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Gold or Silver : 2024 में सिल्वर ने निवेशकों को करीब 40 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि गोल्ड में रिटर्न 25 फीसदी के आस पास रहा. (Pixabay)
Silver to Outperform Gold : साल 2024 की बात करें तो रिटर्न देने में चांदी (सिल्वर) ने दूसरे एसेट क्लास को पीछे छोड़ दिया है. हाल ही में सिल्वर ने 1 लाख रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पहली बार टच किया था. अभी भी यह 98000 रुपये के आस पास है. 2024 में सिल्वर ने निवेशकों को करीब 40 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि गोल्ड में रिटर्न 25 फीसदी के आस पास रहा. वहीं इस साल सेसेक्स ने 11.50 फीसदी और निफ्टी ने 12.50 फीसदी रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट और ब्रोकरेज का कहना है कि सिल्वर का घरेलू स्तर पर आउटपरफॉर्मेंस आगे भी जारीह रहेगा. सिल्वर अगली दिवाली तक 125000 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच सकती है.
अगली दिवाली तक कहां जाएगा सिल्वर
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अनुसार, मिड से लान्ग टर्म में सिल्वर का प्रदर्शन गोल्ड की तुलना में बेहतर रह सकता है. अगले 12 से 15 महीनों में इसके MCX पर 1,25,000 रुपये और COMEX पर 40 डॉलर तक के भाव पर पहुंचने की उम्मीद है. इस साल सिल्वर में मिलने वाला रिटर्न 40 फीसदी के आस पास रहा है, जो अन्य एसेट क्लास के मुकाबले हाई है. जिसके पीछे सबसे प्रमुख फैक्टर बढ़ रही इंडस्ट्रियल डिमांड और अनिश्चितताओं के बीच सेफ हैवन बॉइंग है.
गोल्ड की कीमतों का अनुमान
मोतीलाल ओसवाल का यह अनुमान है कि गोल्ड का भाव मिड टर्म में 81,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और लॉन्ग टर्म में 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच सकता है. COMEX पर इसके मिड टर्म में 2830 डॉलर और लॉन्ग टर्म में 3000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. साल 2021 को छोड़कर, गोल्ड हाल के कुछ साल में लगातार सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट क्लास में से एक रहा है. 2016 से लेकर अबतक यह घरेलू स्तर पर यह कीमती मेटल हरे निशान में ही रहा है. इस साल कॉमेक्स और एमसीएक्स दोनों पर गोल्ड आलटाइम हाई पर पहुंच गया है.
सिल्वर और गोल्ड में तेजी की वजह
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट, मानव मोदी का कहना है कि साल 2024 में बाजार की अनिश्चितताओं, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों, बढ़ती डिमांड और रुपये में गिरावट के चलते सिल्वर और गोल्ड दोनों की कीमतों को सपोर्ट मिला. कुल मिलाकर, इस दिवाली के लिए बाजारों का ट्रेंड पॉजिटिव होने का अनुमान है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद के महीने गोल्ड के नियर टर्म ट्रैजेक्टरी को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण होंगे. इसके अलावा, फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती और विशेष रूप से मिडिल ईस्ट में बढ़ रहे जियो-पॉलिटिकल टेंशन के चलते भी कीमतों को सपोर्ट मिला है.
दिवाली के दौरान गोल्ड ने कैसा किया प्रदर्शन
इस साल दिवाली के आस पास 2 महत्वपूर्ण घटनाएं हैं. एक तो अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव और दूसरा 2024 की अंतिम फेडरल रिजर्व पॉलिसी मीटिंग. ऐतिहासिक रूप से, फेस्टिव सीजन के दौरान गोल्ड की डिमांड बढ़ती है. फिर भी, पहले से ही बढ़ चुकी कीमतों के चलते इस दिवाली गोल्ड डिमांड पर असर पड़ सकता है और कुछ कमजोर हो सकती है. घरेलू मांग में थोड़ी गिरावट आ सकती है, फिर भी इन प्रमुख घटनाओं के बीच कीमतों को समर्थन मिलना जारी रह सकता है. ब्रोकरेज के अनुसार, अगर किसी ने दिवाली 2019 के दौरान सोने में निवेश किया होगा, तो उसका रिटर्न इस दिवाली तक 103 फीसदी हो चुका है.
ब्रोकरेज द्वारा किए गए लीप ईयर और गोल्ड के हिस्टोरिकल पैटर्न के एनालिसिस के अनुसार, 2011 के बाद से, सिर्फ साल 2015 और 2016, ऐसे रहे हैं, जब दिवाली से पहले के 30 दिनों में निगेटिव रिटर्न दर्ज किया गया था. 2022 के अलावा, दिवाली से पहले होने वाले गेंस ने दिवाली के बाद होने वाले गेंस को लगातार पीछे छोड़ा है. ब्रोकरेज का कहना है कि भविष्य में गोल्ड की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. इसलिए इसमें गिरावट आए तो यह खरीदारी का अवसर होगा. रिपोर्ट के अनुसार गोल्ड में नियर टर्म में 5 -7% गिरावट का अनुमान है, जिसके बाद खरीदारी का मौका होगा.
गोल्ड और सिल्वर को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स
रेट कट
जियो पॉलिटिकल टेंशन
अमेरिकी चुनाव का रिजल्ट
इंडस्ट्रियल डिमांड
वेंडिंग सीजन
(Disclaimer: गोल्ड या सिल्वर एसेट क्लास में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)