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पीएम किसान के साथ राज्य सरकार की योजनाओं से किसानों को डबल फायदा, सालाना मिल रहे 20,000 रुपये तक. (Image: X/@CMMadhyaPradesh)
Farmer Welfare Schemes including PM Kisan Benefits in THESE states: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त के रूप में 2,000 - 2000 रुपये ट्रांसफर किए. इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता तीन बराबर किस्तों में दी जाती है. इस बार 20,500 करोड़ की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए करोड़ों किसानों के खातों में भेजी गई.
दिलचस्प बात यह रही कि देश के एक हिस्से में किसानों को 2,000 रुपये के साथ राज्य सरकार की 'अन्नदाता सुखीभव योजना' के तहत 5,000 रुपये की अतिरिक्त मदद भी मिली, यानी कुल 7,000 रुपये की राशि सीधे खाते में पहुंची. इससे साफ है कि पीएम किसान योजना के समानांतर कई राज्य सरकारें भी अपने किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं चला रही हैं. आइए जानते हैं कि किस राज्य में किसानों को कितनी राशि मिल रही है.
आंध्र प्रदेश सरकार की अन्नदाता सुखीभव स्कीम
अन्नदाता सुखीभव स्कीम (Annadata Sukheebhava) आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक कृषि आधारित वित्तीय सहायता योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के लघु और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. इस योजना के तहत किसानों को सालाना 14,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन किस्तों में दी जाती है. पीएम किसान योजना की तर्ज पर शुरू हुई ये योजना किसानों को विस्तीय रूप से सशक्त बनाने में मदद कर रही है. राज्य सरकार की इस योजना को पहले वाईएसआर रायथु भरोसा योजना (YSR Rythu Bharosa scheme) के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने इसे नया नाम और नया रूप देकर फिर से लागू किया है.
इसी शनिवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu) की अगुवाई वाली सरकार ने अपने बड़े चुनावी वादे अन्नदाता सुखीभव स्कीम ( Annadatha Sukhibhava Scheme ) की शुरुआत करते हुए करीब 47 लाख किसानों के खातों में 7,000 रुपये की राशि ट्रांसफर की. जिसमें केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना की 2,000 रुपये किस्त के साथ राज्य सरकार की ओर से 5,000 रुपये अतिरिक्त (अन्नदाता सुखीभव योजना की पहली किस्त) दिए गए.
एमपी सरकार की मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरुआत 26 सितंबर 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी. इस योजना के तहत शुरुआत में किसानों को सालाना 4,000 रुपये की सहायता राशि दो किस्तों में दी जाती थी, लेकिन जून 2023 से इसे बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया. अब किसानों को इस योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है, जो केंद्र की पीएम किसान योजना के अतिरिक्त होती है.
ओडिशा सरकार की कालिया योजना
ओडिशा सरकार की कालिया योजना (KALIA – Krushak Assistance for Livelihood and Income Augmentation) की शुरुआत 2018 में किसानों और भूमिहीन कृषि मजदूरों की मदद के लिए की गई. इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 10,000 रुपये (5,000 रुपये खरीफ और 5,000 रुपये रबी) की वित्तीय सहायता दी जाती है, जबकि भूमिहीन कृषि मजदूरों को 12,500 रुपये की मदद दी जाती है ताकि वे मुर्गी पालन, बकरी पालन या मशरूम उत्पादन जैसे छोटे व्यवसाय शुरू कर सकें. इसके अलावा योजना में 2 लाख रुपये तक का जीवन और दुर्घटना बीमा, और ब्याज मुक्त फसल ऋण जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं. कालिया योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती को लाभदायक बनाना और गरीब परिवारों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है.
तेलंगाना सरकार की रायथु भरोसा योजना
तेलंगाना सरकार ने किसानों की मदद के लिए रायथु भरोसा योजना शुरू की है. इस योजना का मकसद किसानों को खेती के लिए समय पर आर्थिक सहायता और जरूरी संसाधन देना है, ताकि उनकी आमदनी और फसल उत्पादन बढ़ सके. यह योजना फसल ऋण माफी (Crop Loan Waiver) जैसी दूसरी किसान हितैषी नीतियों के साथ मिलकर काम करती है. इसमें हर क्रॉप साइकिल की शुरुआत में किसानों को वर्किंग कैपिटल (Working Capital) देने का भी प्रावधान है. तेलंगाना सरकार का मानना है कि रायथु भरोसा से किसानों की आर्थिक हालत बेहतर होगी और पूरे कृषि क्षेत्र में विकास होगा.
तेलंगाना सरकार की रायथु भरोसा योजना के तहत किसानों को हर साल 12,000 रुपये प्रति एकड़ की सीधी वित्तीय सहायता दी जाती है, जो दो किस्तों में 6,000-6,000 रुपये खरीफ और रबी सीजन की शुरुआत में उनके बैंक खाते में भेजी जाती है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को समय पर खेती की जरूरतों के लिए पैसा उपलब्ध कराना और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है.