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LTCG Tax Calculation : नया कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स जारी, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में कितनी मिलेगी राहत?

Cost Inflation Index Notified : आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स जारी कर दिया है. नए CII से टैक्सपेयर्स को अपना LTCG टैक्स का बोझ कम करने में मदद मिल सकती है.

Cost Inflation Index Notified : आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स जारी कर दिया है. नए CII से टैक्सपेयर्स को अपना LTCG टैक्स का बोझ कम करने में मदद मिल सकती है.

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Viplav Rahi
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Cost Inflation Index FY2025-26: अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बेचकर मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं, तो CII का आंकड़ा आपके काफी काम आ सकता है. (Image : Freepik)

CII Notified For LTCG Tax Calculation : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) जारी कर दिया है. यह इंडेक्स उन लोगों के लिए बहुत काम का है, जो जमीन, घर, बॉन्ड या गोल्ड जैसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट्स को बेचकर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं. उन्हें इस मुनाफे पर कितना लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा, इसका कैलकुलेशन करने के लिए इस इंडेक्स की जरूरत पड़ेगी. इंडेक्स के इस्तेमाल से उन पर टैक्स का बोझ कम होने की उम्मीद भी रहती है.

क्या होता है कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index) यानी CII आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला ऐसा आंकड़ा है जो किसी एसेट की साल-दर-साल बढ़ने वाली करेंट प्राइस में महंगाई के असर को दिखाता है. जब आप कोई संपत्ति बहुत पहले खरीदते हैं और उसे सालों बाद बेचते हैं, तो उसकी कीमत में इज़ाफा महंगाई की वजह से भी होता है. ऐसे में असल फायदा कितना हुआ, ये निकालने के लिए CII का इस्तेमाल होता है. इस इंडेक्स की मदद से आप अपनी खरीदी गई संपत्ति की लागत को मौजूदा कीमतों के हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं, जिससे आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long Term Capital Gains) यानी मुनाफा कम हो जाता है और टैक्स भी कम देना पड़ता है.

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FY2025-26 के लिए कितना तय हुआ है CII

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1 जुलाई 2025 को जारी नोटिफिकेशन में बताया है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) "376" तय किया गया है. इसका मतलब यह है कि जो भी संपत्ति इस वित्त वर्ष के दौरान बेची जाएगी, उसकी इंडेक्स्ड कॉस्ट निकालने में यह आंकड़ा इस्तेमाल किया जाएगा. यह नया इंडेक्स 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा.

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किन निवेशों पर लागू होगा ये नया CII?

इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 48 के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स की बिक्री पर कैपिटल गेन कैलकुलेट करते समय CII का इस्तेमाल किया जाता है. यह इंडेक्सिंग बेनिफिट (Indexing Benefit) तभी मिलता है, जब आपने संपत्ति को बेचने से पहले उसे 2 साल या उससे ज्यादा समय तक होल्ड किया हो. मिसाल के तौर पर अगर आपने कोई संपत्ति साल 2005 में 10 लाख रुपये में जमीन खरीदी थी और अब 2025 में उसे बेच रहे हैं, तो 2005-06 और 2025-26 के CII की मदद से आप उसकी इंडेक्स्ड कॉस्ट निकाल सकते हैं, जिससे आपका टैक्सेबल प्रॉफिट कम हो जाएगा.

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पिछले वर्षों के आंकड़ों से क्या पता चलता है?

अगर हम CII के अब तक घोषित आंकड़ों पर नजर डालें, तो मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2025-26 के लिए यह 376 है, जबकि 2024-25 में यह 363 और 2023-24 में 348 था. इससे पता चलता है कि हर साल महंगाई को ध्यान में रखते हुए इंडेक्स में इज़ाफा होता है. इस इंडेक्स से न सिर्फ निवेशकों को टैक्स प्लानिंग में मदद मिलती है, बल्कि लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट को भी बढ़ावा मिलता है.

आयकर विभाग द्वारा साल दर साल घोषित CII 

वित्त वर्ष 

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स

2025-26

376

2024-25

363

2023-24

348

2022-23

331

2021-22

317

2020-21

301

2019-20

289

2018-19

280

2017-18

272

2016-17

264

2015-16

254

2014-15

240

2013-14

220

2012-13

200

2011-12

184

2010-11

167

2009-10

148

2008-09

137

2007-08

129

2006-07

122

2005-06

117

2004-05

113

2003-04

109

2002-03

105

2001-02

100

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अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट्स को बेचकर मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं, तो CII का आंकड़ा आपके काफी काम आ सकता है. इसकी मदद से आप न केवल एसेट की प्राइस में इंफ्लेशन के असर का कैलकुलेशन (Inflation Calculation) करके अपना टैक्स बचा सकते हैं बल्कि बेहतर ढंग से फाइनेंशियल प्लानिंग भी कर सकते हैं.

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