/financial-express-hindi/media/media_files/2024/11/22/oCJ7BRfXPPfM1Td96hv9.jpg)
फिक्स्ड डिपॉजिट लैडरिंग एक तरह से यह निवेश की सीढ़ी चढ़ने जैसा है, जहां हर स्टेप पर आपको फायदा मिलता है.
Fixed Deposit, Fixed Deposit Ladder, FD Laddering Technique:फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD भारतीय निवेशकों का सबसे भरोसेमंद और पारंपरिक निवेश विकल्प रहा है. इसमें लोग एक तय ब्याज दर पर निश्चित अवधि के लिए पैसे जमा करते हैं और मैच्योरिटी पर सुरक्षित रिटर्न पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक तकनीक है जिससे आप FD से मिलने वाले रिटर्न को और भी बेहतर बना सकते हैं? इस तकनीक को कहा जाता है FD लैडरिंग (FD Laddering). आइए जानते हैं कि यह क्या है और कैसे यह आपकी निवेश रणनीति को और ज्यादा मजबूत बना सकती है.
क्या है FD लैडरिंग?
एफडी लैडरिंग एक ऐसा निवेश तरीका है, जिसमें आप अपनी पूरी पूंजी को एक ही अवधि की FD में लगाने की बजाय, अलग-अलग समयावधि की FD में बांट देते हैं. इससे दो बड़े फायदे होते हैं—एक तो आपकी लिक्विडिटी बनी रहती है, और दूसरा आप ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए आपके पास 20 लाख रुपये निवेश के लिए हैं. अब आप इस पूरे पैसे को एक ही FD में 5 साल के लिए लगाने की बजाय, इसे 5 हिस्सों में बांट लें—हर हिस्से में 4 लाख रुपये. फिर इन हिस्सों को क्रमशः 1 साल, 2 साल, 3 साल, 4 साल और 5 साल की FD में लगाएं. इस तरह आपकी हर साल एक FD मैच्योर होगी और जरूरत पड़ने पर आप उसका उपयोग कर सकते हैं.
Also read : FD Rates: इन बैंकों ने घटाईं एफडी पर ब्याज दरें, कहां कितना मिल रहा इंटरेस्ट रेट
कैसे काम करती है FD लैडरिंग?
इस स्ट्रैटेजी को समझने के लिए इसे एक सीढ़ी (Ladder) की तरह सोचें. हर पायदान यानी हर एफडी एक अलग अवधि की होती है, जिससे हर कुछ महीनों या सालों में आपको पैसे मिलते रहते हैं.
मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये 5 हिस्सों में बांटकर अलग-अलग अवधि की FD में लगाए—6 महीने, 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल. जब सबसे छोटी अवधि वाली FD मैच्योर हो, तब आप जरूरत के हिसाब से उस पैसे को उपयोग कर सकते हैं या फिर दोबारा उसे लंबे समय की FD में लगाकर लैडर को बनाए रख सकते हैं.
इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से आप न केवल बेहतर ब्याज दरें पा सकते हैं, बल्कि आपको किसी इमरजेंसी के समय अपनी लंबी अवधि वाली FD को तोड़ने की भी जरूरत नहीं पड़ती.
Also read : Gold: फिर से बढ़ने लगी सोने की चमक, इसे नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं ये फैक्टर
लिक्विडिटी बनी रहेगी, तनाव नहीं होगा
FD लैडरिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी लिक्विडिटी बनी रहती है. हर साल या हर कुछ समय पर कोई न कोई FD मैच्योर होती रहती है. इसका मतलब है कि आपको जरूरत पड़ने पर अचानक पूरी FD को तोड़ने की नौबत नहीं आती. छोटी अवधि वाली FD आपकी इमरजेंसी जरूरतों को संभाल सकती है.
क्यों करें FD लैडरिंग?
FD लैडरिंग के कई फायदे हैं, जैसे:
हाई इंटरेस्ट अर्निंग
ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया जा सकता है.
ब्याज दर के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा
सभी एफडी अलग-अलग समय पर मैच्योर होती हैं, जिससे ब्याज दरों में बदलाव का जोखिम कम होता है.
बिना नुकसान के लिक्विडिटी
एक FD को तोड़े बिना पैसा उपलब्ध रहता है.
फ्लेक्सिबिलिटी
आप जरूरत और परिस्थिति के अनुसार रणनीति को बदल सकते हैं.
रिस्क मैनेजमेंट
फंड्स अलग-अलग समय में मैच्योर होते हैं, जिससे जोखिम बंट जाता है.
लंबी अवधि में निवेश लक्ष्यों की पूर्ति
रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने जैसे लक्ष्यों को साधा जा सकता है.
टैक्स सेविंग का अवसर
कुछ टैक्स सेविंग FD का भी इस स्ट्रैटेजी में इस्तेमाल किया जा सकता है.
Also read : Home Loan Hacks: इन 4 टिप्स को अपनाएं तो कम हो सकती है आपकी मंथली EMI
FD लैडरिंग से पहले ध्यान में रखने योग्य बातें
लिक्विडिटी की जरूरत
अपने खर्च और जरूरी जरूरतों का अंदाजा लगाकर ही एफडी की अवधि तय करें.
ब्याज दरें कहां अधिक हैं
बैंक या वित्तीय संस्थान चुनते समय यह देखें कि कौन ज्यादा ब्याज दे रहा है.
अर्ली विदड्रॉ पेनल्टी
अगर एफडी को समय से पहले तोड़ना पड़े तो उस पर पेनल्टी लग सकती है. इसे ध्यान में रखें.
टैक्स नियमों की समझ
एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है, इसलिए टैक्स नियमों की जानकारी जरूरी है.