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Common Insurance Mistakes : बीमा खरीदते वक्त न करें ये गलतियां, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

These Common Mistakes to Avoid while Buying Insurance : बीमा आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत अहम है, लेकिन अगर आप कुछ आम गलतियां करते हैं, तो यह आपके वित्तीय भविष्य को खतरे में डाल सकता है.

These Common Mistakes to Avoid while Buying Insurance : बीमा आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत अहम है, लेकिन अगर आप कुछ आम गलतियां करते हैं, तो यह आपके वित्तीय भविष्य को खतरे में डाल सकता है.

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FE Hindi Desk
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Edme Insurance Brokers, UIB Insurance Brokers (India)

These Common Insurance Mistakes Must avoid: आइए उन आम गलतियों पर एक नज़र डालते हैं जिनसे इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय हमे बचना चाहिए. (Pexels Image)

These Common insurance mistakes you must avoid for financial security : इंश्योरेंस फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा है. यह एक सेफ्टी नेट की तरह काम करता है जो अचानक आई मुसीबतों का सामना करने और आपकी सेविंग को खत्म होने से बचाता है. बीमा एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट है जहां बीमा कंपनी आपके द्वारा कवर किए गए नुकसान की भरपाई करती है, ताकि अचानक हुई परेशानी में आपके पैसे सुरक्षित रहें. अलग-अलग बीमा जैसे लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ या कार इंश्योरेंस अलग-अलग ज़रूरतें पूरी करती हैं. मगर बीमा चुनते वक्त जटिल शब्दजाल और नियमों की वजह से लोग अक्सर गलतियां कर बैठते हैं, जो बाद में महंगी पड़ सकती हैं.

बीमा आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत अहम है, लेकिन अगर आप कुछ आम गलतियां करते हैं, तो यह आपके वित्तीय भविष्य को खतरे में डाल सकता है. ऐसे आइए एक नज़र डालते हैं उन आम गलतियों पर जिनसे इंश्योरेंस प्लान खरीदते समय हमें बचना चाहिए.

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बीमा से जुड़ी 7 आम गलतियां जिनसे हर किसी को बचनी चाहिए

अपनी जरूरत न समझना

सबसे आम और बड़ी गलती है अपनी असल जरूरत को न समझना और बिना सोचे-समझे बीमा खरीद लेना. पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के चीफ बिजनेस ऑफिसर संतोष अग्रवाल बताते हैं कि दिल्ली के एक युवा ने सोचा कि उसके परिवार के लिए 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस काफी है. मगर मेट्रो सिटी में इलाज का खर्च इतना अधिक है कि गंभीर बीमारी में यह रकम कम पड़ सकती है. ऐसे में हर इंसान के लिए कम से कम 25 लाख का कवर होना चाहिए ताकि इमरजेंसी जैसी स्थिति में जेब से पैसा न निकालना पड़े. ऐसे में लोगों की नसीहत है कि बीमा लेने से पहले अपनी जरूरतें, परिवार के सदस्य और जगह का ध्यान जरूर रखें.

पॉलिसियों की तुलना न करना

अक्सर लोग सिर्फ एजेंट की सलाह पर बीमा खरीद लेते हैं, जबकि एजेंट कमीशन वाली पॉलिसी बेचने पर जोर देते हैं. मिसाल के लिए, एक परिवार ऐसी महंगी पॉलिसी में फंस सकता है जिसमें फायदे कम हों, जबकि बाजार में उससे बेहतर और सस्ते विकल्प मौजूद हों. ऐसे में ऑनलाइन पोर्टल्स पर अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसियों के कवरेज, खर्च और शर्तों की तुलना करना समझदारी है. यह आसान तरीका आपकी जेब और जरूरत दोनों का ख्याल रखेगा.  ध्यान रहे बीमा चुनते समय जल्दबाजी न करें. सही जानकारी और तुलना से आप एक ऐसी पॉलिसी चुन सकते हैं जो वाकई में आपकी मुश्किल वक्त में मददगार साबित हो.

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जरूरी जानकारी छिपाना

बीमा कराते वक्त पूरी ईमानदारी दिखाना बेहद जरूरी है. संतोष अग्रवाल बताते हैं कि जानबूझकर जानकारी छिपाना आपको मुसीबत में डाल सकता है. जैसे, एक स्मोकर अगर अपनी यह आदत छिपाकर जीवन बीमा लेता है और क्लेम के वक्त कंपनी को इसका पता चलता है, तो पॉलिसी कैंसिल हो सकती है. धूम्रपान, पुरानी बीमारियां, या पिछले क्लेम जैसी बातें छिपाने से क्लेम मिलने में दिक्कत आती है. इससे आपके परिवार को संकट के वक्त सुरक्षा नहीं मिल पाती.

पॉलिसी की शर्तों को नजरअंदाज करना

 अक्सर लोग बीमा की फाइन प्रिंट (विस्तृत शर्तें) नहीं पढ़ते. मिसाल के लिए, अगर आपने थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस लिया है और कार चोरी हो जाए, तो आपको कोई मुआवजा नहीं मिलेगा क्योंकि यह पॉलिसी चोरी को कवर नहीं करती. ऐसे में पूरा नुकसान आपको उठाना पड़ता है. इसलिए, प्लान चुनने से पहले उसके एक्सक्लूजन्स (क्या कवर नहीं है), डिडक्टिबल्स (कटौती योग्य राशि), और लाभों को ध्यान से समझें.

सस्ती प्रीमियम को तवज्जो देना

सस्ती पॉलिसी लेने के चक्कर में लोग जरूरी कवर छोड़ देते हैं. जैसे, एक युवा जोड़े ने कम प्रीमियम वाला हेल्थ इंश्योरेंस लिया, मगर उन्होंने सह-भुगतान यानी को-पे (co-pay) और कवर न होने वाले इलाज पर ध्यान नहीं दिया. बाद में बड़ी बीमारी में उन्हें अस्पताल का भारी बिल खुद भरना पड़ा. इसलिए, पॉलिसी चुनते वक्त कम प्रीमियम की बजाय कवरेज की गुणवत्ता पर फोकस करें. बीमा कराने से पहले एजेंट से पॉलिसी डॉक्यूमेंट जरूर मांगें.  समझ न आए तो किसी वित्तीय सलाहकार से पूछें और न कवर होने वाले पहलुओं की लिस्ट बना लें – यही आपको भविष्य में झटके से बचाएगी.

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पॉलिसी की नियमित जांच न करना

जीवन में बदलाव के साथ बीमा की ज़रूरतें भी बदलती हैं. मान लीजिए आपने घर में नया कमरा बनवाया या किचन अपग्रेड किया. इससे घर की कीमत बढ़ गई, मगर अगर आपने बीमा कंपनी को यह जानकारी नहीं दी, तो भविष्य में क्लेम करते समय दिक्कत आ सकती है. हर साल या बड़े बदलाव होने पर अपनी पॉलिसी को अपडेट करवाना ज़रूरी है. नहीं तो, क्लेम रिजेक्ट होने का खतरा रहता है.  

क्लेम प्रक्रिया को न समझना

सिर्फ बीमा खरीद लेना काफी नहीं है. अग्रवाल कहते हैं कि मान कर चलें कि हेल्थ इमरजेंसी में एक फैमिली क्लेम के पेचीदा प्रोसेस में फंस जाता है. इसलिए, ऐसी कंपनी चुनें जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो अच्छा हो और प्रक्रिया आसान हो. ताकि मुश्किल वक्त में यह आपकी मेहनत की कमाई बचा जाए.

इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त ये 7 गलतियां न करें. अपनी जरूरतें समझें, विभिन्न कंपनियों के पॉलिसियों की आपस में तुलना करें, और उसके सभी शर्तों को अच्छी तरीके से समझ लें. सही प्लान आपकी ज़िंदगी की अनिश्चितताओं के खिलाफ एक मजबूत ढाल बन सकता है.

(Credit : Sanjeev Sinha)

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