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ELSS vs FD : टैक्स सेविंग के लिए ELSS में निवेश करते हैं तो इसका लॉक इन पीरियड 3 साल होता है. जबकि टैक्स सेवर एफडी का लॉक-इन 5 साल होता है. (Freepik)
Tax Saving Investment : 5 साल के लिए निवेश की बात आती है तो देश में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) का विकल्प बेहद पॉपुलर है. फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का सुरक्षित विकल्प है और 5 साल की एफडी टैक्स सेविंग्स का भी विकल्प है. 5 साल की एफडी में किए गए 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत आप 1.50 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. लेकिन क्या आप निवेश करते समय सिर्फ टैक्स सेविंग्स की ही सोचते हैं या अपने पैसों पर हाई रिटर्न. अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न के साथ ही साथ अगर टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) भी मिल जाए, तो किसी भी इनकम टैक्सपेयर्स के लिए इससे बेहतर क्या हो सकता है. इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक बेहतर विकल्प है.
ELSS vs FD : कितने अलग एसेट क्लास
एफडी और ELSS दोनों विकल्पों में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत आप 1.50 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. हालांकि ये दोनों निवेश के लिए एक दूसरे से पूरी तरह अलग विकल्प हैं. ELSS डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं, जिनका रिटर्न शेयर बाजार से लिंक होता है. इक्विटी लिंक होने के चलते इनमें निवेश के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा हुआ है. वहीं, टैक्स सेविंग एफडी पर फिक्स्ड रिटर्न मिलता है और इसमें रिस्क बहुत कम होता है. बैंक एफडी में जमा 5 लाख रुपये तक की रकम पर सुरक्षा की गारंटी होती है.
हालांकि ELSS की कुछ बातें इसे टैक्स सेविंग एफडी से बेहतर बनाती हैं. पहली बात तो यह कि टैक्स सेविंग के लिए ELSS में निवेश करते हैं तो इसका लॉक इन पीरियड 3 साल होता है. जबकि टैक्स बचाने वाले एफडी का लॉक-इन पीरियड 5 साल होता है. वहीं ELSS पर मिलने वाला रिटर्न भी एफडी के मुकाबले डबल या ट्रिपल या इससे भी ज्यादा हो सकता है.
लिक्विडिटी और रिस्क
जैसा कि ज्यादातर ELSS योजनाओं में लॉक इन पीरियड 3 साल का होता है और टैक्स सेवर एफडी में 5 साल, इस लिहाज से लिक्विडिटी के लिए ELSS बेहतर विकल्प है. अगर 3 साल बाद आपको पैसों की जरूरत है तो ELSS से पैसा निकाल सकते हैं. नहीं जरूरत है तो स्कीम को आगे जब तक चाहें बढ़ा सकते हैं. जबकि एफडी में 5 साल के पहले पैसा निकालने पर पेनल्टी के रूप में नुकसान उठाना पड़ता है.
लेकिन जहां तक जोखिम की बात है, निश्चित रूप से एफडी के मुकाबले ELSS में रिस्क होते हैं, क्योंकि ये इक्विटी ओरिएंटेड होते हैं. ELSS के जरिए आपका पैसा स्टॉक मार्केट में लगाया जाता है, इसलिए बाजार के उतार चढ़ाव का इन योजनाओं में आपका पैसा इक्विटी में लगाया जाता है, इसलिए बाजार के उतार चढ़ाव का असर इनपर होता है. बाजार में तेजी पर रिटर्न हाई हो सकता है, जबकि बाजार की गिरावट पर रिटर्न नीचे जा सकता है. वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश का विकल्प होता है. तय ब्याज पर रिटर्न मिलता है.
ELSS: 5 साल में बेस्ट एनुअलाइज्ड रिटर्न वाले फंड
Quant ELSS Tax Saver Fund : 33%
Sundaram Long Term Micro Cap Tax Advantage : 30.74%
SBI Long Term Advantage Fund : 28.12%
Bank of India ELSS Tax Saver Fund : 26.96%
Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund : 25.61%
SBI Long Term Equity Fund : 25.50%
Parag Parikh ELSS Tax Saver : 24.82%
Bandhan ELSS Tax Saver Fund : 23.57%
JM ELSS Tax Saver Fund : 23.41%
DSP ELSS Tax Saver Fund : 22.79%
5 साल की टैक्स सेवर FD में रिटर्न
एसबीआई: 6.50%
पंजाब नेशनल बैंक: 6.50%
HDFC बैंक: 7.00%
ICICI बैंक: 7.00%
इंडसइंड बैंक: 7.25%
Axis बैंक: 7.00%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 6.50%
केनरा बैंक: 6.70%
कोटक महिंद्रा बैंक: 6.20%
YES बैंक: 7.25%
फेडरल बैंक: 6.60%
IDFC फर्स्ट बैंक: 7.00%
पोस्ट ऑफिस TD: 7.50%
(नोट: सीनियर सिटीजंस को 50 बेसिस प्वॉइंट ब्याज ज्यादा मिलेगा. )
10 लाख कहां करें लॉक
अगर आपको 10 लाख रुपये टैक्स सेवर स्कीम में लगाना हो तो आप रिटर्न कैलकुलेशन कर सकते हैं.
ईएलएसएस में अलग अलग टॉप फंडों में 5 साल का रिटर्न 22 से 33 फीसदी सालाना दिख रहा है. अगर औसत रिटर्न 25 फीसदी सालाना मानकर चलें तो 10 लाख रुपये की वैल्यू 5 साल में 30,51,760 रुपये हो जाएगी.
वहीं 5 साल की एफडी में अगर औसत रिटर्न 7.50 फीसदी सालाना मान लें तो 10 लाख रुपये की वैल्यू 5 साल में 14,49,950 रुपये हो जाएगी.
(source: value research, bank websites, FD calculator)