/financial-express-hindi/media/media_files/2025/01/21/MxiQrrY77OhkErPcXn7v.jpg)
Tax Saving ELSS में निवेश अच्छे रिटर्न के साथ टैक्स बचाने का मौका भी देता है. (Image : Pixabay)
Tax Saving Investment ELSS With Highest Return : इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) निवेश का एक शानदार विकल्प है, जहां टैक्स बचाने के साथ-साथ ऊंचे मार्केट लिंक्ड रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है. इस कैटेगरी में आने वाली टॉप 9 ELSS स्कीम्स ने पिछले 5 साल में 20% से 31% तक सालाना औसत रिटर्न दिया है. इन टॉप फंड में SBI, HDFC, मोतीलाल ओसवाल और पराग पारिख जैसे दिग्गज फंड हाउस की स्कीम्स शामिल हैं.
टॉप 9 ELSS टैक्स सेवर फंड्स का प्रदर्शन
इन 9 ELSS फंड्स ने पिछले 5 सालों में औसतन 20% से ज्यादा का सालाना रिटर्न दिया है. सभी आंकड़े इन स्कीम के डायरेक्ट प्लान के हैं और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की वेबसाइट से लिए गए हैं:
1. Quant ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 31.63%
2. Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 24.42%
3. SBI Long Term Equity Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 23.79%
4. Parag Parikh ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 23.52%
5. Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 23.27%
6. Bandhan ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 21.77%
7. DSP ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 21.23%
8. JM ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 21.13%
9. HDFC ELSS Tax Saver Fund (Direct)
5 साल का रिटर्न (CAGR) : 20.55%
ELSS फंड्स की विशेषताएं
सेबी के नियमों के मुताबिक ELSS फंड्स का कम से कम 80% हिस्सा इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना जरूरी है. बाकी 20% हिस्सा अन्य एसेट्स में निवेश किया जा सकता है. ये फंड्स लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन और टैक्स सेविंग दोनों का मौका देते हैं. ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जो बाकी सभी टैक्स सेविंग स्कीम्स की तुलना में कम है.
ELSS में निवेश पर टैक्स बेनिफिट्स
ELSS में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक का निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है. 3 साल के लॉक-इन के बाद यूनिट्स बेचने पर अगर एक वित्त वर्ष के दौरान 1.25 लाख रुपये तक मुनाफा हो, तो उस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5% की दर से पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है. ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वालों के लिए यह भी कम ही है.
रिस्क फैक्टर और निवेश से जुड़ी सावधानी
ELSS फंड्स में लगाए गए पैसों को फंड मैनेजर शेयर बाजार में लगाते हैं, इसलिए इन पर मार्केट की उथल-पुथल का असर होता है. यही वजह है कि ऊपर बताए गए सभी ELSS फंड्स को रिस्कोमीटर पर वेरी हाई (Very High) रिस्क की कैटेगरी में रखा गया है. हालांकि SIP के जरिये निवेश करने पर लंबे समय में यह रिस्क कम किया जा सकता है. फिर भी निवेश से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और सेबी से मान्यताप्राप्त निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)