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FD Portfolio : एफडी लैडरिंग एक निवेश रणनीति है जिसमें आपके निवेश को अलग-अलग मैच्योरिटी डेट के साथ कई एफडी योजनाओं में डिवाइड किया जाता है. (Pixabay)
Fixed Deposit Laddering Strategy : अगर आप अपने फंड को सुरक्षित रखकर उस पर बेहतर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit- FD) सबसे लोकप्रिय विकल्पों में शामिल है. बैंक एफडी पर तय ब्याज के हिसाब से रिटर्न देते हैं और इनमें बाजार के उतार चढ़ाव का भी कोई असर नहीं होता है. FD स्कीम कई मैच्योरिटी डेट के साथ आती है. वहीं अलग अलग मैच्योरिटी के लिए ब्याज दरें भी अलग अलग होती हैं. अब एक स्मार्ट निवेशक इसी का फायदा उठाकर एफडी पर अपने रिटर्न को मैक्सिमाइज कर सकता है. इसके लिए निवेशक FD लैडरिंग का इस्तेमाल करते हैं.
FD लैडरिंग टेक्निक कैसे करती है काम?
हम सभी अपने भविष्य को सुरक्षित करने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग करने के महत्व को समझते हैं. ऐसी ही एक समझदारी जिसने हाल ही में लोकप्रियता हासिल की है वह है एफडी लैडरिंग. जैसा कि नाम से पता चलता है, एफडी लैडरिंग एक निवेश रणनीति है जिसमें आपके निवेश को अलग-अलग मैच्योरिटी डेट के साथ कई एफडी योजनाओं में डिवाइड किया जाता है. सरल शब्दों में, यह एक टावर बनाने जैसा है, जिसमें प्रत्येक डिपॉजिट अमाउंट अलग-अलग समय पर मैच्योर होता है.
यानी FD लैडरिंग एक टेक्निक है जिसमें निवेशकों को एकसाथ कई एफडी अकाउंट खोलने होते हैं, जिनकी मैच्योरिटी अलग अलग होती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास 20 लाख रुपये हैं, जिसे फिक्स्ड डिपॉजिट करना है तो पहले इसे अलग अलग 5 हिस्सों में बांट लें. अब हर 2 लाख को 1 साल, 2 साल, 3 साल, 4 साल और 5 साल की मैच्योरिटी वाली एफडी योजना में जमा करें. इससे आपको समय-समय पर पैसा मिलता रहेगा, जिसे आप जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकते हैं.
क्या है इसका सबसे बड़ा फायदा
इसका फायदा यह है कि बीच में आपको पैसे की जरूरत पड़ी तो आपको अपनी एफडी तोड़नी नहीं पड़ेगी. वहीं अगर पैसों की जरूरत नहीं हो तो जैसे जैसे अलग अलग टेन्योर की एफडी मैच्योर हो, वैसे वैसे उसे फिर से अलग अलग मैच्योरिटी अवधि वाली एफडी में लॉक कर सकते हैं. ऐसे में लंबी अवधि में आपके पास एफडी की एक बढ़ी सीरीजल होगी और अच्छा खासा फंड आपके लिए तैयार हो जाएगा. एक और फायदा है कि समय समय पर आकलन कीजिए कि कहां एफडी पर रिटर्न बढ़ रहा है. मैच्योरिटी पूरी होने के बाद आपके पास विकल्प होगा कि उसे ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक की एफडी में फिर जमा करें.
हर साल रिटर्न भी मिलता रहेगा
FD लैडरिंग का यह फायदा बहुत बड़ा है. इसमें जैसे जैसे आपकी एफडी मैच्योर होगी, उस हिसाब से हर साल यानी 1 साल, 2 साल, 3 साल, 4 साल और 5 साल पर रिटर्न मिलता रहेगा. यानी हर साल एक बड़ा अमाउंट आपके बैंक खाते में आ जाएगा. अगर खाते में पैसा आता है और आपको उसकी जरूरत है तो इस्तेमाल कर सकते हें और आपको अपना डिपॉजिट तोड़ना नहीं पड़ेगा. लेकिन जरूरत नहीं है तो खाते में आए पैसों का फिर एफडी कर दें. वह भी आपकी दौलत में आगे इजाफा करेगा.
FD Laddering : एफडी लैडरिंग क्यों करें
हाई इंटरेस्ट अर्निंग
ब्याज दर घटने या बढ़ने के टेंशन से छुटकारा
बिना नुकसान के लिक्विडिटी
फ्लेक्सिबिलिटी
रिस्क मैनेजमेंट
लंबी अवधि में अपने निवेश के लक्ष्य पूरा करने के लिए
टैक्स सेविंग के लिए
FD Laddering : इन बातों का रखें ध्यान
लिक्विडिटी की जरूरत
इंटरेस्ट रेट कहां ज्यादा
अर्ली विदड्रॉ पर पेनल्टी
टैक्स के नियम
(source : financial website)