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Worst Performing Equity Mutual Funds in FY25: पिछले एक साल में 9 इक्विटी फंड्स ने 10% से ज्यादा निगेटिन रिटर्न दिया है. (Image : Freepik)
Equity Funds with Negative Returns in FY25 : पिछला एक साल शेयर बाजार में गिरावट और उथल-पुथल से भरा रहा है. इसका असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर भी पड़ा है. ऐसे कम से कम 9 इक्विटी फंड्स हैं, जिन्होंने अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 10 से 15 फीसदी तक निगेटिव रिटर्न दिया है. घाटा कराने वाली इन इक्विटी स्कीम्स (Equity Mutual Fund) में इंटरनेशनल मार्केट पर फोकस करने वाले फंड से लेकर ईटीएफ और सेक्टोरल फंड्स तक शामिल हैं.
1 साल में 10% से ज्यादा नुकसान कराने वाली इक्विटी स्कीम
एक साल में 10 फीसदी से ज्यादा नुकसान कराने वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की लिस्ट में HDFC म्यूचुअल फंड से लेकर ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया (Nippon India) और कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड (Kotak Mahindra Mutual Fund) जैसे दिग्गज फंड हाउस की स्कीमें भी शामिल हैं.
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इक्विटी स्कीम का नाम / 1 साल का रिटर्न
Samco Flexi Cap Fund (Direct Plan) : -15.19%
DSP Global Clean Energy Fund of Fund (Direct Plan) : -12.26%
Nippon India Taiwan Equity (Direct Plan) : -11.77%
HSBC Brazil Fund (Direct Plan) : -11.30%
Kotak Nifty PSU Bank ETF : -10.40%
Nippon India ETF Nifty PSU Bank BeES : -10.38%
DSP Nifty PSU Bank ETF : -10.28%
ICICI Prudential Nifty PSU Bank ETF : -10.28%
HDFC NIFTY PSU BANK ETF : -10.24%
(Source : Value Research, AMFI)
71 इक्विटी फंड्स का रिटर्न निगेटिव रहा
दरअसल, वैल्यू रिसर्च पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ ऊपर दिए 9 फंड नहीं, बल्कि कुल 71 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ऐसे हैं, जिनका पिछले 1 साल का रिटर्न निगेटिव रहा है. घाटा उठाने वाली स्कीम्स के ये आंकड़े बताते हैं कि इक्विटी फंड्स के लिए बीता साल कितना मुश्किल रहा है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि निवेशकों को इस प्रदर्शन के आधार पर ही निवेश के फैसले करने चाहिए. दरअसल, इक्विटी फंड्स में निवेश हमेशा 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए ही करना चाहिए. और वैल्यू रिसर्च पर 5 साल के आंकड़े देखें, तो एक भी इक्विटी फंड का रिटर्न निगेटिव नहीं है.
सिर्फ पिछला रिटर्न देखकर फैसला न करें
निवेश से जुड़े फैसले करते समय निवेशकों को यह भी समझना होगा कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का पिछला रिटर्न आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा, इस बात की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. यह बात पॉजिटिव और निगेटिव, दोनों ही तरह के रिटर्न पर लागू होती है. इसलिए इक्विटी फंड में इनवेस्टमेंट के बारे में फैसला करते समय सिर्फ पिछले रिटर्न पर नहीं, बल्कि स्कीम की निवेश रणनीति से लेकर अपनी रिस्क लेने की क्षमता और इनवेस्टमेंट होराइजन तक कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश करने या नहीं करने की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने के बाद और अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लेकर ही करें.)