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NPS में प्राइवेट कर्मचारियों के लिए टैक्स-फ्री निवेश की बढ़ेगी लिमिट, नई टैक्स रिजीम में मिलेगा फायदा

NPS Budget Proposal : न्यू टैक्स रिजीम में प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी सेक्शन 80CCD(2) के तहत NPS में 14% तक कर सकेंगे टैक्स-फ्री निवेश. फिलहाल 10% है लिमिट.

NPS Budget Proposal : न्यू टैक्स रिजीम में प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी सेक्शन 80CCD(2) के तहत NPS में 14% तक कर सकेंगे टैक्स-फ्री निवेश. फिलहाल 10% है लिमिट.

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Viplav Rahi
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बजट में सरकार ने NPS में टैक्स-फ्री निवेश की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. (Image: Pixabay)

NPS gets more attractive under new tax regime: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के जरिए न्यू टैक्स रिजीम और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. वित्त मंत्री ने बजट में प्रस्ताव किया है कि प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए एंप्लॉयर के जरिये एनपीएस में किए जाने वाले निवेश की सीमा को बढ़ा दिया जाए. अब तक निजी क्षेत्र के कर्मचारी एंप्लॉयर के जरिए अपनी बेसिक सैलरी का अधिकतम 10% हिस्सा NPS में निवेश कर सकते हैं. लेकिन अब इस लिमिट को बढ़ाकर 14% करने का प्रस्ताव है. यह बढ़ा हुआ फायदा निजी क्षेत्र के सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जो नई टैक्स रिजीम को अपनाएंगे. सरकारी कर्मचारियों को NPS में 14% तक निवेश की सुविधा पहले से मिली हुई है. 

क्या हैं आयकर के मौजूदा नियम 

दरअसल, आयकर के मौजूदा नियमों के तहत प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(2) के तहत अपने मूल वेतन का 10% तक हिस्सा NPS में निवेश करने की छूट है. लेकिन यह निवेश एंप्लॉयर के जरिये ही किया जा सकता है. मिसाल के तौर पर अगर आपकी बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये है, तो आपकी कंपनी आपकी ओर से NPS में 10,000 (मूल वेतन का 10%) का योगदान कर सकती है, जो टैक्स-फ्री होगा. बजट में पेश प्रस्ताव के लागू होने के बाद न्यू रिजीम अपनाने वाले कर्मचारियों के लिए यह लिमिट बढ़कर 14,000 रुपये हो जाएगी.

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बजट प्रस्ताव से क्या होगा लाभ?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(2) के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए NPS में कंट्रीब्यूशन करके टैक्स बेनिफिट लेने की सीमा बढ़ जाएगी. यह सेक्शन आपके एंप्लॉयर को आपकी ओर से आपके NPS खाते में कंट्रीब्यूशन करने की अनुमति देता है, और यह रकम आपके लिए टैक्स-फ्री होती है.

क्या है बड़ा बदलाव? 

पहले टैक्स-फ्री कंट्रीब्यूशन की लिमिट आपके मूल वेतन के 10% के बराबर थी. अब, न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए इसे बढ़ाकर 14% कर दिया गया है.

आपको कैसे हो सकता है फायदा?

मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 1,00,000 रुपये प्रति माह है.

  • पुराने नियम के तहत, आपका एंप्लॉयर आपके NPS खाते में ₹10,000 (₹1,00,000 का 10%) टैक्स-फ्री कंट्रीब्यूशन कर सकता था.

  • नए नियम के तहत यह टैक्स-फ्री कंट्रीब्यूशन ₹14,000 (₹1,00,000 का 14%) तक जा सकता है.

किन लोगों को मिलेगा फायदा ?

इस बदलाव के बाद एनपीएस में 14 फीसदी तक निवेश का लाभ, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी मिलने लगेगा. यह लाभ पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलता था. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि 14% की हायर लिमिट केवल तभी लागू होगी, जब आप न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करेंगे.

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क्यों महत्वपूर्ण है नया प्रस्ताव?

1. बढ़ी हुई कंट्रीब्यूशन लिमिट का मतलब है कि अब आप उतनी रकम पर टैक्स चुकाए बिना अपनी रिटायरमेंट के लिए अधिक सेविंग कर सकते हैं.

2. NPS में 14 फीसदी निवेश की छूट से यह स्कीम प्रॉविडेंट फंड जैसी पुरानी स्कीम का विकल्प बन सकती है. 

3. सैलरी पाने वाले लोगों को कानूनी तरीके से टैक्स बचाने का मौका मिलेगा, जिससे नियमों के पालन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा सकती है. 

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ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या है NPS का फायदा ?

हालांकि बजट प्रस्ताव में एनपीसी की टैक्स-फ्री निवेश लिमिट बढ़ाने का फायदा सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम के लिए है, लेकिन अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के साथ बने रहते हैं, तो भी अलग-अलग सेक्शन्स के तहत NPS का फायदा ले सकते हैं :

  • सेक्शन 80CCD(1): ₹1.5 लाख तक की कटौती
  • सेक्शन 80CCD(1B): अतिरिक्त ₹50,000 की कटौती
  • सेक्शन 80CCD(2): एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन (मूल वेतन का 10%)


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NPS वात्सल्य : बच्चों के लिए नई स्कीम 

सरकार ने NPS वात्सल्य नामक एक नई योजना भी शुरू की है. यह माता-पिता या पेरेंट्सों को 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए NPS खाते खोलने की अनुमति देता है. एक बार जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तो इस खाते को आसानी से नियमित NPS खाते में परिवर्तित किया जा सकता है.

NPS वात्सल्य क्यों महत्वपूर्ण है?

1. इनवेस्टमेंट जर्नी जल्दी शुरू करने की अहमियत : यह माता-पिता को बहुत कम उम्र से अपने बच्चों के लिए रिटायरमेंट प्लान शुरू करने की अनुमति देता है.

2. कंपाउंडिंग का कमाल : जल्दी शुरू करने का मतलब है कि निवेश को चक्रवृद्धि ब्याज के माध्यम से बढ़ने के लिए अधिक समय मिलता है.

3. फाइनेंशियल लिटरेसी: यह बच्चों को कम उम्र से ही लॉन्ग टर्म सेविंग के महत्व के बारे में सिखाने में मदद कर सकता है.

NPS में ये बदलाव लॉन्ग टर्म सेविंग की आदत को बढ़ावा देने और 2047 तक देश में पेंशन कवरेज वाले लोगों की संख्या बढ़ाने के मकसद से किए गए हैं. NPS को अधिक आकर्षक बनाकर और बच्चों के लिए विकल्प पेश करके, सरकार हर उम्र के लोगों को रिटायरमेंट प्लान से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.