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Gold ETF High Returns : देश के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ ने पिछले 1 साल में 33 से 35% तक रिटर्न दिया है. (Image : Pixabay)
Gold ETF High Returns : गोल्ड ईटीएफ यानी गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में एक बार फिर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है. मई 2025 में गोल्ड ईटीएफ में 292 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखने को मिला है, जबकि इससे पहले मार्च और अप्रैल में यह कैटेगरी लगातार दो महीने तक आउटफ्लो झेल रही थी. बीते एक साल में गोल्ड ईटीएफ ने करीब 33% तक का रिटर्न दिया है, वहीं तीन साल की अवधि में इनका एनुअल रिटर्न 22% से ज्यादा रहा है. यह परफॉर्मेंस बताता है कि बाजार में उथल-पुथल के बीच निवेशकों को गोल्ड में स्टेबिलिटी और सुरक्षा नजर आ रही है.
क्यों लौटने लगा निवेशकों का रुझान
मार्च में 77.21 करोड़ और अप्रैल में 5.82 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो दर्ज करने के बाद मई में गोल्ड ईटीएफ में 292 करोड़ रुपये का निवेश आया. इसकी प्रमुख वजह रही गोल्ड की कीमतों में मजबूती और ग्लोबल लेवल पर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता. मई में गोल्ड ईटीएफ ने औसतन 1.10% रिटर्न दिया, जिसमें टाटा गोल्ड ईटीएफ 2.53% के रिटर्न के साथ टॉप पर रहा. यह संकेत है कि निवेशक अब फिर से गोल्ड को एक सुरक्षित एसेट के रूप में प्राथमिकता देने लगे हैं.
टॉप गोल्ड ईटीएफ फंड्स का पिछला प्रदर्शन
देश के प्रमुख गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के पिछले प्रदर्शन को देखने से पता चलता है कि सोने जैसे सुरक्षित एसेट में निवेश करके भी इन्होंने 1 और 3 साल में काफी आकर्षक रिटर्न दिए हैं. हमने इस लिस्ट में सिर्फ उन टॉप गोल्ड ईटीएफ को शामिल किया है, जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) कम से कम 1000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है.
ईटीएफ का नाम / 1 साल का रिटर्न / 3 साल का रिटर्न
UTI Gold ETF : 35.25% / 22.87%
AUM : 1,943 करोड़ रुपयेAxis Gold ETF : 33.99% / 22.29%
AUM : 1,809 करोड़ रुपयेICICI Prudential Gold ETF : 33.91% / 22.31%
AUM : 7,694 करोड़ रुपयेAditya Birla Sun Life Gold ETF : 33.83% / 22.23%
AUM : 1,163 करोड़ रुपयेKotak Gold ETF : 33.74% / 22.23%
AUM : 7,639 करोड़ रुपयेSBI Gold ETF : 33.66% / 22.10%
AUM : 8,132 करोड़ रुपयेNippon India ETF Gold BeES : 33.52% / 22.08%
AUM : 21,120 करोड़ रुपयेHDFC Gold ETF : 33.38% / 22.21%
AUM : 10,093 करोड़ रुपये
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ा निवेश
मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 की पहली तिमाही में ग्लोबल लेवल पर भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश 170% की सालाना वृद्धि के साथ 552 टन तक पहुंच गया. पिछले तीन सालों में यह सबसे बड़ी तिमाही डिमांड रही. इसका श्रेय ट्रेड टेंशन, जियोपॉलिटिकल अस्थिरता और गोल्ड प्राइस में तेजी को दिया जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया कि गोल्ड-बैक्ड ईटीएफ की होल्डिंग्स 226 टन बढ़कर 3445 टन तक पहुंच गई हैं.
निवेश रणनीति में गोल्ड ईटीएफ की अहमियत
गोल्ड ईटीएफ को निवेश पोर्टफोलियो में एक बैलेंस बनाने वाले एसेट के रूप में देखा जाता है. यह न सिर्फ पोर्टफोलियो को ज्यादा सुरक्षित बनाता है, बल्कि बाजार की अस्थिरता के समय स्टेबल रिटर्न भी देता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है और इनकी हर यूनिट फिजिकल गोल्ड की एक तय क्वांटिटी (आमतौर पर 1 ग्राम) से जुड़ी होती है.
गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की वापसी और पिछले रिटर्न के आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि बाजार में अस्थिरता के समय गोल्ड एक भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है. चाहे वह घरेलू निवेशक हों या अंतरराष्ट्रीय संस्थान, सबके लिए गोल्ड एक महत्वपूर्ण एसेट क्लास बना हुआ है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड्स का पिछला रिटर्न आगे भी जारी रहेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)