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Gold Silver Price Today : सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने और चांदी, दोनों में गिरावट देखने को मिली. (Image : Freepik)
Gold Rate Today, Sone Chandi Ka Bhav Aaj Ka: सोने और चांदी की कीमतों में शुक्रवार को तेज गिरावट देखने को मिली. दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 600 रुपये टूटकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि चांदी 2,000 रुपये लुढ़ककर 1,05,200 रुपये प्रति किलो पर आ गई. इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण माने जा रहे हैं. ऐसे में निवेशकों और खरीदारों के लिए यह जानना जरूरी है कि ये गिरावट कितनी टिकेगी और आगे क्या रुझान बन सकता है.
ग्लोबल संकेत और स्थानीय बिकवाली
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 600 रुपये सस्ता होकर 99,960 रुपये पर बंद हुआ, जबकि पिछली कारोबारी सत्र में यह 1,00,560 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था. वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 550 रुपये घटकर 99,250 रुपये पर आ गया.
इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले कमजोर संकेत और स्थानीय ज्वैलर्स व स्टॉकिस्ट्स की बिकवाली मानी जा रही है. अमेरिका फेडरल रिजर्व के सख्त रुख ने सोने पर दबाव बढ़ाया है.
डॉलर की मजबूती ने बनाया दबाव
मीता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज) राहुल कालंत्री ने बताया, “इस हफ्ते की शुरुआत में तेज उछाल के बाद चांदी फिसलकर एक हफ्ते के निचले स्तर पर आ गई है. इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों ने अन्य जगहों के घाटे को पूरा करने के लिए बुलियन में अपनी पोजिशन कम कर दी.” इसके अलावा, बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के फैसले ने भी कीमती धातुओं के दामों में बढ़त को सीमित कर दिया.
रुपये की कमजोरी बनी सपोर्टिंग फैक्टर
हालांकि, घरेलू बाजार में रुपये की कमजोरी और पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव अब भी सोने-चांदी को कुछ हद तक सपोर्ट दे रहे हैं. राहुल कालंत्री के अनुसार, “डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और मध्य-पूर्व के हालातों के चलते कीमतों में पूरी तरह गिरावट नहीं आई है.”
कैसा रहेगा आगे का रुझान
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी - जतिन त्रिवेदी ने बताया, “अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख के चलते कॉमैक्स गोल्ड में तेजी का रुख बदला है, और घरेलू एमसीएक्स में सोना 98,800 रुपये तक फिसला. हालांकि ईरान और इजरायल के बीच जारी टकराव ने गिरावट को थामे रखा है. सुरक्षित निवेश की मांग अब भी बनी हुई है.”
जतिन त्रिवेदी ने आगे कहा, “आने वाले दिनों में अमेरिका के ट्रेड टैरिफ और पश्चिम एशिया की स्थिति की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव आएंगे. अगर अमेरिका इस संघर्ष में शामिल नहीं होता है या तनाव कम होता है तो सोने पर दबाव बनेगा. लेकिन अगर तनाव और बढ़ता है तो कीमतें फिर से चढ़ सकती हैं.” जतिन त्रिवेदी के मुताबिक आने वाले समय में सोना 97,500 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये की रेंज में घूमता रह सकता है.
बाजार के संकेतों पर नजर रखें
सोने-चांदी की कीमतों में मौजूदा गिरावट को स्थायी नहीं माना जा सकता, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय हालात और डॉलर-रुपये की चाल इस पर बड़ा असर डाल रही है. निवेशकों को किसी भी फैसले तक पहुंचने से पहले बाजार की चाल पर नजर रखनी चाहिए.