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Car Insurance: छोटे अमाउंट के लिए क्लेम करें या नहीं? जान लें इसका नफा नुकसान

Car Insurance: अगर आप कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो कार इंश्योरेंस लेना जरूरी है. ध्यान रहे कि कार इंश्योरेंस का डेट निकल जाने के पहले समय से इसका रिन्यूअल भी करा लें.

Car Insurance: अगर आप कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो कार इंश्योरेंस लेना जरूरी है. ध्यान रहे कि कार इंश्योरेंस का डेट निकल जाने के पहले समय से इसका रिन्यूअल भी करा लें.

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Sushil Tripathi
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Car Insurance Claim Tips

Claim Tips: अगर छोटे मोटे अमाउंट के लिए बार-बार क्लेम लेते हैं, तो आगे चलकर यह परेशानी खड़ी कर सकता है. (Pixabay)

Car Insurance Claim Key Tips: अगर आप कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो कार इंश्योरेंस लेना जरूरी है. ध्यान रहे कि कार इंश्योरेंस का डेट निकल जाने के पहले समय से इसका रिन्यूअल भी करा लें. असल में कार इंश्योरेंस होने का फायदा उस समय मिलता है, जब आपकी कार के साथ कोई दुर्घटना हो जाए. कार के ​किसी हिस्से के डैमेज होने पर आप उसकी मरम्मत के लिए क्लेम कर सकते हैं. क्लेम के बाद कार इंश्योरेंस कंपनी मरम्म्त पर खर्च होने वाली राशि देती है. वहीं व्हीकल का ओनर अगर एक साल तक क्लेम न लें तो फिर इसका फायदा आगे मिलता है. लेकिन अगर आप छोटे मोटे अमाउंट के लिए बार-बार क्लेम लेते हैं, तो फिर आगे चलकर यह परेशानी खड़ी कर सकता है. इस बारे में गौरव अरोड़ा, चीफ- अंडरराइटिंग एंड क्लेम्स प्रॉपर्टी एंड कैजुअल्टी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी लिमिटेड ने कुछ जरूरी जानकारियां दी हैं.

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1 सवाल: क्या यह सच है कि आपको अपनी कार में छोटे मोटे नुकसान के लिए क्लेम दायर नहीं करना चाहिए? क्योंकि भले ही राशि छोटी हो, लेकिन यह आपके द्वारा दायर क्‍लेम की संख्या में जुड़ जाएगी?

जवाब: ग्राहक/बीमाधारक को मोटर इंश्‍योरेंस में 3 महत्वपूर्ण शर्तों के बारे में पता होना चाहिए, जैसे प्‍वॉइंट ऑफ क्‍लेम पर अतिरिक्त/कटौती, नो क्लेम बोनस (एनसीबी) का बेनेफिट और पॉलिसी अवधि के दौरान आपके द्वारा दायर की गई क्‍लेम की संख्या.

इंश्‍योरेंस कंपनी द्वारा भुगतान किए गए हर क्‍लेम के एवज में एक अनिवार्य कटौती होती है, जिसे आपको आईआरडीएआई रेगुलेशन के अनुसार वहन करना होगा. यह कटौती योग्य राशि अलग अलग वाहनों के अनुसार अलग अलग हो सकती है और प्राइवेट कार के लिए यह 1000 रुपये से 2000 रुपये तक हो सकती है. इसके अलावा, अगर आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई क्‍लेम लेते हैं, तो नो क्लेम बोनस जीरो हो जाता है और आने वाले सालों में रिन्यूअल के समय आप प्रीमियम में मिलने वाली छूट का बेनेफिट खो देंगे.  इसके अलावा, आपकी पॉलिसी के रिन्यूअल के दौरान, इंश्‍योरेंस कंपनी पिछले इंश्‍योरेंस में लिए गए क्‍लेम की संख्या की भी जांच करती है और रिन्यूअल प्रीमियम ज्‍यादा हो सकता है. इन 3 स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, रिपेयर में खर्च होने वाली छोटी छोटी राशि की क्लेम करने से बचना चाहिए. 

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2 सवाल: क्या किसी व्यक्ति द्वारा एक साल में दायर किए जा सकने वाले इंश्‍योरेंस क्‍लेम की संख्या की कोई अधिकतम सीमा है (इंश्योरेंस कंपनियों के बीच)?

जवाब: नहीं, भारत में सभी इंश्योरेंस कंपनियों में मोटर इंश्‍योरेंस में एक साल में अधिकतम क्लेम दायर करने की कोई सीमा नहीं है.

3 सवाल:  जब जीरो डेप्रिसिएशन, इंजन सेफ्टी या ऐड-ऑन की बात आती है, तो क्या आपके द्वारा एक साल में दायर किए जा सकने वाले क्‍लेम की संख्या की कोई लिमिट है? क्या ऐड-ऑन सुविधाओं के तहत क्लेम की संख्या को बेस प्लान के अंतर्गत क्लेम की संख्या से अलग काउंट किया जाता है?

जवाब: बेस पॉलिसी के तहत किए जाने वाले क्‍लेम की संख्या की लिमिट नहीं है, लेकिन जीरो डेप्रिसिएशन का लाभ पाने के लिए, क्लेम की संख्या अलग अलग इंश्योरेंस कंपनियों के लिए अलग अलग हो सकती है. बेस प्‍लान और ऐड-ऑन के तहत क्लेम एक ही क्‍लेम माना जाता है.

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4 सवाल: क्या आपको तब तक क्लेम दायर करने से बचना चाहिए जब तक कि कार की मरम्मत में लागत 25,000 रुपये से अधिक हो? 

जवाब: अगर आप क्लेम दायर न करने पर कटौती योग्य और नो क्लेम बोनस का लाभ ले रहे हैं, तो आपको कम मूल्य का क्लेम लेने से बचना चाहिए.

उदाहरण के लिए (रुपये में वैल्‍यू)

क्‍लेम अमाउंट: 6000 रुपये

अगर आप क्लेम नहीं करते हैं तो रिन्यूअल में नो क्लेम बोनस: 3500 रुपये

अगर आप क्लेम करते हैं तो इंश्‍योरेंस कंपनी द्वारा लागू अनिवार्य कटौती: 2000 रुपये

यहां आपको 3500 रुपये का नो क्लेम बोनस मिल रहा है, अगर आप क्‍लेम नहीं करते हैं तो इससे आपको लाभ होगा क्योंकि आप अपने नो क्लेम बोनस की सुरक्षा कर सकते हैं.

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5 सवाल: क्या अधिक क्लेम दायर करने का मतलब यह है कि अगले साल आपका इंश्योरेंस बीमा प्रीमियम अधिक होगा?

जवाब: हां, एनसीबी बेनेफिट समाप्त हो जाएगा और क्लेम के अनुभव के आधार पर प्रीमियम अमाउंट भी बढ़ सकता है.

6 सवाल: अगर आप किसी अलग इंश्‍योरेंस कंपनी के साथ अपनी कार इंश्‍योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करने का निर्णय लेते हैं, तो क्या आपको पॉलिसी और प्रीमियम राशि देने का उनका निर्णय आपके पिछले क्लेम के रिकॉर्ड (आपके द्वारा पहले के सालों में दायर की गई संख्या और राशि) पर निर्भर करेगा? किसी का क्लेम रिकॉर्ड किसी अन्य इंश्‍योरेंस कंपनी के साथ आपके रिन्यूअल को कैसे प्रभावित कर सकता है?

जवाब: जैसा कि ऊपर बताया गया है, एनसीबी बेनेफिट खत्म हो जाएगा. इंश्‍योरेंस कंपनी व्यक्तिगत स्तर पर जोखिम का मूल्यांकन कर सकती है और क्‍लेम के अनुभव और पिछली इंश्‍योरेंस कंपनी से लिए गए क्‍लेम की संख्या के अनुसार प्रीमियम चार्ज कर सकती है.

7 सवाल: अगर आप पिछले साल में कोई क्लेम दायर नहीं करते हैं तो आपको अपने प्रीमियम पर मिलने वाली सामान्य छूट क्या (%) है? क्या यह छूट कुल प्रीमियम राशि पर लागू होती है? क्या आपको इस छूट के लिए इंश्‍योरेंस कंपनी से संपर्क करना होगा या जब आप अपनी पॉलिसी रिन्यू करते हैं तो यह ऑटोमेटिक रूप से लागू हो जाती है?

जवाब: अगर आप पहले साल में क्लेम नहीं करते हैं तो नो क्लेम बोनस 20% होगा. दूसरे साल में यह बढ़कर 25%, तीसरे साल में 35%, चौथे साल में 45% और पांचवें साल में 50% हो जाता है. कोई भी लगातार 5 साल तक क्लेम फ्री होने पर अधिकतम 50% नो क्लेम बोनस हासिल कर सकता है. पिछले सालों की क्‍लेम की स्थिति के आधार पर इंश्योरेंस लेने वाले को  रूप से ऑटोमैटिक रूप से नो क्लेम बोनस प्रदान किया जाता है.

8 सवाल: क्या यह मायने रखता है कि आपकी कार पुरानी है या नई (पहली स्थिति में आईडीवी कम होगी) - क्या पुरानी कार वाले किसी व्यक्ति को बहुत अधिक क्लेम दायर करने के बारे में अधिक सावधान रहना चाहिए?

जवाब: वाहन नया हो या पुराना, ऊपर बताई गई 3 स्थितियों के बारे में पता होना चाहिए. इंश्‍योरेंस कंपनी व्यक्तिगत स्तर पर जोखिम का मूल्यांकन कर सकती है और क्‍लेम के अनुभव और पिछली इंश्‍योरेंस कंपनी से लिए गए क्‍लेम की संख्या के अनुसार प्रीमियम वसूल सकती है. कुल नुकसान या चोरी की स्थिति में ही क्लेम के निपटान के लिए आईडीवी पर विचार किया जाएगा. अगर क्लेम का मूल्यांकन कुल हानि या चोरी के रूप में किया जाता है तो आईडीवी का भुगतान किया जाएगा.

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