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ITR Filing 2025 : इनकम टैक्स पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड यूज करने के फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं? (Image : Freepik)
Paying Income Tax via Credit Card : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की 15 सितंबर 2025 की डेडलाइन (ITR Filing Deadline) बेहद करीब आ चुकी है. ऐसे में अगर रिटर्न भरते समय अचानक पता चले कि आपको एक अच्छी-खासी रकम टैक्स के तौर पर भरनी है, तो कई बार पैसों का इंतजाम करना मुश्किल हो सकता है. अगर इस आखिरी वक्त पर टैक्स भरने के लिए पैसों की कमी पड़ जाए तो कई बार लोग इसके लिए क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के बारे में भी सोचते हैं. कुछ लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर मिलने वाले रिवॉर्ड प्वॉइंट्स भी आकर्षण की वजह हो सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि इनकम टैक्स भरने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना कितना सही है? क्या ऐसा करने पर कोई नुकसान भी हो सकता है?
क्रेडिट कार्ड से कैसे करते हैं टैक्स पेमेंट
इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर पेमेंट गेटवे के जरिए टैक्स भरने की सुविधा दी जाती है. यहां आप नेट बैंकिंग, यूपीआई, डेबिट कार्ड के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का ऑप्शन भी चुन सकते हैं. ये पेमेंट बिलडेस्क, पेटीएम या एनएसडीएल जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स के जरिए होता है. हालांकि सभी बैंक और सभी कार्ड्स पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती. साथ ही, क्रेडिट कार्ड पेमेंट के लिए अलग-अलग चार्जेज भी लग सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड से टैक्स भरने पर रिवॉर्ड प्वॉइंट्स मिलेंगे?
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने का एक आकर्षण रिवॉर्ड प्वॉइंट्स और कैशबैक होता है. कई कार्ड कंपनियां टैक्स पेमेंट को रिटेल खर्च मानकर उस पर प्वॉइंट्स देती हैं. लेकिन कुछ इसे "एक्सक्लूडेड कैटेगरी" में डाल देते हैं और कोई रिवॉर्ड नहीं देते. यानी टैक्स पेमेंट से मिलने वाला फायदा कार्ड-टू-कार्ड बदल सकता है.
फ्लेक्सिबिलिटी है सबसे बड़ा फायदा
क्रेडिट कार्ड से टैक्स भरने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपके पास फौरन कैश न हो तो ये तरीका काफी काम आता है. इससे आप वक्त पर टैक्स भरकर पेनाल्टी और ब्याज से बच सकते हैं. क्रेडिट कार्ड में पैसे भरने के लिए 30 से 45 दिन तक का इंटरेस्ट-फ्री टाइम मिलता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप आखिरी तारीख पर टैक्स भरते हैं, तो पेनल्टी से बच जाएंगे और आपको पैसों का इंतजाम करने के लिए थोड़ा वक्त और मिल जाएगा.
क्रेडिट कार्ड के चार्जेज और ब्याज का ध्यान रखें
क्रेडिट कार्ड में सुविधा के साथ-साथ खर्च भी जुड़े होते हैं. क्रेडिट कार्ड से टैक्स पेमेंट करने पर पेमेंट गेटवे 0.3% से 1% तक का कन्वीनियंस फी वसूलते हैं, जिस पर जीएसटी भी लगता है. अगर टैक्स अमाउंट बड़ा है, तो यह फीस काफी हो सकती है. इसके अलावा, अगर आपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल ड्यू डेट तक क्लियर नहीं किया, तो सालाना 36% या उससे भी ऊंची दर से ब्याज देना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाला रिवॉर्ड या कैशबैक बहुत छोटा साबित होगा और कुल मिलाकर आपको नुकसान ही उठाना पड़ेगा.
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क्रेडिट लिमिट का भी ध्यान रखें
इनकम टैक्स जैसे बड़े पेमेंट करने से आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट का बड़ा हिस्सा ब्लॉक हो सकता है. इससे आपके बाकी खर्चों के लिए लिमिट कम पड़ सकती है. इतना ही नहीं, क्रेडिट का ज्यादा इस्तेमाल करने यानी हाई क्रेडिट यूटीलाइजेशन से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी निगेटिव असर पड़ सकता है.
कब सही है क्रेडिट कार्ड से टैक्स भरना?
अगर आपके पास फौरन कैश की कमी है और आप पक्के तौर पर जानते हैं कि अगले बिलिंग साइकिल तक पूरा भुगतान कर देंगे, तब यह तरीका समझदारी भरा हो सकता है. इसी तरह, अगर आप किसी खास कार्ड ऑफर या माइलस्टोन टारगेट पूरा करना चाहते हैं, तो टैक्स पेमेंट से यह फायदा मिल सकता है. लेकिन अगर आप पर पहले से ही क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया है, जिसे आप पूरा नहीं चुका पाए हैं, या पेमेंट के बाद अगले बिलिंग साइकल तक पूरी रकम चुकाने में दिक्कत आ सकती है, तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बिल्कुल भी सही नहीं है.
सोच-समझकर करें फैसला
क्रेडिट कार्ड से इनकम टैक्स पेमेंट करना एक आसान रास्ता जरूर हो सकता है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे हर किसी को फायदा ही हो. जो लोग क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का पेमेंट सही समय पर कर सकते हैं, उनके लिए यह सुविधा तात्कालिक राहत और फ्लेक्सिबिलिटी लेकर आती है. वहीं, जिनके लिए क्रेडिट कार्ड का बकाया पहले से ही सिरदर्द है, उनके लिए यह और महंगा साबित हो सकता है. इसलिए कोई भी फैसला अच्छी तरह से सोच-समझकर करें.