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Mutual Fund Investment Strategy : सही निवेश रणनीति अपनाएं तो नया संवत आपके लिए समृद्धि लाने वाला साबित हो सकता है. (Image : Freepik)
Mutual Fund Investment Strategy : दिवाली सिर्फ रोशनी और खुशियों का त्योहार नहीं है, बल्कि नए निवेश की शुरुआत के लिए भी इसे शुभ माना जाता है. बहुत से लोग दिवाली के बाद नए संवत में म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट की शुरुआत करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि शुरुआत कहां से और कैसे करें. अगर आप भी अपने निवेश के सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो कुछ अहम बातों को समझकर सही रणनीति को अपनाना जरूरी है, ताकि आपकी मेहनत की कमाई सही ढंग से आगे बढ़ सके.
रिस्क और लॉन्ग टर्म गोल्स को ध्यान में रखें
म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने पर असली सफलता तब मिलती है, जब निवेश की रणनीति बनाते समय आप अपने रिस्क प्रोफाइल यानी जोखिम उठाने की क्षमता, इनकम और लॉन्ग टर्म गोल्स को ध्यान में रखें.
अगर निवेशक शुरुआत में ही सही दिशा तय कर लें और अनुशासित तरीके से निवेश करें, तो लंबे समय में म्यूचुअल फंड से बहुत अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. पिछले पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि स्मॉल कैप फंड कैटेगरी का औसत सालाना रिटर्न करीब 28% और मिडकैप फंड्स कैटेगरी का करीब 26% रहा है. वहीं, फ्लेक्सी कैप और ईएलएसएस कैटेगरी के 5 साल के औसत सालाना रिटर्न भी 20% के आसपास रहे हैं.
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नए निवेशक कहां से करें शुरुआत
अगर आप पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स जैसे डायवर्सिफाइड फंड्स से शुरुआत कर सकते हैं. ये फंड इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे एसेट्स में बांटकर निवेश करते हैं, जिससे रिस्क को मैनेज करने और स्टेबल रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है.
जिन निवेशकों का नजरिया लंबी अवधि का है और जो मार्केट के उतार-चढ़ाव को झेल सकते हैं, वे फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप जैसे डायवर्सिफाइड फंड या निफ्टी 50 और सेंसेक्स में निवेश करने वाले लार्ज कैप इंडेक्स फंड पर भी विचार कर सकते हैं.
शुरुआत में कुल सेविंग्स का 15-20% हिस्सा म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. जैसे-जैसे इनकम और भरोसा बढ़े, निवेश की रकम धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.
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SIP के जरिये लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट बेहतर
बाजार में वोलैटिलिटी यानी उतार-चढ़ाव हमेशा बना रहता है, इसलिए एकमुश्त रकम (lumpsum) लगाने की बजाय SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश करना बेहतर रहता है. SIP से निवेश में अनुशासन आता है और निवेश की एवरेज कॉस्ट यानी औसत लागत कम होती है. साथ ही इससे आपको मार्केट टाइमिंग की चिंता भी नहीं करनी पड़ती.
नए निवेशकों को शुरुआत में छोटे अमाउंट से SIP शुरू करनी चाहिए और उसे लंबे समय तक जारी रखना चाहिए. लगातार निवेश से कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है और धीरे-धीरे एक बड़ी रकम बन जाती है.
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हाल के रिटर्न के पीछे भागने से बचें
फेस्टिव सीजन में उत्साह के चलते बहुत से निवेशक बिना सोच-विचार के निवेश कर देते हैं. कई बार वे उन फंड्स में पैसा लगाते हैं जिनका हाल का प्रदर्शन बेहतर रहा हो, लेकिन यह रणनीति कई बार गलत साबित हो सकती है. सिर्फ हाल के आंकड़ों के आधार पर पिछले रिटर्न्स के पीछे भागना, दूसरों की सलाह पर निवेश करना या सोशल मीडिया ट्रेंड्स को फॉलो करना लॉन्ग टर्म में नुकसान पहुंचा सकता है.
सही तरीका यह है कि हर निवेश को अपने फाइनेंशियल गोल्स, समय सीमा और रिस्क कैपेसिटी के हिसाब से प्लान करें. मार्केट के छोटे उतार-चढ़ाव से घबराकर पैसे निकाल लेना या बार-बार पोर्टफोलियो बदलना भी सही नहीं होता.
पोर्टफोलियो को कितनी बार करें रिव्यू
नए निवेशकों के मन में यह सवाल भी रहता है कि उन्हें अपना पोर्टफोलियो कितनी बार चेक करना चाहिए. अगर आपने अपना पोर्टफोलियो सही ढंग से प्लान किया है, तो निवेश के बाद बार-बार उसे रिव्यू करने की जरूरत नहीं होगी. इसे तभी रिव्यू करें जब आपकी इनकम, खर्च या फाइनेंशियल गोल्स में बड़ा बदलाव आए. निवेश का असली फायदा तभी मिलता है जब आप लंबे समय तक धैर्य बनाए रखते हैं और कंपाउंडिंग को काम करने का मौका देते हैं.
नए संवत में रखें स्मार्ट निवेश की नींव
दिवाली के बाद आने वाला नया संवत एक नई शुरुआत का प्रतीक है और अगर आप इस समय म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर रहे हैं, तो यह आपके लिए फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है. बस ध्यान रखें कि शुरुआत छोटे कदम से करें, निवेश को अपने गोल्स से जोड़ें, और SIP के जरिए अनुशासित तरीके से आगे बढ़ें.
लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने और कंपाउंडिंग पर भरोसा रखने से ही नया संवत आपके लिए वाकई समृद्धि लाने वाला साबित हो सकता है.