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NPS vs Equity Savings Funds: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए क्या है बेहतर, एनपीएस या इक्विटी सेविंग्स फंड्स?

Retirement Planning : नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और इक्विटी सेविंग्स फंड्स दोनों ही रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम दे सकते हैं. लेकिन यह कैसे तय करें कि इनमें से आपके लिए क्या बेहतर है?

Retirement Planning : नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और इक्विटी सेविंग्स फंड्स दोनों ही रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम दे सकते हैं. लेकिन यह कैसे तय करें कि इनमें से आपके लिए क्या बेहतर है?

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Viplav Rahi
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NPS vs Equity Savings Funds: एनपीएस और इक्विटी सेविंग्स फंड्स में से आपके लिए बेहतर क्या है? (Image : Pixabay)

Retirement Planning : NPS vs Equity Savings Funds: हर निवेशक चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद उसके लिए रेगुलर इनकम का सिलसिला बना रहे. नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) और इक्विटी सेविंग्स फंड्स, दो ऐसे इनवेस्टमेंट ऑप्शन हैं, जो रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम दे सकते हैं. दोनों ही योजनाओं की अपनी-अपनी विशेषताएं और फायदे हैं. NPS एक सरकार समर्थित योजना है, जिसके जरिये इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है. इसमें मैच्योरिटी पर 60 फीसदी तक टैक्स-फ्री निकासी (Withdrawal) की सुविधा मिलती है और बाकी 40 फीसदी रकम एन्युइटी खरीदने के लिए लगानी होती है. दूसरी ओर, इक्विटी सेविंग्स फंड्स अधिक फ्लेक्सिबल होते हैं, जिसमें निवेशकों को अपनी जरूरत के अनुसार पैसे निकालने की सुविधा मिलती हैं. हालांकि, इसमें टैक्स का बोझ और मैनेजमेंट फीस अधिक हो सकती है. इनमें से आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा, यह आपके फाइनेंशियल प्रिफरेंस और जरूरतों पर निर्भर करता है. इस बारे में कोई फैसला करने से पहले दोनों विकल्पों के प्रदर्शन, लागत, रिस्क और टैक्सेशन जैसी बातों पर विचार करना जरूरी है.

NPS: कम लागत और टैक्स-फ्री लाभ

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) का टियर 1 अकाउंट, रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है. यह योजना मुख्य रूप से इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स, दोनों में निवेश करती है. NPS में इक्विटी निवेश का हिस्सा निवेशक की उम्र पर निर्भर होता है, जो अधिकतम 75% तक हो सकता है. इस इक्विटी होल्डिंग में अधिकांश हिस्सेदारी लार्ज-कैप शेयरों की होती है. बाकी रकम AAA रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड्स और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ (GSec) में लगाई जाती है. NPS का एक बड़ा फायदा यह है कि आप अपने कॉर्पस का 60% तक हिस्सा टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं. बची हुई रकम को एन्युइटी में निवेश करना जरूरी है, जिससे आपको नियमित पेंशन मिलती रहती है. इसके अलावा, NPS की मैनजमेंट फीस भी 0.09% से अधिक नहीं होती, जो बेहद कम है.

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इक्विटी सेविंग्स फंड्स: फ्लेक्सिबिलिटी के साथ बैलेंस्ड रिटर्न

इक्विटी सेविंग्स फंड्स उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जो अपने निवेश पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं. यह फंड इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है, जिससे निवेश का संतुलन बना रहता है. इन फंड्स में इक्विटी का हिस्सा 15-40% और आर्बिट्राज का हिस्सा 25-50% तक हो सकता है. बाकी निवेश डेट में किया जाता है. इन फंड्स की खास बात यह है कि आप सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) के जरिये अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं. हालांकि इनकी मैनेजमेंट फीस NPS की तुलना में अधिक होती है. इक्विटी सेविंग्स फंड्स का एवरेज एक्सपेंस रेशियो 0.64% है. टैक्सेशन के मामले में भी यह फंड NPS की तुलना में कम फायदेमंद हैं. एक साल के बाद पैसे निकालने पर 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता, जबकि इससे अधिक कमाई पर 12.5% टैक्स देना पड़ता है. एक साल से पहले पैसे निकालने पर 20% शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

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पिछले 10 साल के प्रदर्शन में कौन है बेहतर?

पिछले 10 साल के आंकड़े बताते हैं कि रिटर्न के मामले में NPS ने आम तौर पर इक्विटी सेविंग्स फंड्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. दोनों तरह की योजनाओं के एवरेज रिटर्न के आधार पर कैलकुलेशन करें, तो पता चलता है कि अगर आपने NPS में 1 करोड़ रुपये का निवेश किया होता और हर महीने 50,000 रुपये निकालते, तो 10 साल बाद आपके पास 1.94 करोड़ रुपये बच जाते. इससे उलट, अगर उतनी ही रकम इक्विटी सेविंग्स फंड्स में लगाई जाती, और सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान के जरिये हर महीने 50 हजार रुपये निकालते, तो आपके पास 10 साल बाद 1.50 करोड़ रुपये बचते. इसके अलावा NPS से निकाले गए पैसों के टैक्स-फ्री होने की वजह से यह स्कीम और भी फायदेमंद बन जाती है.

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कहां है कम रिस्क और ज्यादा स्टेबिलिटी? 

NPS और इक्विटी सेविंग्स फंड्स दोनों ही ऐसे इनवेस्टमेंट ऑप्शन हैं, जिसमें सीधे बाजार में पैसे लगाने के मुकाबले रिस्क कम माना जाता है. लेकिन दोनों के पोर्टफोलियो की बनावट कुछ ऐसी है, जिसके कारण एनपीएस को इक्विटी सेविंग्स फंड्स की तुलना में कम रिस्की कहा जा सकता है. NPS का औसत स्टैंडर्ड डेविएशन भी 5.35% है, जो इक्विटी सेविंग्स फंड्स 5.4% की तुलना में थोड़ा कम है. यह बताता है कि NPS में ज्यादा स्टेबल रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. 

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कौन सा विकल्प चुनें?

अगर आप कम लागत, टैक्स-फ्री लाभ और ज्यादा रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, तो NPS आपके लिए बेहतर है. यह स्कीम खास तौर पर उन निवेशकों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए अपने रिटायरमेंट फंड को सुरक्षित रखना चाहते हैं. दूसरी ओर, अगर आप अपने रिटायरमेंट फंड पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं और अपनी जरूरत के अनुसार पैसे निकालने की सुविधा आपके लिए जरूरी है, तो इक्विटी सेविंग्स फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं. यानी टैक्स-फ्री निकासी और कम लागत के लिहाज से NPS को लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए बेहतर कहा जा सकता है. जबकि इक्विटी सेविंग्स फंड्स उन निवेशकों की जरूरतें पूरी कर सकते हैं, जिन्हें ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए. कुल मिलाकर देखें, तो NPS और इक्विटी सेविंग्स फंड्स दोनों ही रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए अच्छे विकल्प हैं. आपके निवेश का फैसला आपकी प्राथमिकताओं, जोखिम लेने की क्षमता और इनवेस्टमेंट के लक्ष्य पर निर्भर करता है.