविधा में छुपा होता है.
बेस्ट क्रेडिट कार्ड चुनने के लिए क्या करें?
अक्सर हम क्रेडिट कार्ड का चुनाव उस आधार पर करते हैं कि कौन सा कार्ड ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट देता है. जैसे अगर कोई कार्ड 10,000 रुपये की शॉपिंग पर 100 पॉइंट देता है, तो वह कार्ड हमें बेहतरीन लगता है. लेकिन ये अधूरी सोच है. रिवॉर्ड पॉइंट्स कमाने के साथ-साथ यह देखना भी जरूरी है कि इन पॉइंट्स को रिडीम करते समय आपको कितनी असली बचत हो रही है. कई बार ज्यादा पॉइंट्स मिलने के बावजूद अगर उनकी पैसे में वैल्यू बहुत कम है, तो फायदा नहीं होता.
रिवॉर्ड पॉइंट कन्वर्ज़न रेट को समझना जरूरी
क्रेडिट कार्ड चुनते समय सबसे पहले रिवॉर्ड पॉइंट कन्वर्ज़न रेट की जांच करें. मान लीजिए एक कार्ड हर 100 रुपये की खरीद पर 10 पॉइंट देता है, लेकिन हर पॉइंट की वैल्यू सिर्फ 0.10 रुपये है, तो कुल बचत सिर्फ 1% ही हुई. वहीं कोई दूसरा कार्ड अगर 150 रुपये की खरीद पर 5 पॉइंट देता है, और हर पॉइंट की वैल्यू 1 रुपये है, तो आप असल में 3.3% की बचत कर रहे हैं. ऐसे में कार्ड B कम पॉइंट्स देने के बावजूद ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. यानी रिवॉर्ड प्वाइंट की जगह हर सौ रुपये के खर्च पर एफेक्टिव रिवॉर्ड (effective reward per 100 rupees spent) पर फोकस करें.
कैशबैक ऑफर्स पर भी गौर करें
कुछ क्रेडिट कार्ड ऐसे होते हैं जो रिवॉर्ड पॉइंट्स की बजाय डायरेक्ट कैशबैक देते हैं. जैसे एक कार्ड गूगल पे पर यूटिलिटी बिल्स पर 5% और स्विगी, जोमैटो, ओला पर 4% तक का कैशबैक देता है. अगर आप साल भर में इस कार्ड के जरिये ऐसे पेमेंट्स पर 1.5 लाख रुपये खर्च करते हैं, तो आपको लगभग 6,000 रुपये तक का कैशबैक मिल सकता है. कुछ कार्ड्स ऑनलाइन और ऑफलाइन स्पेंड पर अलग-अलग रेट से कैशबैक के साथ ही साथ उसे आपके कार्ड स्टेटमेंट में सीधे एडजस्ट करने की सुविधा भी देते हैं, जो रिवॉर्ड प्वाइंट्स से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
छिपे हुए चार्ज और रिडेम्पशन लिमिट
कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम करने पर चार्ज भी लगाती हैं. जैसे किसी कार्ड में हर बार पॉइंट्स रिडीम करने पर 99 रुपये + GST देना पड़ता है. इसके अलावा, कुछ कार्ड्स सिर्फ अपने ही प्लेटफॉर्म पर पॉइंट्स रिडीम करने की सुविधा देते हैं, जिससे आपकी पसंद सीमित हो जाती है. कुछ कार्ड्स में नियम होता है कि फ्लाइट या होटल बुकिंग में सिर्फ 50% या 70% रकम ही रिवॉर्ड पॉइंट्स से दी जा सकती है, बाकी राशि कार्ड से देनी होगी.
रिवॉर्ड प्वाइंट्स के चक्कर में बेवजह खर्च से बचें
यूजर्स को यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि कहीं वे क्रेडिट कार्ड्स के रिवॉर्ड प्वाइंट्स जुटाने और फिर उन्हें रिडीम करने के चक्कर में बेवजह के खर्च तो नहीं कर रहे? क्योंकि अक्सर कुल खर्च का बहुत छोटा हिस्सा ही रिवॉर्ड प्वाइंट्स से जाता है. उसमें भी अगर किसी खास प्लेटफॉर्म से खरीदारी की शर्त जुड़ी हुई है, तो हो सकता है आपको वहां उसी सामान की बढ़ी हुई कीमत देनी पड़ रही हो. हो सकता है किसी दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर या ऑफलाइन स्टोर पर वही सामान आपको बेहतर कीमत पर मिल रहा हो. इसलिए खरीदारी से जुड़ा कोई फैसला सिर्फ रिवॉर्ड प्वाइंट्स को ध्यान में रखकर न करें. इन सारी बातों और ऑप्शन्स को चेक करने के बाद ही ऑनलाइन शॉपिंग करें.
स्मार्ट यूजर बनें, सिर्फ दिखावे पर न जाएं
अगर आप समझदारी से क्रेडिट कार्ड चुनना चाहते हैं तो सिर्फ रिवॉर्ड पॉइंट्स के आंकड़ों पर नहीं, बल्कि उन पॉइंट्स की पैसों में असली वैल्यू, रिडेम्पशन की सुविधा और चार्जेस को भी जरूर जांचें. कम संख्या में लेकिन ज्यादा वैल्यू वाले पॉइंट्स आपको लंबे समय में ज्यादा फायदा देंगे. इसी तरह कैशबैक कार्ड्स भी कई बार रिवॉर्ड पॉइंट कार्ड्स से बेहतर साबित होते हैं. क्रेडिट कार्ड चुनते समय सिर्फ उस कार्ड को बेहतर न मानें जो ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट देता है. असली फायदा तभी है जब उन पॉइंट्स को रिडीम करते वक्त आपको अच्छी बचत हो, वह भी बिना किसी खास शर्त या चार्ज के. इसलिए अगली बार जब भी क्रेडिट कार्ड लें, तो का कैलकुलेशन जरूर करें और समझदारी से चुनाव करें.