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Tax On Bitcoin : क्रिप्टो करेंसी पर प्रॉफिट बुक करने वालों को मुनाफे पर लागू टैक्स के नियम भी समझ लेने चाहिए. (Image : Pixabay)
Taxation On Cryptocurrency: बिटक्वॉयन (Bitcoin) की कीमतें फिलहाल 1 लाख डॉलर के आसपास चल रही हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होने के बाद से ही बिटक्वॉयन में तेजी नजर आ रही है. साथ ही डॉजकॉइन (Dogecoin), कार्डानो (Cardano), ईथर (Ether) और शीबा इनु (Shiba Inu) जैसी कई और पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी में भी 150% तक का उछाल देखा गया है. अगर आपके पास भी इनमें से कोई क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल एसेट है और आप उसमें प्रॉफिट बुक करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए इनसे होने वाले मुनाफे पर लागू टैक्सेशन के नियमों को समझना बेहद जरूरी है.
क्रिप्टो एसेट्स पर कैपिटल गेन टैक्स
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने क्रिप्टो करेंसी और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) से होने वाले मुनाफे पर 30% का फ्लैट टैक्स लागू किया था. टैक्स की यह दर आपके इनकम टैक्स स्लैब से जुड़ी हुई नहीं है. इसके अलावा, हर ट्रांजैक्शन पर 1% टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) भी लागू किया गया है.
कितने अलग हैं क्रिप्टो पर लागू टैक्स के नियम
क्रिप्टो एसेट्स पर लागू टैक्स के नियम म्यूचुअल फंड्स और स्टॉक्स जैसे ट्रेडिशनल इनवेस्टमेंट से अलग हैं. अगर आप एक क्रिप्टो एसेट बेचने पर मुनाफा कमाते हैं, लेकिन दूसरे पर नुकसान होता है, तब भी आपको मुनाफे पर 30% टैक्स चुकाना होगा. एक क्रिप्टो से दूसरे क्रिप्टो में नुकसान को एडजस्ट करने की छूट नहीं है और न ही इस नुकसान को आगे के वर्षों में कैरी-फॉरवर्ड किया जा सकता है. लेकिन अगर आप एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर रहे हैं, तो इसे इंटर्नल ट्रांसफर माना जाएगा और टैक्स नहीं लगेगा.
FIFO मेथड से टैक्स कैलकुलेशन
क्रिप्टो एसेट्स पर कैपिटल गेन्स के कैलकुलेशन के लिए फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (FIFO) मेथड का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब है कि जो एसेट आपने सबसे पहले खरीदा था, उसे सबसे पहले बेचा जाता है. उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 1 जनवरी 2024 को एक ईथर खरीदा और 1 नवंबर 2024 को दो और ईथर खरीदे, तो अगर आप 12 नवंबर को दो ईथर बेचते हैं, तो FIFO मेथड के अनुसार, पहले जनवरी का और फिर 1 नवंबर का ईथर गिना जाएगा. यह मेथड सभी क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन्स पर लागू होता है.
पेमेंट, एयरड्रॉप और NFT पर टैक्स
क्रिप्टो पेमेंट्स, एयरड्रॉप (airdrop) और नॉन-फंजिबल टोकन (NFTs) पर भी टैक्स लागू होता है. अगर आप किसी सर्विस के बदले में क्रिप्टो एसेट हासिल करते हैं, तो उसकी लागत तय करने में कठिनाई हो सकती है. एयरड्रॉप्स आमतौर पर निवेशकों को मुफ्त में दिए जाते हैं. लेकिन उन पर फेयर मार्केट वैल्यू के आधार पर 30% टैक्स लगता है. इन टोकन्स को बेचने, स्वैप करने पर भी मुनाफे पर 30% टैक्स लागू होता है. NFTs की बिक्री या ट्रांसफर से होने वाली आय पर भी 30% टैक्स लागू होता है. टैक्स के लिए मुनाफे का कैलकुलेशन करते समय सिर्फ खरीद मूल्य या अधिग्रहण की लागत को घटाने की इजाजत है.
टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लेने में है समझदारी
सभी सेंट्रलाइज्ड, इंटरनेशनल और डेफाई वॉलेट्स (DEFI : Decentralised Finance Wallets) को इनकम टैक्स फॉर्म में रिपोर्ट करना अनिवार्य है. यह जरूर देख लें कि एक्सचेंज द्वारा काटा गया TDS आपके पैन कार्ड से जुड़ा है और फॉर्म 26AS में सही ढंग से दिख रहा है. क्रिप्टो के टैक्सेशन का मसला कुछ उलझा हुआ है. अगर आपको इसे समझमें में परेशानी हो, तो टैक्स फाइलिंग के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेने में हिचकना नहीं चाहिए.