/financial-express-hindi/media/media_files/2025/05/26/tTCThqT5s6xxBTtsoZMH.jpg)
LTA Exemption in New Tax Regime : क्या एलटीए पर मिलने वाली टैक्स छूट न्यू रिजीम सेलेक्ट करने पर भी मिलेगी? (AI Generated Image)
LTA Exemption in New Tax Regime : साल 2025-26 के लिए इनकम टैक्स के नियमों में कई अहम बदलाव हुए हैं, जिनमें न्यू टैक्स रिजीम को ज्यादा आकर्षक बनाया गया है. लेकिन बहुत से लोगों के मन में अब भी यह सवाल है कि क्या एलटीए (LTA) यानी लीव ट्रैवल अलाउंस (Leave Travel Allowance) पर मिलने वाली टैक्स छूट न्यू टैक्स रिजीम अपनाने पर भी जारी रहेगी या नहीं? यह जानना जरूरी है क्योंकि LTA बहुत से कर्मचारियों के CTC का हिस्सा है और वे जानना चाहते हैं कि क्या वे अपने ट्रैवल बिल जमा करके न्यू टैक्स रिजीम में भी छूट ले सकते हैं.
न्यू टैक्स रिजीम में LTA पर टैक्स छूट मिलती है?
इस सवाल का सीधा जवाब है - नहीं. इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, न्यू टैक्स रिजीम में LTA पर टैक्स छूट का कोई प्रावधान नहीं है. अगर आप वित्त वर्ष 2025-26 के लिए न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं और आपकी सैलरी में LTA शामिल है, तो उस पर टैक्स देना होगा, चाहे आप यात्रा बिल जमा करें या नहीं.
न्यू टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने पर LTA का क्या होगा?
अगर आपकी कंपनी की ओर से आपको LTA मिलता है और आपने न्यू टैक्स रिजीम के तहत TDS कटवाने का विकल्प चुना है, तो वह पूरी रकम आपकी टैक्सेबल इनकम में शामिल होगी. मतलब, LTA पर छूट की सुविधा केवल पुरानी टैक्स रिजीम में ही उपलब्ध है.
क्या LTA पर हर साल मिलती है टैक्स छूट?
नहीं. LTA पर टैक्स छूट हर साल नहीं मिलती. यह सुविधा चार साल के एक ब्लॉक में दो बार मिलती है. मौजूदा ब्लॉक 1 जनवरी 2022 से शुरू होकर 31 दिसंबर 2025 तक चल रहा है. इस दौरान आप अधिकतम दो यात्राओं पर LTA छूट क्लेम कर सकते हैं. अगर किसी कर्मचारी ने इस ब्लॉक में केवल एक ही यात्रा की है, तो वह एक यात्रा को अगले ब्लॉक के पहले साल में ट्रांसफर कर सकता है.
प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों को कैसे मिलेगी LTA पर टैक्स छूट?
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं और LTA पर टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो आपको पुरानी टैक्स रिजीम अपनानी होगी. ओल्ड टैक्स सिस्टम के तहत आप सेक्शन 10(5) के तहत LTA पर छूट का दावा कर सकते हैं, बशर्ते आप कुछ नियमों का पालन करें.
क्या सरकारी कर्मचारियों के लिए नियम अलग हैं?
नहीं. सरकारी और प्राइवेट दोनों कर्मचारियों के लिए LTA छूट के नियम एक जैसे हैं. दोनों ही कैटेगरी के कर्मचारी यदि पुराने टैक्स रिजीम को चुनते हैं, तो उन्हें साल में दो बार यात्रा पर छूट मिल सकती है, चाहे वे भारत में कहीं भी यात्रा करें या अपने होम टाउन जाएं.
ओल्ड टैक्स रिजीम में LTA छूट लेने के लिए जरूरी शर्तें
अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करके LTA पर टैक्स छूट क्लेम करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए नियमों का पालन करना जरूरी है:
1. सैलरी में LTA शामिल होना चाहिए: एलटीए आपकी कंपनी के वेतन का हिस्सा होना चाहिए.
2. यात्रा बिल जमा करना जरूरी: यात्रा की कॉस्ट से जुड़े सभी बिल और दस्तावेज तय समय पर कंपनी को देने होंगे.
3. केवल भारत के अंदर यात्रा मान्य: एलटीए केवल भारत के अंदर की गई यात्राओं पर लागू होता है. विदेश यात्रा पर यह छूट नहीं मिलती.
4. परिवार के सदस्यों की यात्रा पर भी छूट: आप अपने पति/पत्नी, बच्चों, आश्रित माता-पिता और आश्रित भाई-बहनों की यात्रा पर भी एलटीए छूट ले सकते हैं.
5. केवल ट्रैवल खर्च पर छूट: होटल, खाने या अन्य खर्चों पर LTA की छूट नहीं मिलती. यह छूट सिर्फ एयर, रेल या रोड से की गई यात्रा के खर्च पर ही मिलती है.
अधिकतम कितना एलटीए क्लेम किया जा सकता है?
एलटीए छूट की रकम दो बातों पर निर्भर करती है:
यात्रा पर किया गया वास्तविक खर्च
कंपनी द्वारा एलटीए के रूप में दी गई रकम
अगर आपने यात्रा पर 40,000 रुपये खर्च किए हैं, लेकिन कंपनी की तरफ से आपके सैलरी पैकेज में एलटीए की रकम 30,000 ही है,तो आपको 30,000 रुपये पर ही टैक्स छूट मिलेगी.
LTA छूट के बिना भी फायदेमंद हो सकती है न्यू टैक्स फ्री रिजीम
न्यू टैक्स रिजीम में एलटीए पर टैक्स छूट भले ही न मिलती हो, लेकिन उसमें टैक्स फ्री इनकम की लिमिट काफी बढ़ चुकी है. अगर आप इस दायरे में आते हैं, यानी आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको नई रिजीम सेलेक्ट करने पर कोई टैक्स नहीं भरना होगा. सैलरीड लोगों के लिए 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को जोड़ दें तो सालाना टैक्स फ्री इनकम 12.75 लाख रुपये हो जाती है. इसके बाद मार्जिन रिलीफ का बेनिफिट भी मिलता है.
यानी अगर आप न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करते हैं, तो LTA पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी, और वह पूरी तरह टैक्सेबल होगा. लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स-फ्री होने के बाद अब ज्यादातर लोगों को टैक्स बचाने के लिए इसकी जरूरत नहीं रह गई है. ओल्ड टैक्स रिजीम अब उन्हीं लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनकी सालाना आमदनी 12 लाख से काफी अधिक है और वे इनकम टैक्स बचाने के लिए उपलब्ध हर सेक्शन का पूरा-पूरा इस्तेमाल करते हैं. अगर आपको यह तय करने में काफी मुश्किल हो रही है कि कौन सी टैक्स रिजीम चुनें, तो आईटीआर फाइलिंग से पहले किसी टैक्स एक्सपर्ट या फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह ले सकते हैं.