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Emergency Fund: पोस्ट ऑफिस, बैंक बचत या एफडी, कहां, कितना पैसा रखें ताकि हर मुश्किल में तुरंत काम आए

इमरजेंसी फंड वह पैसा है जो अचानक आने वाली वित्तीय परेशानियों या आपात स्थितियों के लिए अलग रखा जाता है. इसका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी, घर या गाड़ी की मरम्मत, सैलरी में देरी जैसी जरूरतों में तुरंत मदद के लिए किया जा सकता है.

इमरजेंसी फंड वह पैसा है जो अचानक आने वाली वित्तीय परेशानियों या आपात स्थितियों के लिए अलग रखा जाता है. इसका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी, घर या गाड़ी की मरम्मत, सैलरी में देरी जैसी जरूरतों में तुरंत मदद के लिए किया जा सकता है.

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FE Hindi Desk
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Bank FD Post Office Saving Account

एक इमरजेंसी फंड आपके जीवन में आने वाली अचानक समस्याओं जैसे आधी रात की डॉक्टर विजिट, फटा हुआ पाइप, या सैलरी आने में अचानक देरी के लिए शॉक अब्जॉर्बर का काम करता है. (AI Image: Gemini)

अचानक स्वास्थ्य समस्या, घर की मरम्मत, नौकरी में अंतराल या किसी अनपेक्षित खर्च के समय हमारे पास तुरंत पैसा होना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि लोगों को हमेशा इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) बनाने की सलाह दी जाती है. यह ऐसा सुरक्षित पैसा होता है जिसे आप मुश्किल वक्त में तुरंत इस्तेमाल कर सकते हैं, बिना किसी बड़े नुकसान या आर्थिक दबाव के.

इमरजेंसी फंड क्या है?

इमरजेंसी फंड वह राशि है जिसे सिर्फ आकस्मिक जरूरतों के लिए अलग रखा जाता है. इसे रोजमर्रा के खर्च या निवेश के लिए नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जीवन में अचानक आई वित्तीय आपात स्थिति में आप सहज रह सकें और कर्ज लेने या जमा तोड़ने की मजबूरी न पड़े.

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इमरजेंसी फंड तैयार करने के तीन प्रमुख विकल्प

  • बैंक सेविंग अकाउंट (Savings Account)
  • फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)
  • पोस्ट ऑफिस योजनाएँ (Post Office Schemes)

बचत खाता

साधारण बचत खाता आपको सबसे तेज पहुंच देता है. UPI, कार्ड, एटीएम और नेटबैंकिंग के जरिए आप सेकंडों में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं, जो इमरजेंसी के लिए जरूरी है. ब्याज आमतौर पर कम होता है और बदल सकता है, लेकिन पैसा हमेशा उपलब्ध रहता है और लेन-देन का साफ रिकॉर्ड मिलता है.

अकाउंट होल्डर को अपने बचत खाते से जुड़े मिनिमम बैलेंस नियमों का ध्यान रखना चाहिए और जरूरत पड़ने पर एक्स्ट्रा पैसे को शॉर्ट-टर्म डिपॉजिट में स्वचालित रूप से डालने के लिए स्विप-इन फैसिलिटी का इस्तेमाल करें. तुरंत निकालने वाला हिस्सा बचत खाते में रखना सबसे सही होता है.

बैंक एफडी

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट उस हिस्से के लिए सही हैं जिसे आपको तुरंत नहीं चाहिए. छोटे टेन्यर वाले एफडी (7 दिन से 1 साल) गारंटीड रिटर्न देते हैं और DICGC के तहत प्रति बैंक 5 लाख रुपये तक बीमित होते हैं. पैसा निकालना आसान है लेकिन तुरंत नहीं. समय से पहले निकालने पर थोड़ी पेनल्टी या कम ब्याज लगेगा.

अगर आपको सुरक्षा और निश्चित रिटर्न सबसे ज्यादा जरूरी हैं, तो अपने फंड का कुछ हिस्सा यहां रखें और अलग-अलग मैच्योरिटी वाले एफडी लगाएं ताकि हर कुछ हफ्तों में कुछ राशि उपलब्ध हो जाए.

पोस्ट ऑफिस

पोस्ट ऑफिस बचत खाते और योजनाएं सरकारी गारंटी के साथ सुरक्षित रिटर्न देती हैं. साधारण बचत खाते में पैसा निकालना आम तौर पर आसान है, लेकिन कुछ लेन-देन शाखा समय पर ही हो पाते हैं, इसलिए यह बैंक ऐप की तरह 24×7 उपलब्ध नहीं है. छोटे निवेशकों के लिए, जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, यह फंड का एक हिस्सा रखने के लिए अच्छा विकल्प है. खासकर वह पैसा जिसे रात में तुरंत नहीं चाहिए लेकिन दिन में आसानी से चाहिए.

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इमरजेंसी फंड कैसे रखें

आमतौर पर इमरजेंसी फंड को तीन हिस्सों में बांटा जाना चाहिए. जिसमें पहला हिस्सा तुरंत इस्तेमाल वाला, दूसरा सुरक्षित और थोड़ी देर में इस्तेमाल होने वाला और आखिरी सुरक्षित लेकिन काम में आने में थोड़ी देरी वाला शामिल है.

  • बचत खाता सबसे तेजं पहुंच वाला विकल्प है. UPI, एटीएम और नेटबैंकिंग के जरिए आप कुछ ही सेकंड में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. ब्याज कम होता है लेकिन तुरंत नकदी की जरूरत के लिए यह आईडियल है.
  • बैंक एफडी थोड़ी देर में काम आने वाले फंड के लिए है. छोटे टेन्यर वाले एफडी (7 दिन से 1 साल तक) सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देते हैं. जरूरत पड़ने पर आप एफडी तोड़ सकते हैं, लेकिन मामूली पेनल्टी या कम ब्याज लगेगा.
  • पोस्ट ऑफिस सरकारी गारंटी और स्थिर दरें वाला है. तुरंत तो नहीं, लेकिन कुछ घंटे में पैसा निकालना संभव है. यह खासतौर पर उस हिस्से के लिए है जिसे आप रात में नहीं बल्कि दिन में निकाल सकते हैं.

इमरजेंसी फंड तैयार करने के समय इन बातों का रखें ध्यान

  • हमेशा 24–48 घंटे के खर्च के बराबर पैसा तुरंत इस्तेमाल करने के लिए सेविंग अकाउंट या छोटे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखें.
  • एक से दो सप्ताह के खर्च के बराबर राशि सबसे पहले उपलब्ध रखी जानी चाहिए.
  • बाकी राशि को लंबी अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट में रखें, जिसे जरूरत पड़ने पर तोड़ा जा सके.

कितना पैसा रखना चाहिए?

  • छोटी आकस्मिक जरूरत: 1–2 हफ्ते का खर्च सेविंग अकाउंट में.
  • बड़ी आकस्मिक स्थिति: 3–6 महीने का खर्च फिक्स्ड डिपॉजिट या पोस्ट ऑफिस में.
  • राशि का निर्धारण आपके मासिक खर्च, परिवार की जिम्मेदारियों और जोखिम की स्थिति के अनुसार करें.

इमरजेंसी फंड किसी भी वित्तीय योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. सही तरीके से रखा गया फंड न सिर्फ मुश्किल वक्त में राहत देता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. बैंक सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट और पोस्ट ऑफिस योजनाओं का संतुलित उपयोग करके आप हर प्रकार की आकस्मिक स्थिति से आसानी से निपट सकते हैं.

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