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LTCG New Regime: कैपिटल गेन्स से जुड़े बदलावों पर CBDT ने अपनी तरफ से सफाई दी है. (Image : Pixabay)
CBDT on LTCG New Regime: कैपिटल गेन्स से जुड़े टैक्स प्रावधानों में किए गए बदलावों पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अपनी तरफ से सफाई दी है. बोर्ड ने इसके लिए ऐसे कई सवालों के जवाब देने की कोशिश की है, जो बजट के बाद से आम लोगों के मन में उठ रहे हैं. खास तौर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव करके प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म किए जाने का भारी विरोध हो रहा है. यही वजह है कि CBDT की तरफ से जारी FAQs में ज्यादातर जवाब इसी मुद्दे पर दिए गए हैं. इसके साथ ही शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने के फैसले पर भी अपना पक्ष रखा है. इनकम टैक्स विभाग भी सोशल मीडिया पोस्ट में कैलकुलेशन जारी करके दावा कर चुका है कि LTCG के नए नियम ज्यादातर मामलों में फायदेमंद हैं.
कैपिटल गेन्स पर पूछे जा रहे सवाल और उनके जवाब
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अपने FAQs में कुल मिलाकर 13 सवालों के जवाब दिए हैं, जिन्हें आप यहां देख सकते हैं:
सवाल 1. कैपिटल गेन के टैक्सेशन में बजट के जरिए क्या बड़े बदलाव किए गए हैं?
CBDT का जवाब: कैपिटल गेन के टैक्सेशन को सरल और तर्कसंगत बनाया गया है. इसके लिए 5 पैरामीटर अपनाए गए हैं:
होल्डिंग पीरियड को सरल बनाया गया है. अब केवल दो होल्डिंग पीरियड हैं : 1 साल और 2 साल.
अधिकांश एसेट्स के लिए रेट्स को तर्कसंगत और एक समान बनाया गया है.
कैलकुलेशन की आसानी के लिए इंडेक्सेशन को खत्म कर दिया गया है.
इसके साथ ही LTCG टैक्स की दर को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है.
निवासी और अनिवासी भारतीयों के बीच फर्क खत्म कर दिया गया है.
रोल ओवर से जुड़े लाभों में कोई बदलाव नहीं नहीं किया गया है.
सवाल 2. टैक्सेशन के नए नियम कब से लागू होंगे?
CBDT का जवाब: कैपिटल गेन के टैक्सेशन के लिए नए प्रावधान 23 जुलाई 2024 से ही लागू कर दिए गए हैं और 23 जुलाई 2024 को या उसके बाद किए गए किसी भी ट्रांसफर पर लागू होंगे.
सवाल 3. होल्डिंग पीरियड को कैसे सरल बनाया गया है?
CBDT का जवाब: पहले किसी एसेट को दीर्घकालिक पूंजीगत एसेट मानने के लिए तीन होल्डिंग पीरियड होते थे. अब होल्डिंग पीरियड को सरल बना दिया गया है और केवल दो ही होल्डिंग पीरियड हैं - लिस्टेड सिक्योरिटीज़ के लिए एक साल और बाकी सभी एसेट्स के लिए दो साल.
सवाल 4. होल्डिंग पीरियड में बदलाव से किसे लाभ होगा?
CBDT का जवाब: सभी लिस्टेड एसेट्स का होल्डिंग पीरियड अब एक साल होगा. इसलिए व्यावसायिक ट्रस्टों की लिस्टेड इकाइयों (ReITs, InVITs) के लिए भी होल्डिंग पीरियड 36 महीने से घटाकर 12 महीने कर दिया गया है. गोल्ड और गैर-लिस्टेड सिक्योरिटीज़ (गैर-लिस्टेड शेयरों के अलावा) बाकी एसेट्स के होल्डिंग पीरियड भी 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दिए गए है.
सवाल 5. अचल संपत्ति यानी रियल एस्टेट और गैर-लिस्टेड शेयरों के होल्डिंग पीरियड के बारे में क्या प्रावधान है?
CBDT का जवाब: अचल संपत्ति और गैर-लिस्टेड शेयरों का होल्डिंग पीरियड पहले की तरह ही यानी 24 महीने ही रहेगा.
सवाल 6. एसटीटी भुगतान वाली पूंजीगत संपत्तियों (STT paid capital assets) के लिए टैक्स रेट के स्ट्रक्चर में क्या बदलाव हुआ है?
CBDT का जवाब: एसटीटी भुगतान वाली लिस्टेड इक्विटी, इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड और बिजनेस ट्रस्ट की इकाइयों (सेक्शन 111 ए) से हुए शॉर्ट-टर्म गेन पर टैक्स का रेट 15 से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है. इसी तरह लॉन्ग टर्म गेन (सेक्शन 112 ए) के लिए टैक्स की दर 10 से बढ़ाकर 12.5% कर दी गई है.
सवाल 7. क्या लंबी अवधि के सेक्शन 112A के तहत कैपिटल गेन के लिए टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव हुआ है जो पहले एक लाख रुपये थी?
CBDT का जवाब: हां. इन संपत्तियों पर LTCG के लिए 1 लाख रुपये की टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है. यह बढ़ी हुई लिमिट वित्त वर्ष 2024-25 और उसके बाद के वर्षों के लिए लागू होगी.
सवाल 8. दूसरे एसेट्स पर लागू लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की नई दरें क्या हैं?
CBDT का जवाब: सभी एसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर को बिना इंडेक्सेशन के 12.5% (सेक्शन 112) कर दिया गया है. यह दर पहले इंडेक्सेशन के साथ 20% थी. इससे कैपिटल गेन के टैक्सेशन को सरल बनाने और उनके कैलकुलेशन में आसानी होगी.
सवाल 9. LTCG टैक्स की दर को 20% (इंडेक्सेशन के साथ) की जगह 12.5% (इंडेक्सेशन के बिना) करने से किन्हें फायदा होगा?
CBDT का जवाब: दर में कमी से हर कैटेगरी के एसेट्स पर लाभ होगा. अधिकांश मामलों में, टैक्सपेयर्स को काफी लाभ होगा. लेकिन जहां इंफ्लेशन के मुकाबले गेन कम है, ऐसे कुछ मामलों में लाभ कम होगा या नहीं होगा.
सवाल 10. क्या टैक्सपेयर्स को कैपिटल गेन पर रोल ओवर का फायदा मिलता रहेगा?
CBDT का जवाब: हां. रोल ओवर का लाभ पहले की तरह ही मिलेगा. इनकम टैक्स एक्ट के तहत पहले से उपलब्ध रोल ओवर लाभों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसलिए, जो करदाता कम रेट्स पर भी LTCG कर पर बचत करना चाहते हैं, वे लागू शर्तों को पूरा करने पर रोल ओवर लाभ प्राप्त करना जारी रख सकते हैं.
सवाल 11. रोल ओवर लाभ के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को किन एसेट्स में निवेश किया जा सकता है?
CBDT का जवाब: रोल ओवर का फायदा उठाने के लिए, टैक्सपेयर सेक्शन 54 या सेक्शन 54F के तहत हाउस प्रॉपर्टी में या सेक्शन 54EC के तहत कुछ बॉन्ड में अपने लाभ का निवेश कर सकते हैं. सभी रोल ओवर लाभों के पूर्ण विवरण के लिए, आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54, 54B, 54D, 54EC 54F, 54G को देख सकते हैं.
सवाल 12. रोल ओवर का लाभ कितनी रकम तक उपलब्ध है?
CBDT का जवाब: कैपिटल गेन की रकम को अगर 54EC बॉन्ड (50 लाख रुपये तक) में निवेश किया जाए, या कुछ अन्य मामलों में, कैपिटल गेन कुछ खास शर्तों के तहत टैक्स से मुक्त है.
सवाल 13. इन तमाम बदलावों के पक्ष में सबसे बड़ी दलील क्या है?
CBDT का जवाब: किसी भी टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने से उसके पालन में आसानी होती है. जैसे कि कैलकुलेशन, फाइलिंग, रिकॉर्ड मेंटेनेंस वगैरह आसान हो जाता है. इससे अलग-अलग तरह के एसेट्स के लिए अलग-अलग रेट्स की समस्या भी दूर हो जाती है.