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Gold ETF Return : बीते 1 साल में कोई भी ऐसा गोल्ड ईटीएफ नहीं रहा, जिसमें 30 फीसदी से कम तेजी आई हो. (Image : PIxabay)
Gold Mutual Funds : फाइनेंशियल ईयर 2025 में गोल्ड एसेट क्लास क्लीयर विनर रहा है. 1 अप्रैल 2024 से 28 मार्च 2025 तक यानी बीते 1 साल में गोल्ड ने करीब 32 फीसदी रिटर्न दिया है. जबकि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों का रिटर्न करीब 5 फीसदी रहा है. गोल्ड के अलावा सिल्वर में भी 1 साल के दौरान 35 फीसदी रिटर्न मिला. फिलहाल गोल्ड की इस रैली का फायदा गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम को भी मिला है. बीते 1 साल में कोई भी ऐसा गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) या गोल्ड फंड नहीं रहा, जिसमें 30 फीसदी से कम तेजी आई हो. हमने यहां 1 साल में टॉप परफॉर्म करने वाले 15 गोल्ड ईटीएफ की लिस्ट दी है.
Top Performing Gold ETFs
Edelweiss Gold and Silver ETF FoF : 33%
LIC MF Gold ETF FoF : 32.50%
UTI Gold ETF FoF : 32.37%
HDFC Gold ETF Fund of Fund : 31.68%
Motilal Oswal Gold and Silver ETFs FoF : 31.67%
Tata Gold ETF : 31.30%
ABSL Gold ETF : 31%
Zerodha Gold ETF : 31%
Kotak Gold ETF : 31%
Invesco India Gold ETF FoF : 30.96%
Axis Gold ETF : 30.95%
ICICI Pru Gold ETF : 30.89%
DSP Gold ETF : 30.86%
Edelweiss Gold ETF : 30.82%
Invesco India Gold ETF : 30.82%
Gold ETF क्या होते हैं?
गोल्ड ईटीएफ दरअसल ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) होते हैं, जो सोने और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात है कि गोल्ड फंड, गोल्ड ईटीएफ में निवेश (Invest in Gold ETF) करते हैं और गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड में. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स की कीमतें, फिजिकल गोल्ड के भाव के आधार पर बढ़ती-घटती रहती हैं. यही वजह है कि गोल्ड ईटीएफ में किए गए निवेश के रिटर्न आम तौर पर फिजिकल गोल्ड में निवेश से मिलने वाले रिटर्न के काफी करीब होते हैं.
गोल्ड ETF को भी बाकी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है और इनवेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए इन्हें खरीद और बेच सकते हैं. रिस्कोमीटर पर ज्यादातर गोल्ड ईटीएफ को हाई रिस्क (High Risk) रेटिंग मिली हुई है, क्योंकि इसके रिटर्न पर गोल्ड की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.
किसके लिए बेहतर है विकल्प?
गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करते हैं और उनकी कीमतें फिजिकल गोल्ड की कीमतों से जुड़ी होती हैं. गोल्ड ईटीएफ यह उन लोगों के लिए एक बेहतर विकल्प हैं, जो गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन स्टोरेज, चोरी और प्योरिटी की चिंता से बचना चाहते हैं.
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है और इसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए खरीदा या बेचा जा सकता है. यह पूरी तरह से डिजिटल है, इसलिए निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने की चिंता नहीं करनी पड़ती.
गोल्ड ETF की प्रमुख खासियत
- गोल्ड ईटीएफ में आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये छोटी छोटी रकम से भी निवेश कर सकते हैं.
- गोल्ड ETF में पैसे लगाने पर आपको हाई प्योरिटी वाले 24 कैरेट गोल्ड में निवेश का फायदा मिलता है, जिसमें मिलावट का कोई डर नहीं होता.
- Gold ETF की यूनिट्स आपके डी-मैट अकाउंट में पूरी सुरक्षित रहती हैं.
- गोल्ड ईटीएफ की लिक्विडिटी बेहतर होती है. यानी इन्हें खरीदना-बेचना ज्यादा आसान है.
- फिजिकल गोल्ड की तरह इसे बेचते समय ट्रांजैक्शन चार्ज और इंप्योरिटी के पैसे कटने का टेंशन नहीं रहता.
- गोल्ड ETF को 3 साल से ज्यादा होल्ड करने के बाद बेचें, तो मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)