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Gold On New High : दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 1 लाख रुपये के करीब पहुंचा. (Image : Freepik)
Gold Rate Today, Sone Chandi Ka Bhav Aaj Ka: दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. महज एक दिन में सोना 1,650 रुपये की तेजी के साथ 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. यह पहली बार है जब सोने की कीमत 1 लाख रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर के इतना करीब पहुंची है. सोने की इस रफ्तार ने निवेशकों और आम ग्राहकों दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस तेजी के पीछे कमजोर डॉलर, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ती ट्रेड वॉर की चिंता और ग्लोबल लेवल पर निवेशकों का रुझान मुख्य वजह बताई जा रही है.
सोने में आई इतनी बड़ी तेजी क्यों?
सोने की इस तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर है. अमेरिकी प्रशासन द्वारा घोषित नए टैरिफ के बाद ग्लोबल मार्केट्स में अस्थिरता बढ़ गई है. इस अस्थिरता के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश में सोने की ओर बढ़े हैं. इससे सोने की मांग में इजाफा हुआ है, और कीमतों को सपोर्ट मिला है. साथ ही, डॉलर की कमजोरी ने भी इस तेजी में योगदान दिया है.
सर्राफा बाजार में क्या रहा भाव?
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार 99.9 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड सोमवार को 1,650 रुपये की तेजी के साथ 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. शुक्रवार को इसका भाव 98,150 रुपये था. इसी तरह 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना 1,600 रुपये बढ़कर 99,300 रुपये पर पहुंचा. इस साल अब तक सोने की कीमतों में कुल 20,850 रुपये यानी करीब 26.41 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
चांदी ने भी पकड़ी रफ्तार
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी मजबूती देखने को मिली. सोमवार को चांदी 500 रुपये बढ़कर 98,500 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई. शुक्रवार को यह 98,000 रुपये पर स्थिर रही थी. दुनिया भर में आर्थिक अस्थिरता का असर दोनों कीमती मेटल्स पर साफ नजर आ रहा है.
कमजोर डॉलर और जियोपॉलिटिकल रिस्क का असर
कोटक महिंद्रा एएमसी के फंड मैनेजर सतीश डोंडापाटी ने पीटीआई से कहा, "इस साल सोना और चांदी दोनों की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया है. ट्रेड टेंशंस, ब्याज दर में कटौती की उम्मीद, जियो-पोलिटिकल टेंशन और कमजोर डॉलर इसके पीछे मुख्य कारण रहे हैं. अप्रैल 2 को अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ के बाद से ही सोना करीब 6 फीसदी और इस साल कुल 25 फीसदी बढ़ चुका है."
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी नया रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमतों में तेजी जारी है. स्पॉट गोल्ड का भाव सोमवार को 3,397.18 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा. हालांकि बाद में थोड़ी गिरावट आई और यह 3,393.49 डॉलर पर ट्रेड करता दिखा. गोल्ड फ्यूचर्स ने भी पहली बार 3,400 डॉलर का स्तर पार किया. जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट, कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च, प्रणव मेर ने कहा, "टैरिफ को लेकर जारी असमंजस, कमजोर डॉलर और यूएस ट्रेजरी यील्ड्स की वजह से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है. ETF निवेशकों की ओर से खरीदारी बढ़ी है और भारत में आने वाले त्योहारी सीजन से भी डिमांड को सपोर्ट मिल रहा है."
डॉलर में गिरावट से बनी तेजी की जमीन
कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी, कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने कहा, "सोने में तेजी की रैली लगातार जारी है क्योंकि अमेरिकी डॉलर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. साथ ही, सुरक्षित निवेश की मांग भी बढ़ी है, खासतौर पर तब जब राष्ट्रपति ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को हटाने की धमकी दी."
बाजार की नजर अब अमेरिका की नीतियों पर
अब निवेशकों की नजर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ रणनीति और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के सदस्यों के बयानों पर है. अबान्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिन्तन मेहता ने कहा, "अगर ब्याज दरों में कटौती या आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोने की मांग और ज्यादा बढ़ सकती है. इससे सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं."
क्या आगे भी जारी रहेगा तेजी का दौर?
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट, कमोडिटी और करेंसी रिसर्च एनालिस्ट, जतिन त्रिवेदी ने बताया, "सप्ताह की शुरुआत में मजबूत खरीदारी के साथ गोल्ड ने अपनी रिकॉर्ड-तोड़ तेजी जारी रखी. कॉमैक्स गोल्ड 3,400 डॉलर के करीब ट्रेड करता दिखा जबकि एमसीएक्स गोल्ड 96,775 रुपये पर पहुंच गया. चीन, सेंट्रल बैंकों और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की ओर से हो रही खरीदारी से इस तेजी को सपोर्ट मिल रहा है. तकनीकी रूप से जब तक कॉमैक्स 3,250 डॉलर और एमसीएक्स 91,000 रुपये से ऊपर है, तब तक तेजी का रुझान बना रहेगा. हालांकि ऊंचे स्तरों पर अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए."
क्या ये निवेश का सही समय है?
सोने की मौजूदा तेजी कई ग्लोबल और इकनॉमिक फैक्टर्स की वजह से आई है. कमजोर डॉलर, व्यापारिक तनाव और निवेशकों की सुरक्षित संपत्ति की ओर झुकाव ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. हालांकि निवेश से पहले मौजूदा स्तरों और बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखना जरूरी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि गिरावट के समय खरीदारी का मौका मिल सकता है, लेकिन सतर्कता जरूरी है.