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सिंगल प्रीमियम टर्म प्लान के फायदों और नुकसान को समझने के बाद तय करें कि यह आपके लिए सही है या नहीं. (Image : Freepik)
Life Insurance : Single Premium Term Plan: टर्म इंश्योरेंस प्लान अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी प्रोडक्ट है. लेकिन कई बार निवेशक इसे लंबे समय तक बनाए नहीं रख पाते. लंबी अवधि तक साल-दर-साल प्रीमियम चुकाते रहने की जिम्मेदारी में कई बार चूक हो जाती है. कुछ लोग यह सोच कर भी कुछ वर्षों बाद टर्म प्लान का प्रीमियम भरना बंद कर देते हैं कि यह सारा पैसा उन्हें वापस नहीं मिलने वाला. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एकमुश्त भुगतान वाले यानी सिंगल प्रीमियम टर्म प्लान को चुनना बेहतर रहेगा? यहां हम सिंगल प्रीमियम प्लान के फायदे और नुकसान को समझने की कोशिश करेंगे, ताकि आप तय कर सकें कि यह ऑप्शन आपकी जरूरतों के हिसाब से सही है या नहीं.
क्या होता है सिंगल प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस?
सिंगल प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस प्लान ऐसी बीमा स्कीम है, जिसमें आपको सिर्फ एक बार में लंपसम के तौर पर प्रीमियम भरना होता है. इसके बाद यह पॉलिसी अपने पूरे टेन्योर तक वैलिड बनी रहती है. यह अवधि आपके प्लान के हिसाब से 10, 20 या 25 या 30 साल कुछ भी हो सकती है. इस पूरी अवधि के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति को जीवन बीमा की सुरक्षा मिलती है. इसमें सालाना, मंथली या हर तीन महीने में प्रीमियम चुकाने की कोई जरूरत नहीं होती.
पॉलिसी लैप्स होने का खतरा नहीं
इस तरह के प्लान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बार-बार भुगतान की जरूरत नहीं रहती. एक बार प्रीमियम भरने के बाद पॉलिसी चालू रहती है और इसके बंद होने का खतरा नहीं होता. यह उन लोगों के लिए बेहद काम की स्कीम है, जिन्हें बिजनेस से हुए मुनाफे या विरासत के तौर पर कहीं से एकमुश्त रकम मिली है और वे उसका बेहतर इस्तेमाल करना चाहते हैं.
प्रीमियम पर छूट
कई बीमा कंपनियां सिंगल प्रीमियम प्लान पर कुछ छूट देती हैं या प्रीमियम का रेट कम रखती हैं, जिससे यह योजना लंबी अवधि के दौरान सस्ती भी पड़ सकती है. साथ ही, एकमुश्त भुगतान करने से यह भी पक्का हो जाता है कि आपकी फैमिली को पॉलिसी टेन्योर के दौरान जीवन बीमा कवर जरूर मिलेगा. इससे मानसिक शांति भी मिलती है.
इन प्लान्स के प्रीमियम पर भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा पॉलिसीधारक का निधन होने पर नॉमिनी को मिलने वाला पैसा भी सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री होता है.
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एक बार में बड़ी रकम चुकाने का बोझ
हालांकि सिंगल प्रीमियम प्लान के अपने फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ महत्वपूर्ण नुकसान भी हैं. सबसे पहले तो इसमें शुरुआत में एक बड़ी रकम चुकानी पड़ती है. यह कई लोगों के लिए आर्थिक बोझ हो सकता है. अगर आपके पास उतने पैसे नहीं हैं, तो यह ऑप्शन आपके दूसरी आर्थिक जरूरतों और लक्ष्यों पर बुरा असर डाल सकता है.
प्लान में राइडर्स की कमी
इसके अलावा, ऐसे प्लान में आमतौर पर क्रिटिकल इलनेस या एक्सीडेंटल डेथ राइडर्स जैसे एक्स्ट्रा कवरेज नहीं मिलते, जो रेगुलर प्रीमियम प्लान में आसानी से मिल जाते हैं. यह इसकी फ्लेक्सिबिलिटी को कम कर देते हैं.
ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट
सिंगल प्रीमियम प्लान का एक और नुकसान है निवेश की ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट (Opportunity Cost). एकमुश्त प्रीमियम चुकाकर आप उस रकम को कहीं और निवेश करने का मौका खो देते हैं, जहां शायद आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता था. अगर आप कोई दूसरा इनवेस्टमेंट ऑप्शन चुनते, तो हो सकता है कि आपकी पूंजी बेहतर तरीके से बढ़ती.
मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं
इसके अलावा किसी भी दूसरे प्योर टर्म प्लान की तरह सिंगल प्रीमियम प्लान में भी मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं होता. यानी अगर इंश्योर्ड व्यक्ति पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है, तो उसे कोई पेमेंट नहीं होता. यह बात उन लोगों के लिए मायने रखती है जो अपने प्रीमियम के बदले कुछ न कुछ रिटर्न की उम्मीद रखते हैं. वैसे तो यह बात किसी भी प्योर टर्म प्लान पर लागू होती है, लेकिन सिंगल प्रीमियम में एक साथ बड़ी रकम देनी पड़ती है, लिहाजा मैच्योरिटी बेनिफिट का न होना ज्यादा निराश कर सकता है.
अगर आप बार-बार प्रीमियम भरने के झंझट से बचना चाहते हैं, आपके पास एकमुश्त रकम मौजूद है और आप अपने परिवार के लिए लंबी अवधि की सुरक्षा चाहते हैं, तो सिंगल प्रीमियम टर्म प्लान एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन इसमें निवेश करने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी है.