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CBDT ने 17 सितंबर 2025 तक के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. (Financial Express)
Income Tax Collection Data : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने 17 सितंबर 2025 तक के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का डेटा जारी किया है. इस रिपोर्ट में जहां एक ओर सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी की तस्वीर सामने आती है, वहीं टैक्स रिफंड्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार नेट टैक्स कलेक्शन 9.18% बढ़ा है, जबकि रिफंड्स में 23.87% की कमी दर्ज की गई है. आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में और क्या खास बातें सामने आई हैं.
ग्रॉस टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी
CBDT के आंकड़ों के मुताबिक 17 सितंबर 2025 तक डायरेक्ट टैक्स का ग्रॉस कलेक्शन 12,43,106 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल की तुलना में करीब 3.39% ज्यादा है. कॉर्पोरेट टैक्स से सरकार को 5,95,511 करोड़ रुपये की रेवेन्यू मिली है. वहीं, नॉन-कार्पोरेट टैक्स से 6,20,991 करोड़ रुपये जुटाए गए. नॉन-कार्पोरेट टैक्स में व्यक्तिगत टैक्सपेयर (Individual Taxpayer), HUFs और अन्य टैक्सपेयर शामिल हैं.
इसके अलावा सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स से 26,305 करोड़ रुपये और अन्य टैक्स से लगभग 297 करोड़ रुपये मिले. यह बढ़ोतरी इस बात की ओर इशारा करती है कि टैक्स बेस लगातार मजबूत हो रहा है और टैक्सपेयर्स की भागीदारी बढ़ रही है.
टैक्स रिफंड्स में गिरावट
रिपोर्ट का सबसे अहम पहलू टैक्स रिफंड्स में आई गिरावट है. इस वित्त वर्ष में 17 सितंबर 2025 तक सरकार ने 1,60,526 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए हैं. जबकि पिछले साल इसी तारीख तक जारी रिफंड का आंकड़ा 2,10,857 करोड़ रुपये था. यानी रिफंड्स में करीब 23.87% की गिरावट आई है. यह कमी उन टैक्सपेयर्स के लिए चिंता की वजह हो सकती है, जो समय पर न रिफंड मिलने से परेशान हैं.
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज के पार्टनर विवेक जालान ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "इस बार आयकर रिटर्न में छूट और कटौती को लेकर सख्त जांच-पड़ताल हो रही है, क्योंकि ज्यादा खुलासे (disclosures) मांगे गए हैं. रिफंड जारी करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से परखा जा रहा है. इसी वजह से नॉन-कार्पोरेट टैक्स रिफंड पिछले साल की तुलना में लगभग एक-तिहाई तक घट गए हैं."
नेट टैक्स कलेक्शन में मजबूती
रिफंड्स की कटौती के बाद सरकार के पास जो नेट टैक्स कलेक्शन बचा, उसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है. 17 सितंबर 2025 तक नेट कलेक्शन 10,82,579 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 9,91,512 करोड़ रुपये की तुलना में 9.18% अधिक है. इसका मतलब है कि सरकार को टैक्स से वास्तविक रेवेन्यू ज्यादा मिली है. यह बढ़ोतरी सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने वाली है.
एडवांस टैक्स कलेक्शन 2.90% बढ़ा
एडवांस टैक्स कलेक्शन से टैक्सपेयर्स की इनकम के असेसमेंट का पता चलता है. वित्त वर्ष 2025-26 में एडवांस टैक्स कलेक्शन 4,48,912 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की तुलना में 2.90% अधिक है. कॉर्पोरेट टैक्स से एडवांस टैक्स कलेक्शन में 6.11% की ग्रोथ दर्ज की गई है, जबकि नॉन-कार्पोरेट टैक्स से कलेक्शन 7.30% घटा है. यह अंतर इस ओर इशारा करता है कि कंपनियों की कमाई में मजबूती आई है, लेकिन व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स का योगदान घटा है.
क्या है इन आंकड़ों का मतलब
CBDT के ताजा आंकड़े बताते हैं कि कुल मिलाकर सरकार के टैक्स कलेक्शन में स्टेबिलिटी बनी हुई है और रेवेन्यू में बढ़ोतरी हो रही है. नेट कलेक्शन और कॉर्पोरेट एडवांस टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन बेहतर है. हालांकि टैक्स रिफंड्स में गिरावट टैक्सपेयर्स के लिए चिंता की वजह हो सकती है. लेकिन चूंकि इस बार रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 16 सितंबर तक थी, इसलिए आने वाले दिनों में रिफंड के आंकड़ों में भी सुधार होने की पूरी संभावना रहेगी.