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Health Insurance : कम प्रीमियम में चाहिए बड़ा हेल्थ कवरेज? टॉप अप प्लान से बनेगी बात, जानिए कैसे करता है काम

Health Insurance Top-Up Plans : अगर आप कम प्रीमियम में बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस चाहते हैं, तो टॉप अप प्लान ले सकते हैं, आपकी बेस हेल्थ पॉलिसी के साथ जुड़कर कवरेज को कफी बढ़ा देगा, वह भी जेब पर ज्यादा बोझ डाले बिना.

Health Insurance Top-Up Plans : अगर आप कम प्रीमियम में बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस चाहते हैं, तो टॉप अप प्लान ले सकते हैं, आपकी बेस हेल्थ पॉलिसी के साथ जुड़कर कवरेज को कफी बढ़ा देगा, वह भी जेब पर ज्यादा बोझ डाले बिना.

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Viplav Rahi
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Health Insurance Top Up Plan की मदद से कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज हासिल किया जा सकता है. (Image : Pixabay)

Health Insurance Top-Up Plans : How it Works : महंगा इलाज मुश्किल वक्त में किसी के भी बजट को हिला सकता है. अगर कोई बड़ा ऑपरेशन करवाने की नौबत आ जाए या गंभीर बीमारी का इलाज करवाना पड़े, तो लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं. इन हालात से निपटने के लिए ही बड़े कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की जरूरत पड़ती है. आपके मन में सवाल आएगा कि बड़ा हेल्थ कवरेज लेने के लिए भारी-भरकम प्रीमियम भी चुकाना पड़ेगा. लेकिन एक ऐसा उपाय है, जिससे आप कम प्रीमियम में बड़ा हेल्थ कवरेज ले सकते हैं. ये उपाय है हेल्थ इंश्योरेंस के टॉप अप प्लान का, जो आपकी बेस हेल्थ पॉलिसी के साथ जुड़कर हेल्थ इंश्योरेंस के कुल कवरेज को कफी बढ़ा देता है, वह भी जेब पर ज्यादा बोझ डाले बिना.

टॉप अप प्लान असल में होता क्या है

टॉप अप प्लान एक तरह का सप्लीमेंट्री हेल्थ कवरेज है. यह तभी काम करता है जब आपके इलाज का खर्च एक तय सीमा यानी डिडक्टिबल (deductible) से ज्यादा हो जाए. मिसाल के तौर पर, अगर आपके पास 5 लाख रुपये का बेस हेल्थ कवरेज है और 10 लाख रुपये का टॉप अप प्लान लिया हुआ है, जिसमें 5 लाख रुपये डिडक्टिबल तय है, तो पहले 5 लाख का खर्च बेस पॉलिसी से कवर होगा. उसके बाद 10 लाख रुपये तक का खर्च, टॉप अप प्लान से पूरा किया जाएगा.

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टॉप अप और सुपर टॉप अप में फर्क

टॉप अप प्लान के दो तरह के होते हैं. पहला है साधारण टॉप अप प्लान, जिसमें सिर्फ एक बार का खर्च डिडक्टिबल से ऊपर जाने पर ही कवरेज मिलता है. यानी अगर आपके कई छोटे-छोटे हॉस्पिटल बिल हैं जो डिडक्टिबल से नीचे हैं, तो इस प्लान से कोई फायदा नहीं होगा.

दूसरा है सुपर टॉप अप प्लान, जिसमें पूरे साल के सभी मेडिकल खर्चों को जोड़ा जाता है. अगर वह कुल मिलाकर डिडक्टिबल से ज्यादा हो जाते हैं, तो यह प्लान एक्टिव हो जाता है. यही वजह है कि सुपर टॉप अप प्लान अक्सर ज्यादा प्रैक्टिकल माना जाता है.

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कम खर्च में ज्यादा सुरक्षा

टॉप अप प्लान का सबसे बड़ा फायदा है कि यह कम प्रीमियम में बड़ा कवरेज देता है. अगर आप बेस पॉलिसी को 10 लाख से 20 लाख तक बढ़ाना चाहेंगे तो प्रीमियम बहुत बढ़ जाएगा. लेकिन 10 लाख रुपये वही एक्सट्रा कवरेज आप टॉप अप प्लान के जरिये बहुत कम प्रीमियम में पा सकते हैं. इससे आपको इलाज के दौरान आर्थिक सुरक्षा मिलती है और जेब से बड़े खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती. सीनियर सिटीजन्स के लिए भी ये प्लान बहुत उपयोगी हैं क्योंकि बेस हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम उम्र बढ़ने पर बहुत ज्यादा हो जाता है.

डिडक्टिबल खुद तय करें 

टॉप अप प्लान की खासियत यह भी है कि इसमें आप खुद तय कर सकते हैं कि डिडक्टिबल कितना रखना है. जितना ज्यादा डिडक्टिबल होगा, प्रीमियम उतना ही कम होगा. इससे आप अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से कवरेज और खर्च का सही बैलेंस बना सकते हैं.

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कवरेज में क्या-क्या शामिल होगा

ज्यादातर टॉप अप हेल्थ प्लान हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्चों को भी कवर करते हैं. इसमें दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट और कुछ मामलों में डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस भी शामिल हो सकती है. 

टैक्स बेनिफिट भी मिलेगा

टॉप अप प्लान सिर्फ मेडिकल सुरक्षा ही नहीं देता, बल्कि इसके प्रीमियम पर इनकम टैक्स की बचत भी होती है. जो प्रीमियम आप इस पर खर्च करते हैं, उस पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है. यानी कवरेज के साथ ही टैक्स सेविंग का डबल फायदा होता है.

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ध्यान रखने वाली बातें

हेल्थ इंश्योरेंस का टॉप अप प्लान चुनते समय कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है. जैसे – पॉलिसी में पहले से मौजूद परेशानियों (pre-existing conditions)  का कवरेज कब से मिलेगा, वेटिंग पीरियड कितना है और को-पेमेंट की शर्तें क्या हैं. साथ ही, यह भी तय करें कि आपके लिए साधारण टॉप अप बेहतर है या सुपर टॉप अप. सही प्लान चुन लिया तो आपको बेस हेल्थ इंश्योरेंस के साथ जोड़कर काफी ऊंचा हेल्थ कवरेज मिल जाएगा, जो महंगे इलाज की नौबत आने पर आर्थिक बोझ से बचाएगा. 

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