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Credit card: क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों को फाइनेंस चार्जे़स के नाम से जाना जाता है.
Credit Card Interest rates: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल समझदारी से करना जरूरी है. तमाम तरह के खर्चों को पूरा करने में क्रेडिट कार्ड यूजर की मदद करता है. इसने ट्रांजेक्शन को काफी आसान बनाया है. साथ ही हर ट्रांजेक्शन पर यूजर को रिवार्ड प्वॉइंट, कैशबेक जैसे बेनिफिट भी मिलते हैं. हालांकि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान इस सुविधा के लिए चार्ज भी करते हैं. यूजर को हर बिलिंग साइकिल में ड्यू डेट तक क्रेडिट कार्ड बिल भरना पड़ता है. इसमें चूक होने पर यूजर को भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. दरअसल बैंक वक्त पर बिल न भर पाने की स्थिति में यूजर से सालाना 52 फीसदी तक ब्याज दर वसूलते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड यूजर को इसे नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है. ड्यू डेट पर बिल न भरने पर यूजर के वित्तीय स्तिथि और क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है.
क्या होती हैं क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें?
क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों को फाइनेंस चार्जे़स के नाम से जाना जाता है. ये दरें एक बैंक/NBFC से दूसरे या एक ही बैंक/NBFC द्वारा प्रदान की जाने वाली अलग–अलग क्रेडिट कार्डों के लिए अलग–अलग हो सकती हैं. क्रेडिट कार्ड लेने से पहले आपको इस पर लागू ब्याज दरों की जानकारी होनी चाहिए. लोन की तरह क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें पैसे उधार लेने वाले शख्स के क्रेडिट स्कोर और बिल भरने की क्षमता पर निर्भर नहीं करती. सभी क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरें पहले से ही तय होती हैं और ये सभी ग्राहकों के लिए समान होती हैं.
कब-कब लगता है क्रेडिट कार्ड पर ब्याज?
क्रेडिट कार्ड पर ब्याज तभी लिया जाता है, जब आप क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का भुगतान नहीं करते या जब आप कैश एडवांस लेते हैं. नीचे दिए गए मामलों में आपसे क्रेडिट कार्ड पर ब्याज लिया जाता है.
जब आप सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करते हैं
जब आप पूरे बिल का पेमेंट नहीं करते
जब आप कोई भी पेमेंट नहीं करते
जब आप क्रेडिट कार्ड के जरिए किसी ATM से नकदी निकालते हैं
ध्यान रहे, अगर आप पिछले महीने के क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा पेमेंट नहीं करते हैं तो बकाया बिल रकम पर तो ब्याज लगेगा ही, जब तक आप पूरे बिल का पेमेंट नहीं करते तब तक आप जितने नए ट्रांजेक्शन करेंगे उन पर भी ब्याज लगेगा. इसलिए ऐसे क्रेडिट कार्ड का चयन करना चाहिए जिसमें कम ब्याज लिया जाता है.
अगर आप एक क्रेडिट कार्ड यूजर हैं और तमाम तरह के ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल भी करते हैं तो यहां देख लें कि वक्त पर क्रेडिट कार्ड बिल न भरने की स्थिति में कौन सा बैंक कितना ब्याज दर या फाइनेंल चार्ज वसूल रहा है.
क्रेडिट कार्ड पर कितनी है ब्याज (Credit Card Interest Rate)
वक्त पर क्रेडिट कार्ड बिल न भरने की स्थिति में एसबीआई कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कार्डहोल्डर से 42 फीसदी तक फाइनेंस चार्ज ली जा रही है. फोर्ब्स की इस लिस्ट के मुताबिक एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड पर फाइनेंस चार्जेज सबसे अधिक 52.86% सालाना है. इसी तरह अलग-अलग बैंकों के कार्ड के लिए यहां ब्योरा लिस्ट में दी गई है.
Company | Interest Rate/Finance Charges |
Bank of Baroda (instant EMI) | 16% p.a - RoI |
Bank of Maharashtra | 34.44% p.a - Finance charges |
Indian Overseas Bank | 30% p.a - RoI |
Punjab National Bank | 35.89% p.a - Finance Charges |
State Bank of India | Up to 42% p.a - Finance Charges |
Axis Bank (retail purchases & cash) | 52.86% p.a - Finance Charges |
CSB Bank | 45% p.a - RoI |
Dhanlaxmi Bank | 22.80% p.a - Finance Charges |
Federal Bank | 8.28% to 47.88% p.a - APR |
HDFC Bank | 40.80% p.a - RoI |
ICICI Bank | 45% p.a - RoI |
IDBI Bank | 13% p.a - RoI |
IDFC First Bank | Up to 47.88% p.a - Finance Charges |
Induslnd Bank | 36% p.a - RoI |
Karur Vysya Bank | 39% p.a - Finance Charges |
Kotak Mahindra Bank | 35.88% to 42%p.a - RoI |
Tamilnad Mercantile Bank | 24% p.a - Finance Charges |
Yes Bank | 39% p.a - Finance Charges |
(नोट : यह डेटा फोर्ब्स डाट कॉम की वेबसाइट की एक रिपोर्ट से ली गई है.)
रिवार्ड प्वाइंट, कैशबैक जैसे कई बेनिफिट की वजह से और शॉपिंग को आसान बनाने के चलते लोगों को क्रेडिट कार्ड पसंद आते हैं. हालांकि क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करना जरूरी है. किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के कार्ड का चयन करते समय यूजर को अपने खर्चों और कार्ड के इस्तेमाल पर मिलने वाले बेनिफिट के हिसाब उपयुक्त क्रेडिट कार्ड चुनने की सलाह दी जाती है. इस दौरान यूजर को चाहिए कि वह कम ब्याज दर वाले क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करें.
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क्रेडिट कार्ड के लिए एलिजिबिलिटी
क्रेडिट हिस्ट्री और बिल भरने की क्षमता, ये दो अहम कारक किसी शख्स के लिए क्रेडिट कार्ड एलिजिबिलिटी तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले शख्स का क्रेडिट स्कोर (700 या उससे अधिक), उसकी मौजूदा आमंदनी और क्रेडिट उपयोग व्यवहार का आकलन करते हैं. इसके अलावा शख्स की उम्र भी देखी जाती है. भारत में 18 साल की उम्र पूरी कर चुके लोग क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. कुछ बैंकों में इसके लिए मिनिमम एज 21 साल है.
क्रेडिट कार्ड पर लगते हैं ये फीस और चार्जेज
अगर कोई शख्स समय पर बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है तो क्रेडिट कार्ड महंगा हो सकता है, जिससे अंततः वह कर्ज के जाल में फंस सकता है. पहली बार क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे लोगों को ज्वॉइनिंग फीस, एन्युअल एंड रिनुअल फीस, कैश एडवांस फीस, लेट पेमेंट फीस, फाइनेंस चार्जेज, ओवर लिमिट चार्जेज जैसे तमाम फीस और चार्जेज के बारे में जानकारी हासिल करके इसे लेने पर विचार करने की सलाह दी जाती है.
ये भी जानें
क्रेडिट कार्ड पर इंटरेस्ट-फ्री पीरियड का लाभ मिलता है. आमतौर पर यह 20 से 50 दिनों का होता है. इसके तहत क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान करने पर यूजर से ब्याज नहीं लिया जाता. हालांकि, इसका मतलब ये भी नहीं है कि सभी ट्रांजेक्शन पर इंटरेस्ट-फ्री पीरियड समान होगी. यह उस दिन पर निर्भर करता है जब आप ऐसा ट्रांजेक्शन करते हैं.
मिसाल के लिए अगर आपके क्रेडिट कार्ड के लिए स्टेटमेंट की तारीख हर महीने की 20 तारीख है और क्रेडिट कार्ड बिल जमा करने की तारीख अगले महीने की 10 तारीख है. ऐसे में अगर आप पिछले महीने के 10वें दिन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो यह ट्रांजेक्शन पूरे 50 दिन के इंटरेस्ट-फ्री पीरियड के तहत आयेगा. हालांकि, अगर आप मौजूदा महीने के 10वें दिन, यानी स्टेटमेंट की तारीख से 10 दिन पहले खरीदारी करते हैं , तो यह ट्रांजेक्शन सिर्फ इंटरेस्ट-फ्री पीरियड के 10 दिनों के मूल्य पर मिलेगा. इंटरेस्ट-फ्री पीरियड इसके लिए लागू नहीं है. जिसमें एक कैश निकासी और दूसरा समय से पिछला बिल न भरना शामिल है. क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा न भरने, क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने जैसे कुछ मालमों में क्रेडिट कार्ड पर ब्याज लिया जाता है.
(क्रेडिट: paisabazaar, forbes)