/financial-express-hindi/media/media_files/2025/06/19/gold-silver-price-drop-ai-gemini-2025-06-19-20-06-39.jpg)
Gold Silver Price Today : गुरुवार को सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई. (AI Generated Image)
Gold Rate Today, Sone Chandi Ka Bhav Aaj Ka: देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई. सर्राफा बाजार में जहां सोने के भाव में 150 रुपये की कमी आई, वहीं चांदी 1000 रुपये लुढ़क गई. ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों का असर घरेलू बाजार में भी साफ नजर आया. विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इंटरेस्ट रेट पॉलिसी और डॉलर की मजबूती ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया है.
सोना 150 रुपये सस्ता, चांदी भी फिसली
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, 99.9 फीसदी प्योरिटी वाले सोने की कीमत गुरुवार को 150 रुपये गिरकर 1,00,560 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. पिछले सत्र में यह 1,00,710 रुपये थी. वहीं 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना भी 150 रुपये घटकर 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. चांदी की बात करें तो यह अपने ऑल टाइम हाई लेवल से नीचे आ गई है. बुधवार को 1,08,200 रुपये प्रति किलो पर पहुंची चांदी गुरुवार को 1,000 रुपये टूटकर 1,07,200 रुपये प्रति किलो पर आ गई.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्यों आई गिरावट
ग्लोबल मार्केट में भी सोने-चांदी के दामों में नरमी देखने को मिली. हाजिर सोना (Spot Gold) मामूली गिरावट के साथ 3,365.90 डॉलर प्रति औंस पर आ गया. इसके पीछे मुख्य वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखना और डॉलर में मजबूती मानी जा रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोटक सिक्योरिटीज में AVP-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने कहा, "ग्लोबल मार्केट में सोने के दाम 3,390 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गए हैं क्योंकि फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को 4.25–4.50 फीसदी पर स्थिर रखा है और डॉलर मजबूत बना हुआ है."
एलकेपी सिक्योरिटीज में वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, "फेड की नीति के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया है. फेड ने फिलहाल ब्याज दर में कोई कटौती नहीं की और आगे भी छह महीने तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. हालांकि ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव सोने की कीमतों को सपोर्ट दे रहा है."
आगे क्या होगा
विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में सोने-चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात, ब्याज दरों की दिशा और जियो-पोलिटिकल टेंशन पर निर्भर करेंगी. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार पर नजर बनाए रखें और जल्दबाजी में कोई फैसला न लें. इस गिरावट को कुछ लोग निवेश का मौका भी मान सकते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि कोई भी कदम लॉन्ग टर्म नजरिये को ध्यान में रखते हुए ही उठाएं.