/financial-express-hindi/media/media_files/2024/10/21/o7OU8NrwdLm94LJJ6sjo.jpg)
HDFC Capital Builder Value Fund निवेशकों को 30 साल से आकर्षक रिटर्न देता आ रहा है. (Image : Pixabay)
HDFC Mutual Fund Scheme Robust Performance : देश के बड़े फंड हाउस में शामिल एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की 30 साल से ज्यादा पुरानी स्कीम ने ‘ओल्ड इज गोल्ड’ की कहावत को सच साबित करके दिखाया है. हर महीने सिर्फ 2000 रुपये के निवेश को 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड में बदलने वाली इस स्कीम का नाम है एचडीएफसी कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड (HDFC Capital Builder Value Fund). इस स्कीम ने सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये किए गए निवेश के साथ ही साथ एकमुश्त निवेश (Lump Sum Investment) पर भी शानदार रिटर्न देते हुए निवेशकों की पूंजी को 30 साल में 76 गुना कर दिया है.
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड की निवेश रणनीति
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो वैल्यू इन्वेस्टमेंट की स्ट्रेटेजी के आधार पर निवेश करती है. 1 फरवरी 1994 को शुरू की गई इस स्कीम का उद्देश्य लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ (Capital Appreciation) हासिल करना है. यह स्कीम मुख्य रूप से अंडरवैल्यूड स्टॉक्स में निवेश करती है, जो अपने वाजिब मूल्य से कम पर ट्रेड हो रहे होते हैं. स्कीम का 60% हिस्सा उन कंपनियों में निवेश किया जाता है जो इसके बेंचमार्क (NIFTY 500 Total Returns Index) के औसत P/E (प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो) या P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो) से कम पर ट्रेड कर रही होती हैं. सेक्टोरल डायवर्सिफिकेशन की रणनीति के तहत यह स्कीम अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश करती है, जिससे जोखिम कम किया जा सके. यह स्कीम एक मल्टी-कैप फंड के रूप में काम करती है, जिसमें मार्केट कैप सेगमेंट के लिहाज से अलग-अलग कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश किया जाता है.
2000 रुपये SIP से ऐसे बना करोड़ों का फंड
इस स्कीम ने 2000 रुपये की मंथली SIP को कैसे 2.12 करोड़ रुपये के फंड में बदला है, इसका कैलकुेशन आप यहां देख सकते हैं:
- स्कीम का नाम : HDFC Capital Builder Value Fund (Regula Plan)
- मंथली SIP : 2000 रुपये
- निवेश की अवधि : 30 साल
- 30 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 7.20 लाख रुपये
- SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न : 18.11%
- SIP निवेश की 30 साल बाद फंड वैल्यू : 2,12,62,645 रुपये (2.12 करोड़ रुपये)
(Source : Value Research SIP Calculator)
वन-टाइम इन्वेस्टमेंट पर 76 गुना रिटर्न
इस स्कीम ने एकमुश्त निवेश (Lump sum Investment) पर भी बेहतरीन रिटर्न दिया है. अगर 30 साल पहले 1 लाख रुपये का निवेश किया गया होता, तो वह आज 76.41 लाख रुपये हो जाता. यानी इस स्कीम ने निवेशकों की दौलत को 30 साल में 76 गुना कर दिया है. अलग-अलग अवधि में स्कीम का औसत सालाना रिटर्न (CAGR) कितना रहा है, यह आप यहां देख सकते हैं.
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड का पिछला प्रदर्शन
- 1 साल (CAGR): 48.00%
- 3 साल (CAGR): 21.12%
- 5 साल (CAGR): 22.55%
- 10 साल (CAGR): 15.53%
- लॉन्च से अब तक (CAGR) : 15.18%
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड का सेक्टोरल डाइवर्सिफिकेशन
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड का पोर्टफोलियो विभिन्न सेक्टर्स में फैला हुआ है, जिससे जोखिम को कम किया जा सके. इनमें प्रमुख सेक्टर्स हैं:
- फाइनेंशियल सर्विसेज: 30.5%
- इनफॉर्मेशन टेक्नॉलजी: 9.0%
- हेल्थकेयर: 8.6%
- एफएमसीजी: 7.8%
- ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट्स: 6.6%
फंड की टॉप 10 इक्विटी होल्डिंग्स
फंड हाउस की अक्टूबर 2024 की फैक्ट शीट के मुताबिक सितंबर 2024 में इस फंड के इक्विटी इनवेस्टमेंट में लार्ज कैप का हिस्सा 66.8%, मिड कैप का 13.7% और स्मॉल कैप स्टॉक्स का शेयर 19.0% रहा है. स्कीम की टॉप 10 होल्डिंग्स और उनकी निवेश में हिस्सेदारी इस प्रकार है:
ICICI Bank : 6.62%
HDFC Bank : 6.37%
Bharti Airtel : 5.13%
Infosys : 4.52%
Axis Bank : 3.99%
NTPC : 3.49%
State Bank of India : 3.30%
Sun Pharmaceutical Industries : 2.69%
Larsen and Toubro : 2.56%
HCL Technologies : 2.28%
स्कीम से जुड़ी जरूरी बातें
- स्कीम टाइप: वैल्यू फंड
- AUM: 7,883.25 करोड़ रुपये (30 सितंबर 2024)
- बेंचमार्क: NIFTY 500 Total Return Index
- मिनिमम SIP: 100 रुपये
- एक्सपेंस रेशियो (रेगुलर प्लान) : 1.83%
- एक्सपेंस रेशियो (डायरेक्ट प्लान) : 0.97%
- रिस्कोमीटर: वेरी हाई रिस्क (Very High)
- फंड मैनेजर (1 फरवरी 2024 से) : आनंद लड्ढा (Anand Laddha), 18 साल का अनुभव
एग्जिट लोड
यूनिट्स के अलॉटमेंट के 1 साल के भीतर एग्जिट या स्विच करने पर 1.00%
यूनिट्स के अलॉटमेंट के 1 साल के बाद एग्जिट या स्विच करने पर कोई एग्जिट लोड नहीं.
किन निवेशकों के लिए सही है ये स्कीम
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फंड उन निवेशकों लिए सही है, जो लंबी अवधि में वैल्यू इन्वेस्टमेंट के जरिये अपनी पूंजी में इजाफा करना चाहते हैं और इसके लिए इक्विटी में निवेश का रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं. इस स्कीम ने पिछले 30 साल के दौरान निवेश पर बेहतरीन रिटर्न देकर निवेशकों का भरोसा हासिल किया है. लेकिन इक्विटी फंड के पिछले प्रदर्शन को भविष्य में वैसा ही रिटर्न देने की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का फैसला करने से पहले निवेशकों को अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए कि यह प्रोडक्ट उनके लिए सही है या नहीं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)