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Motilal Oswal Report on Gold Outlook : सोने में लंबे समय से जारी तेजी का दौर क्या अब थमने लगा है? (Image : Freepik)
Motilal Oswal Report on Gold Outlook : सोने में लंबे समय से जारी तेजी का दौर क्या अब थमने लगा है? क्या अब गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए प्रॉफिट बुकिंग का वक्त है? क्या हैं सोने में आगे के संकेत? निवेशकों को आगे के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए? मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में इन तमाम सवालों पर राय दी गई है. रिपोर्ट में इस बात की ओर संकेत किया गया है कि गोल्ड में बुल रन यानी तेजी का जो लंबा सिलसिला 2019 से चला आ रहा था, वह अब शायद थमने की कगार पर है. जानते हैं इस रिपोर्ट में कही गई 5 बड़ी बातें, जो गोल्ड में इनवेस्टमेंट (Gold Investment) करने वालों के लिए काफी काम की साबित हो सकती हैं.
1. अब तक की तेजी के कारण कीमतों में शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक सोने में पिछले कुछ अरसे में जो तेजी नजर आई उसके कारण थे जियो-पोलिटिकल टेंशन, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, सेंट्रल बैंकों की बड़ी खरीद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर से दूरी बनाने का रुझान (de-dollarization). इन सभी कारणों का असर सोने की कीमतों में पहले ही शामिल हो चुका है. मतलब अब इन कारणों से सोने में नई तेजी की संभावना सीमित है. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी टल गई हैं, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलने की संभावना और कम हो गई है.
2. ऊंचे स्तरों पर बाजार में थकान के संकेत
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक सोना इस साल अब तक 30% से अधिक रिटर्न दे चुका है, जबकि पिछले 25 साल के आंकड़े बताते हैं कि कॉमेक्स गोल्ड ने अब तक किसी भी एक साल में 32% से ज्यादा रिटर्न नहीं दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा ऊंचे स्तरों पर बाजार में थकान के संकेत (signs of market fatigue) दिखने लगे हैं.
3. और तेजी के लिए नए और बड़े फैक्टर्स की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों को मौजूदा स्तरों से आगे बढ़ने के लिए बाजार में किसी नए और बड़े कारण (Significant Catalyst) की जरूरत होगी. फिलहाल हमें ज्यादा क्लैरिटी (clarity) या कोई मजबूत ट्रिगर (decisive trigger) सामने आने तक इंतजार करना चाहिए. इस बीच बाजार में सोने में एक कंसॉलिडेशन फेज नजर आ सकता है. यानी कुछ समय तक दाम एक दायरे में रह सकते हैं या हल्की गिरावट आ सकती है.
4. सोने की चमक बरकरार, पर इंतजार जरूरी
रिपोर्ट के मुताबिक सोने ने बीते कुछ वर्षों में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं. लेकिन अब जब बाजार ऊंचे स्तर पर है और थकान के संकेत दिख रहे हैं, तो भावनाओं में बहने की बजाय समझदारी से सोचने का वक्त है. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक अभी नए निवेश से पहले थोड़ा ठहराव जरूरी है.
5. निवेशकों के लिए सलाह
ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि सोने में लॉन्ग पोजिशन होल्ड करने वाले टैक्टिकल ट्रेडर्स को फिलहाल हेजिंग करने पर विचार करना चाहिए. और अगर सोना लगातार 96,000 रुपये से नीचे बंद होने लगे, तो एग्जिट पर भी विचार कर सकते हैं. हालांकि अगर भविष्य में अगर नए और ज्यादा लंबे समय तक असर दिखाने वाले ट्रिगर (longer-term triggers) सामने आते हैं, तो फिर से खरीदारी करने पर भी विचार किया जा सकता है.
मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि उन्होंने सोने के लिए पिछली रिपोर्ट में करीब 98,000 रुपये का टारगेट रखा था, जो पार हो चुका है. इससे पहले पिछले साल जारी की गई चार तिमाही रिपोर्ट्स और एक सालाना रिपोर्ट में भी उनके बताए सभी टारगेट्स सही निकले हैं. सोने को ट्रैक करने के अपने पिछले रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए ब्रोकरेज ने बताया कि उन्होंने साल 2019 में सोने पर बुलिश स्टैंड लेकर 50,000 रुपये का शुरुआती लक्ष्य रखा था, जबकि उस वक्त सोना 30,000 रुपये के स्तर पर था. इसके बाद इन टारगेट्स को लगातार अपडेट करके बढ़ाया जाता रहा.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. गोल्ड के आउटलुक के बारे में यहां दी गई राय ब्रोकरेज हाउस की है, फाइनेंशियल एक्सप्रेस की नहीं. निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)