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SBI Nifty200 Quality 30 Index Fund एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है जो Nifty200 Quality 30 Index को ट्रैक करेगा. (Image : Freepik)
SBI Mutual Fund NFO: एसबीआई म्यूचुअल फंड के नए फंड ऑफर में सब्सक्रिप्शन इसी हफ्ते बंद हो रहा है. एसबीआई निफ्टी 200 क्वॉलिटी 30 इंडेक्स (SBI Nifty200 Quality 30 Index Fund) के नाम से पेश यह NFO एक खास इंडेक्स को ट्रैक करेगा, जिसमें Nifty200 इंडेक्स से चुनी गई 30 सबसे मजबूत कंपनियां शामिल हैं. यह स्कीम उन निवेशकों के लिए है जो क्वॉलिटी कंपनियों में बिना ज्यादा रिसर्च के निवेश करना चाहते हैं. लेकिन 20 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुले इस एनएफओ में अभी निवेश करना क्या वाकई समझदारी होगी? आइए जानते हैं.
SBI निफ्टी 200 क्वॉलिटी 30 इंडेक्स फंड क्या है?
यह एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है जो Nifty200 Quality 30 Index को ट्रैक करेगा. इस इंडेक्स में Nifty200 इंडेक्स की 30 ऐसी कंपनियां शामिल हैं, जो तीन क्वॉलिटी पैरामीटर्स पर सबसे ऊपर रही हैं. ये पैरामीटर हैं - 1. रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE), 2. फाइनेंशियल लीवरेज (Debt-to-equity ratio) और कमाई की स्थिरता (Earnings Stability). इनके आधार पर कंपनियों को स्कोर दिया जाता है और फिर मार्केट कैप व क्वॉलिटी स्कोर के आधार पर वेटेज तय किया जाता है. इस इंडेक्स को हर साल दो बार - जून और दिसंबर में - रीबैलेंस किया जाता है. NFO में मिनिमम इनवेस्टमेंट 5,000 रुपये है, जबकि अतिरिक्त निवेश 1,000 रुपये और उसके मल्टीपल में किया जा सकता है. SIP के लिए डेली, वीकली, मंथली और सालाना ऑप्शन मौजूद हैं. रिस्कोमीटर पर इस एनएफओ को बहुत अधिक रिस्क (Very High Risk) की कैटेगरी में रखा गया है. इस स्कीम की यूनिट्स को अलॉटमेंट के 15 दिन के भीतर बेचने पर 0.25% एग्जिट लोड लगेगा, जबकि उसके बाद कोई एग्जिट लोड नहीं है.
निवेश रणनीति और टैक्सेशन
यह फंड पैसिव मैनेजमेंट को फॉलो करता है लेकिन 'क्वॉलिटी' फैक्टर के जरिए कुछ एक्टिव एलिमेंट भी शामिल करता है. जिससे निवेशकों को फंड मैनेजर के एक्टिव रिसर्च के बिना भी अच्छी कंपनियों में निवेश का मौका मिल सकता है. टैक्स की बात करें तो इस फंड की यूनिट्स को अगर आप 1 साल से पहले बेचते हैं, तो उस पर 20% टैक्स लगेगा. 1 साल या उससे ज्यादा समय बाद बेचने पर 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स देना होगा. हालांकि एक वित्त वर्ष के दौरान 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई LTCG टैक्स नहीं देना होगा.
इंडेक्स का सेक्टर वेटेज
यह इंडेक्स कुछ सेक्टर्स पर ज्यादा निर्भर है. FMCG (30.3%), आईटी (23.3%), और कैपिटल गुड्स (12.5%) तीनों मिलाकर 66% का वेट रखते हैं. जबकि टॉप 5 सेक्टर्स का कुल वेट 83% है, जो इसे काफी कंसंट्रेटेड इंडेक्स बनाता है.
फिलहाल इस इंडेक्स में शामिल टॉप 10 कंपनियां हैं:
Nestle India (5.9%)
Hindustan Unilever (5.3%)
Coal India (5.1%)
Britannia Industries (5.0%)
Asian Paints (4.7%)
ITC (4.7%)
Bharat Electronics (4.6%)
Colgate Palmolive (4.4%)
TCS (4.4%)
HCL Technologies (4.4%)
इंडेक्स का पिछला प्रदर्शन क्या बताता है?
न्यू फंड ऑफर (NFO) होने के कारण SBI म्यूचुअल फंड के नए इंडेक्स फंड के पिछले प्रदर्शन के आंकड़े भले ही हमारे सामने न हों, लेकिन इसका बेंचमार्क Nifty 200 Quality 30 Index अप्रैल 2018 से मौजूद है. इसलिए इस इंडेक्स के पिछले प्रदर्शन के आधार पर एनएफओ के प्रदर्शन का अनुमान लगाया जा सकता है. आंकड़े बताते हैं कि Nifty 200 Quality 30 Index का लॉन्च से अब तक यानी करीब 7 साल का औसत सालाना रिटर्न 13.7% रहा है, जबकि इसी दौरान इसके पैरेंट इंडेक्स Nifty 200 TRI का औसत सालाना रिटर्न 14.3% रहा है. 5 साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर यह इंडेक्स सिर्फ 30% समय में ही अपने पेरेंट इंडेक्स Nifty 200 से बेहतर रिटर्न दे सका है. यानी 'क्वॉलिटी' थीम पर आधारित होने के बावजूद इसका परफॉर्मेंस अपने मूल इंडेक्स से बेहतर नहीं रहा है.
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
अगर आप एक ऐसा फंड ढूंढ रहे हैं जिसमें क्वॉलिटी कंपनियां शामिल हों और जिसमें SIP के जरिए छोटी राशि से निवेश किया जा सके, तो यह स्कीम आपके लिए एक विकल्प हो सकती है. हालांकि इस इंडेक्स का पिछला परफॉर्मेंस उत्साहजनक नहीं रहा है और इसका स्ट्रक्चर भी कुछ सेक्टर्स पर ज्यादा निर्भर है, जिससे कंसंट्रेशन रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए अगर आप निवेश करना चाहें, तो भी पोर्टफोलियो में इसे 5-10 फीसदी से ज्यादा जगह देना सही नहीं होगा. साथ ही,इक्विटी फंड होने की वजह से इसमें कम से कम 7 साल या इससे ज्यादा समय तक निवेश बनाए रखने की तैयारी रखनी चाहिए. रिस्क लेवल वेरी हाई होने के कारण निवेश से पहले अपनी जोखिम बर्दाश्त करने की क्षमता को भी जरूर ध्यान में रखें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश करने या नहीं करने की सिफारिश करना नहीं. इक्विटी फंड्स में निवेश के साथ बाजार रिस्क हमेशा ही जुड़ा रहता है. निवेश का कोई भी फैसला स्कीम के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने और अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लेने के बाद ही करें. )