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किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले एक बार अपने फाइनेंशियल टॉर्गेट पर विचार कर लेना चाहिए. (Image: Freepik)
How to make the most of rising FD rates: फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी (FD) निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प है. हाल ही में एफडी दरों में उछाल ने निवेशकों को अपनी निश्चित आय निवेश रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया कि क्या उन्हें अपना पैसा पार्क करना चाहिए या हायर रेट पर निकालना चाहिए और लंबी अवधि वाले निवेश विकल्प में जमा करना चाहिए. एफडी ब्याज दर में बढ़ोतरी पर निवेशकों के मन में ऐसे कई सवाल उठते हैं.
कुछ बैंकों ने पहले ही एफडी रेट बढ़ा दिए हैं और आने वाले दिनों कुछ बैंकों की तरफ से एलान कर सकते हैं. इसके अलावा एफडी में कई विकल्प हैं और निवेशकों को अपने लाभ के लिए उनका इस्तेमाल करने आना चाहिए. मिसाल के तौर एक है स्पेशल FD इसमें निवेश पर अधिक रिटर्न मिलते हैं. सही कदम उठाकर एफडी पर अधिक रिटर्न और हासिल किया जा सकता हैं. उसके लिए यहां कुछ तरीके बताए गए हैं आइए जानते हैं इसके बारे में..
फंड की जरूरतों को समझें
किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले एक बार अपने फाइनेंशियल टॉर्गेट पर विचार कर लेना चाहिए. अपनी सेविंग इस्तेमाल करने से पहले घर खरीदने, बच्चों की फीस, रिटायरमेंट प्लानिंग जैसे शार्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म वाले फाइनेंशियल टॉर्गेट के बारे में विचार कर लें. एक बार टार्गेट तय हो जाने और अपनी जोखिम लेने की क्षमता समझ लेने पर किसी निवेश विकल्प पर आगे बढ़ सकते हैं.
समझदारी से बैंक एफडी स्कीम चुनें
विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के एफडी ब्याज दर पर कड़ी नजर रखें. किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान के एफडी ब्याज दर में बढ़ोतरी होने पर निवेश करने से पहले उपलब्ध विकल्पों के बीच तुलना करें और एफडी पर सबसे अधिक ब्याज देने वाले विश्वसनीय बैंक को निवेश के लिए चुने.
लॉक-इन पीरियड चेक करें
एफडी में निवेश करने से पहले चुने गए स्कीम पर लॉक-इन पीरियड देख लें. लॉक-इन पीरियड डिटेल एफडी निवेश विकल्प के टेन्योर से जुड़ा होता है. अगर ब्याज दरें और बढ़ने की उम्मीद है, तो ऐसे में कम समय में मैच्योर होने वाला एफडी विकल्प चुनना समझदारी भरा फैसला हो सकता है. यह रणनीति आपको मौजूदा एफडी के मैच्योर होने पर अधिक रिटर्न देने वाले स्कीम में नए सिरे से इनवेस्ट करने की अनुमति देती है.
स्पेशल FD पर रखें नजर
बैंक अक्सर स्पेशल FD स्कीम पेश करते रहते हैं. इन पर अधिक ब्याज मिलते हैं. ऐसे में ये स्कीम ज्यादातर निवेशकों को अट्रैक्ट करते हैं. इस तरह के स्कीम पर निवेशकों की नजर होनी भी चाहिए लेकिन पैसे लगाने से पहले स्पेशल FD के नियमों और शर्तों के बारे में समझ लेनी चाहिए. कुछ स्पेशल FD विशेष क्राइटेरिया के साथ आते हैं जो निवेशक के फाइनेंशियल टार्गेट से मेल नहीं करते हैं.
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लैडरिंग स्ट्रैटेजी अपनाएं
आप एफडी विकल्प पर लैडरिंग स्ट्रैटेजी अपना सकते हैं. इसमें आपके निवेश को अलग-अलग अवधि के साथ कई एफडी में वितरित करना शामिल है. जैसे-जैसे करके एफडी मैच्योर होती है, उसे निकालकर अधिकतम रिटर्न देने वाले स्कीम में निवेश कर सकते हैं. ऐसा करके ज्यादा फायदा उठा सकते हैं.
निवेश पोर्टफोलियो पर रखें नजर
अपने निवेश पोर्टफोलियो की नियमित रूप से समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें. अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है, तो आप अपने निवेश का एक हिस्सा उन स्कीम में ट्रांसफर कर सकते हैं. समय-समय पर उठाए गए ये कदम पोर्टफोलियो को आपके फाइनेंशियल टार्गेट के अनुरूप बनाए रखने में मददगार साबित होता है.
इस पर भी रखें नजर
एफडी पर ध्यान केंद्रित करते वक्त रियल रिटर्न पर महंगाई दर के प्रभाव पर विचार करना अहम है. महंगाई दर परचेजिंग पावर को नष्ट कर देती है और एफडी निवेश विकल्प पर हमेशा अधिक रिटर्न नहीं मिल सकते हैं. समय के साथ अपने धन के वैल्यू को संरक्षित करने के लिए महंगाई दर और निवेश विकल्प के एडजस्टमेंट बनाए रखना चाहिए.
(Article: Sanjeev Sinha)