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HDFC Bank ने अपने लोन की ब्याज दरों में कटौती कर दी है. (File Photo: Reuters)
HDFC Bank Loan Interest Rates June 2025: एचडीएफसी बैंक ने अपने लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए ब्याज दरों में कटौती कर दी है. बैंक ने MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट में 10 बेसिस पॉइंट्स (bps) या करीब 0.10% तक की कमी की है. इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जिनके लोन MCLR से जुड़े हुए हैं. नई दरें 8.90% से 9.10% के बीच होंगी. घटी हुई ब्याज दरें 7 जून 2025 से लागू भी की जा चुकी हैं.
क्यों महत्वपूर्ण है MCLR
MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट, वह दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देता है. यह दर बैंक के फंडिंग कॉस्ट, ऑपरेशनल खर्च और अन्य फैक्टर्स पर आधारित होती है. RBI द्वारा रेपो रेट में बदलाव किए जाने के बाद बैंक अपने MCLR में संशोधन करते हैं. चूंकि HDFC बैंक के अधिकतर होम लोन MCLR से लिंक होते हैं, ऐसे में इसमें कटौती का सीधा फायदा ग्राहकों को EMI में राहत के रूप में मिलता है.
नई ब्याज दरें इसी महीने में लागू
HDFC बैंक ने अलग-अलग अवधियों के लिए MCLR में बदलाव करते हुए अलग-अलग अवधि की ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है. मिसाल के तौर पर ओवरनाइट और एक महीने की अवधि वाले लोन की दर अब 8.90% हो गई है, जो पहले 9% थी. तीन महीने की अवधि पर ब्याज दर 9.05% से घटाकर 8.95% कर दी गई है. छह महीने और एक साल की अवधि वाले लोन की दर अब 9.05% है, जो पहले 9.15% थी. दो और तीन साल की अवधि वाले लोन की दरें भी अब घटकर 9.10% हो गई हैं, जबकि पहले ये 9.20% थी.
अवधि | एमसीएलआर (MCLR) |
ओवरनाइट | 8.90% |
1 महीना | 8.90% |
3 महीने | 8.95% |
6 महीने | 9.05% |
1 साल | 9.05% |
2 साल | 9.10% |
3 साल | 9.10% |
(सोर्स : HDFC बैंक वेबसाइट)
RBI की रेपो रेट कटौती के बाद लिया गया फैसला
HDFC बैंक की यह दर कटौती ऐसे समय में आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून 2025 में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी. फरवरी 2025 से अब तक कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो चुकी है. रेपो रेट घटने से बैंकों के लिए फंड लेना सस्ता हो जाता है और वे यह लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.
EMI या लोन टेन्योर में दिखेगा फायदा
जिन ग्राहकों के लोन MCLR से लिंक हैं, उन्हें यह कटौती सीधे तौर पर राहत दे सकती है. हालांकि, इसका असर तभी दिखेगा जब उनका लोन रिसेट पीरियड आएगा. कुछ मामलों में EMI कम हो सकती है, जबकि कुछ में लोन की अवधि छोटी हो सकती है. यह आपके लोन की शर्तों पर निर्भर करता है.
HDFC बैंक की इस पहल से उन लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी जो होम लोन या अन्य प्रकार के MCLR आधारित लोन चुका रहे हैं. आने वाले समय में अगर RBI रेपो रेट में और कटौती करता है, तो बैंकों की ब्याज दरें और घट सकती हैं. ऐसे में, यह समय उन लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है जो नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं या अपने मौजूदा लोन की रीफाइनेंसिंग करना चाहते हैं.