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दशहरे पर रावण के साथ जलाएं दौलत बिगाड़ने वाली 7 आदतें (AI Generated Image)
Dussehra : Burn These Bad Wealth Habits Along With Ravana:हर साल दशहरे पर हम बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं. रावण का दहन देखकर हमें यह एहसास होता है कि बुराई का अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंत में जीत अच्छाई की ही होती है. अगर अपनी आर्थिक आदतों पर नज़र डालें, तो हो सकता है, उनमें हमें कई ऐसी गलत आदतों के “रावण” छिपे मिल जाएं, जो धीरे-धीरे हमारी कमाई या दौलत को निगल जाते हैं या हमें वेल्थ क्रिएशन के रास्ते पर आगे बढ़ने से रोकते हैं. इस बार दशहरे पर रावण का पुतला दहन देखकर लौटें तो इन 7 गलतियों को भी खत्म करने का संकल्प लें जो हमारी दौलत की सबसे बड़ी दुश्मन हैं.
1. बिना सोचे समझे खर्च करना
ऑनलाइन शॉपिंग ऐप खोलकर कई बार हम कहते हैं कि “बस थोड़ा देख लूं.” लेकिन कुछ देर बाद डिलीवरी ब्वॉय घर के दरवाजे पर खड़ा होता है. यह आदत भले ही छोटी लगे, लेकिन बार-बार के अनचाहे खर्च आपके बजट को बिगाड़ देते हैं. इसलिए हर खरीद से पहले खुद को 24 घंटे का समय दें. हो सकता है अगली सुबह तक आपके मन का शौक खत्म हो जाए और आप बेवजह का खर्च करने से बच जाएं.
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2. बढ़ती आमदनी के साथ बढ़ते खर्च
सैलरी बढ़ते ही हमें लगता है कि पुरानी कार अब छोटी हो गई है या फोन बदलना जरूरी है. यही है “लाइफस्टाइल इंफ्लेशन.” आमदनी बढ़ने पर अगर खर्च भी उसी रफ्तार से बढ़ा दिया जाए, तो बचत कभी नहीं बढ़ेगी. सही तरीका यही है कि इनकम बढ़ने पर सबसे पहले सेविंग बढ़ाएं, फिर लग्जरी के बारे में सोचें.
3. क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल
क्रेडिट कार्ड सुविधा के लिए है, इसे मुफ्त के पैसे समझना बहुत बड़ी भूल है. क्रेडिट कार्ड के जरिये क्षमता से ज्यादा खर्च कर लेने और फिर समय पर पूरा बिल नहीं चुकाने का मतलब 30-40 फीसदी तक का ब्याज का बोझ हो सकता है. समझदारी यही है कि कार्ड का इस्तेमाल तभी करें जब जरूरी हो और उतना ही करें, जिससे पूरा बिल समय पर चुका सकें.
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4. इमरजेंसी फंड नहीं रखना
जीवन कभी भी अचानक झटका दे सकता है. नौकरी चले जाना, मेडिकल के बड़े खर्च या कोई अनचाही जिम्मेदारी आ जाने पर सारा बजट बिगड़ जाता है. ऐसे में अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं है तो आपको अपने फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने या कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है. ऐसा होने पर आप वेल्थ क्रिएशन की राह में काफी पिछड़ सकते हैं. इसलिए कम से कम 6 महीने का खर्च इमरजेंसी फंड के तौर पर अलग बचाकर रखना जरूरी है.
5. इंश्योरेंस नहीं कराना
कई बार लोग सोचते हैं कि “अभी तो मैं युवा हूं, स्वस्थ हूं, हेल्थ इंश्योरेंस कराने की क्या जरूरत है.” लेकिन ये सोच कई बार भारी पड़ती है. अस्पताल का एक बड़ा बिल सालों की बचत को खत्म कर सकता है. स्वास्थ्य बीमा और टर्म इंश्योरेंस हर परिवार की ढाल है. यह खर्च नहीं बल्कि सुरक्षा कवच है.
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6. SIP शुरू करने में देरी
अक्सर लोग सोचते हैं कि बोनस मिलने पर या बाजार गिरने पर एसआईपी (SIP) शुरू करेंगे. लेकिन सच यह है कि वक्त जितना बीतेगा, उतना फायदा कम होगा. छोटी रकम से ही सही, लेकिन जल्द से जल्द एसआईपी के जरिये निवेश का सफर शुरू करना लॉन्ग टर्म में करोड़ों की दौलत बनाने में मददगार साबित हो सकता है.
7. लोगों को देखकर निवेश करना
कभी किसी दोस्त को देखकर या साथ काम करने वालों से सुनी हुई “हॉट टिप्स” के आधार पर निवेश करना अक्सर नुकसान की वजह बनता है. शेयर बाजार में भीड़ के साथ चलने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है. निवेश का फैसला हमेशा अपनी समझ और रिसर्च पर आधारित होना चाहिए.
असली जीत अपनी आदतों पर
दशहरे पर रावण का पुतला तो हर साल जलकर राख होता है. लेकिन याद रखें कि हमारी एक लड़ाई अपनी उन आदतों से भी है, जो आर्थिक रूप से नुकसानदेह हैं. इन आदतों को खत्म करके ही आप सही मायने में बेहतर आर्थिक भविष्य की शुरुआत कर सकते हैं.
तो इस बार आतिशबाजियों की रोशनी के बीच एक संकल्प लें. पैसों से जुड़ी बुरी आदतों का अंत करें और अच्छी आदतों को अपनाएं. क्योंकि असली दौलत इस बात में नहीं है कि आप कितना कमाते हैं, बल्कि इसमें है कि आप कितनी समझदारी से अपने पैसों का इस्तेमाल करते हैं.