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Franklin Templeton Mutual Fund : फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो लंबे समय में पूंजी बढ़ाना चाहते हैं. (Image : Pixabay)
Best performing balanced advantage funds : फ्रैंकलिन टेम्पलटन का ओपन-एंडेड डायनेमिक एसेट एलोकेशन हाइब्रिड स्कीम फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने अपने 3 साल पूरे कर लिए. इसी के साथ इस फंड ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की और इसका एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2,700 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
फंड (Franklin India Balanced Advantage Fund) की फैक्ट शीट के अनुसार 6 सितम्बर 2022 में लॉन्च हुए इस फंड ने शुरू से अब तक 12.54% एनुअलाइज्ड रिटर्न (CAGR) दिया है. इसकी तुलना में इसके बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 हाइब्रिड कंपोजिट डेट 50:50 इंडेक्स ने 10.19% एनुअलाइज्ड रिटर्न (CAGR) दिया. वहीं एसआईपी पर रिटर्न 11.47 फीसदी सालाना रहा.
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फंड का लम्प सम प्रदर्शन
लॉन्च डेट : 6 सितंबर 2022
लॉन्च के बाद से रिटर्न : 12.54% सालाना
वन टाइम इन्वेस्टमेंट : 1 लाख रुपये
अब निवेश की वैल्यू : 1.42 लाख रुपये
नोट : अगर किसी ने फंड के लॉन्च के समय एकमुश्त 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज उसकी कीमत 1.42 लाख रुपये हो जाती.
फंड का SIP प्रदर्शन
लॉन्च के बाद से एसआईपी रिटर्न : 11.47% सालाना
मंथली एसआईपी अमाउंट : 10,000 रुपये
3 साल में कुल एसआईपी निवेश : 3,60,000 रुपये
3 साल बाद कुल निवेश की वैल्यू : 4,27,095 रुपये
नोट : अगर किसी ने हर महीने 10,000 रुपये की SIP शुरू की होती, तो अब तक एसआईपी के जरिए किया गया कुल 3.6 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 4.27 लाख रुपये हो गया होता.
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निवेश की स्ट्रैटेजी
जब शेयर बाजार नीचे जाता है तो यह फंड इक्विटी (शेयरों) में ज्यादा निवेश करता है, और जब वैल्यूएशन बहुत ऊंचा होता है, तब इक्विटी में कम निवेश होता है. इससे फंड के प्रदर्शन को मजबूती मिलती है.
इस फंड की निवेश रणनीति यह है कि मिड से लॉन्ग टर्म में जिन कंपनियों में अच्छी ग्रोथ की संभावना है और जिनकी कीमतें उचित हैं, उनमें निवेश किया जाए. यह फंड इक्विटी (शेयर) और डेट के बीच सही तालमेल बिठाने के लिए एक खास मॉडल का इस्तेमाल करता है. यह मॉडल क्वालिटेटिव फंडामेंटल्स (कंपनी की बुनियादी स्थिति) और क्वांटिटेटिव वैल्यूएशन पैरामीटर (वैल्यूएशन ) को मिलाकर काम करता है.
फंड, इक्विटी में कितना पैसा लगाना है, यह तय करने के लिए एनएसई 500 के प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) और प्राइस-टू-बुक (P/B) मल्टीपल का औसत निकालता है. इक्विटी में यह फंड फ्लेक्सी-कैप तरीका अपनाता है, जिससे यह लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश करता है.
लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन पर फोकस
फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के पोर्टफोलियो मैनेजर के. राजसा का कहना है कि हाइब्रिड फंड कैटेगरी पहले ही काफी बड़ी हो चुकी है. जैसे-जैसे बाजार मैच्योर होगा और निवेशक अपने जीवन के लक्ष्यों के हिसाब से जोखिम और रिटर्न की उम्मीदों को समझेंगे, मुझे लगता है कि यह कैटेगरी यहां से कई गुना बढ़ेगी. फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो लंबे समय में पूंजी (Capital) बढ़ाना चाहते हैं और कम उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) पसंद करते हैं.
आसान निवेश और मजबूत प्रबंधन
इस स्कीम में निवेशक सिर्फ 500 रुपये प्रति माह एसआईपी से शुरुआत कर सकते हैं, और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी राशि बढ़ा सकते हैं. मौजूदा अस्थिर (वोलेटाइल) बाजार माहौल में, जहां ग्लोबल ट्रेड की अनिश्चितताएं हैं, यह फंड उन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है, जो लंबी अवधि में ग्रोथ चाहते हैं और जोखिम कम रखना चाहते हैं.
इस फंड को एक अनुभवी टीम संभालती है, जिसमें राजसा काकुलवरपु, वेंकटेश संजीव, चांदनी गुप्ता, अनुज तगरा, राहुल गोस्वामी, और संदीप मनम शामिल हैं.