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EPS 95 Pension Scheme: एसोसिएशन ने इस पत्र के जरिए केंद्र सरकार से महंगाई भत्ते के साथ मिनिमम मंथली पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की मांग की है. (Image : Pixabay)
Employees’ Pension Scheme, EPS 1995 : केंद्र सरकार ने हाल में सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस (UPS) की घोषणा की. यह योजना 25 साल नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत बेसिक सैलरी के 50% हिस्से के बराबर पेंशन का आश्वासन देती है. नई पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से देश में लागू होगी. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को एश्योर्ड मिनिमम पेंशन का आश्वासन मिलने के बाद एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के तहत आने वाले संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों यानी प्रॉइवेट जॉब वालों ने भी एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS) के तहत मंथली मिनिमम पेंशन बढ़ाए जाने की मांग तेज कर दी है.
ईपीएफ पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार से की ये मांग
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हाल में चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया को मिनिमम पेंशन बढ़ाए जाने से जुड़ा एक पत्र भेजा है. एसोसिएशन ने इस पत्र के जरिए केंद्र सरकार से महंगाई भत्ते के साथ मिनिमम मंथली पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की मांग की है.
हाल में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा की गई, जिससे 23 लाख लोगों को लाभ मिलने वाला है. अपने पत्र में यूपीएस का हवाला देते हुए एसोसिएशन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ईपीएस के तहत लगभग 75 लाख पेंशनर्स आते हैं. ऐसे में ईपीएस 1995 के तहत आने वाले पेंशनरों को नजरअंदाज किया गया है. चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन भी चाहता है कि मिनिमम मंथली पेंशन बढ़ोतरी का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा जाए.
मिनिमम पेंशन को लेकर ये कमेटी भी कर रही है मांग
इससे पहले जुलाई 2024 में पेंशनरों के संगठन ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी (EPS-95 National Agitation Committee) ने मिनिमम मंथली पेंशन 7,500 रुपये करने की मांग को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था. ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी का हेडक्वार्टर महाराष्ट्र में है. इस कमेटी में करीब 78 लाख रिटायर्ड पेंशनर्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर के 7.5 करोड़ कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं.
EPS के तहत मिनिमम पेंशन से जुड़ा क्या है प्रावधान?
सितंबर 2014 में, केंद्र सरकार ने एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS 1995 स्कीम) के तहत आने वाले पेंशनरों के लिए मिनिमम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह घोषित की थी. हालांकि, श्रम मंत्रालय ने पिछले साल वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें ईपीएस-95 के तहत पेंशन को दोगुना करके 2,000 रुपये प्रति माह करने की मांग की गई थी. लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी.
कैसे होता पेंशन का कैलकुलेशन
ईपीएस योजना के तहत पेंशन की गणना का वर्तमान फार्मूला इस प्रकार है. अंतिम 60 महीने की बेसिक सैलरी X नौकरी का कार्यकाल/70 है.
नौकरी के दौरान EPF और EPS में कितना जाता है कॉन्ट्रिब्यूशन
किसी भी कंपनी या ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले लोगों के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में जमा होता है और इतना ही योगदान यानी कॉन्ट्रिब्यूशन कंपनी की ओर से पीएफ में जाता है. कर्मचारी के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने ईपीएफ अकाउंट में जाता है जबकि कंपनी का योगदान दो भागों में बटता है. जिसमें से 8.33 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS) यानी पेंशन फंड में जमा होता है और 3.67 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ (EPF) में जाता है.
नौकरी के दौरान कर्मचारी के EPS खाते में कंपनी की ओर से 8.33 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन यानी 10,000 रुपये बेसिक सैलरी होने पर 833 रुपये भी कलेक्ट हो रहा. सैलरी में हर साल 10 फीसदी का इंक्रीमेंट मिलने में कंपनी के कॉन्ट्रिब्यूशन में भी इजाफा होने वाला है. इसी EPS स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी पेंशन के लिए हकदार हो जाता है. बता दें कि ईपीएफओ मेंबर के लिए 7 तरह के पेंशन का प्रावधान है. कुछ पेंशन विशेष हालातों में ईपीएफओ मेंबर के परिवार के लोगों और नॉमिनी के लिए उपलब्ध हैं. किन परिस्थितियों में और कैसे इस पेंशन के लिए दावा किया जा सकता है यहां पूरा डिटेल चेक कर सकते हैं.
इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से लाखों पेंशनर्स को होगा फायदा
सूत्रों की मानें तो श्रम मंत्रालय ने हाल में वित्त मंत्रालय को एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड कॉन्ट्रिब्यूशन की गणना के लिए सैलरी लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने पर विचार करने का प्रस्ताव दिया है. बता दें कि 1 सितंबर, 2014 से ईपीएस पेंशन स्कीम की गणना के लिए सैलरी लिमिट 15,000 रुपये तक है. श्रम मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सैलरी लिमिट बढ़त को स्कीकृति मिलने से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और इस पहल से लाखों पेशनरों को बढ़ी हुई मिनिमम मंथली पेंशन का लाभ मिलने की उम्मीद है.