/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/02/itr-filing-2025-checklist-of-required-documents-freepik-2025-07-02-12-19-18.jpg)
ITR Filing 2025 : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले जरूरी दस्तावेज इकट्ठा कर लेने चाहिए. (Image : Freepik)
ITR Filing 2025, Checklist of Required Documents: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर टैक्सपेयर की जिम्मेदारी होती है. अगर समय रहते तैयारी न की जाए, तो आखिरी वक्त में दस्तावेज़ जुटाने में परेशानी हो सकती है. वित्त वर्ष 2024-25 (एसेसमेंट इयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख सरकार ने पहले ही 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप आईटीआर फाइल करने की तैयारी को टाल दें. ITR के लिए जरूरी दस्तावेजों को अभी से जुटा लेंगे, तो आपके लिए ही अच्छा रहेगा. आईटीआर भरते समय आपको किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है, इसकी एक चेकलिस्ट हम यहां दे रहे हैं, अगर आप इन दस्तावेजों को अभी से इकट्ठा कर लेते हैं, तो इनकम टैक्स फाइलिंग आसान हो जाएगी.
1. फॉर्म 16 : सैलरी वालों के लिए सबसे जरूरी डॉक्युमेंट
अगर आप नौकरीपेशा टैक्सपेयर हैं, तो फॉर्म 16 आपके लिए सबसे जरूरी दस्तावेज है. यह आपके एंप्लॉयर द्वारा सालभर में काटे गए टैक्स की जानकारी देता है. इस फॉर्म में साल भर की कुल सैलरी, टैक्स डिडक्शन और अन्य जानकारियां होती हैं. सैलरीड टैक्सपेयर्स के ITR फॉर्म में ज्यादातर जरूरी जानकारी भरने में इसी फॉर्म से मदद मिलती है.
2. फॉर्म 16 के अलावा दूसरे TDS सर्टिफिकेट
सिर्फ फॉर्म 16 ही नहीं, बल्कि इनकम के दूसरे स्रोतों पर टैक्स डिडक्शन से जुड़े बाकी फॉर्म, जैसे फॉर्म 16A, 16B और 16C भी जरूरी हो सकते हैं. मिसाल के तौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट या बीमा कमीशन से मिलने वाली इनकम पर काटे गए टीडीएस के लिए फॉर्म 16A, प्रॉपर्टी बेचने से हुई इनकम के लिए फॉर्म 16B और किराए पर टैक्स कटौती के लिए फॉर्म 16C की जरूरत हो सकती है.
3. कैपिटल गेन स्टेटमेंट
अगर आपको अपने निवेश पर मुनाफा हुआ है, तो कैपिटल गेन स्टेटमेंट जरूर लें. मिसाल के तौर पर अगर आपने शेयर या म्यूचुअल फंड जैसे इनवेस्टमेंट्स को बेचा है, तो उस पर हुए लाभ यानी कैपिटल गेन की जानकारी भी ITR में देनी होती है. इसके लिए आपको अपने ब्रोकर या म्यूचुअल फंड हाउस से कैपिटल गेन स्टेटमेंट लेना होगा. ध्यान रखें कि 23 जुलाई 2024 से कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में बदलाव हुए हैं, इसलिए इस बार रिटर्न भरते समय यह चेक करना होगा कि आपके मुनाफे पर पुराने नियम लागू होंगे या नए.
4. फॉर्म 26AS यानी टैक्सपेयर्स की टैक्स पासबुक
फॉर्म 26AS को आमतौर पर टैक्सपेयर्स की ‘टैक्स पासबुक’ कहा जाता है. इसमें उस वित्त वर्ष के दौरान आपसे जितना टैक्स काटा गया है (TDS) या कलेक्ट किया गया है (TCS), उसकी पूरी जानकारी होती है. अगर आपकी किसी इनकम जैसे सैलरी, बैंक इंटरेस्ट या किराए पर टैक्स काटा गया है, तो वह भी फॉर्म 26AS में साफ-साफ दिखाई देगा. साथ ही अगर आपने खुद से एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स भरा है, तो वह भी इसमें दिखाया जाएगा. यह दस्तावेज ITR फाइल करते वक्त बेहद मददगार होता है क्योंकि इसकी मदद से आप यह पक्का कर सकते हैं कि टैक्स विभाग के पास आपकी इनकम और टैक्स पेमेंट की सही जानकारी मौजूद है.
5. एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट
एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) एक ऐसा डिटेल डॉक्युमेंट है, जिसमें आपके बैंक खाते से जुड़ी इंटरेस्ट इनकम, डिविडेंड, शेयर या म्यूचुअल फंड में खरीद-बिक्री, रेंट से हुई कमाई, विदेशी लेन-देन जैसी तमाम जानकारियों को एक ही जगह दिखाया जाता है. इसे आप फॉर्म 26AS का डिटेल रूप भी कह सकते हैं. AIS को इनकम टैक्स पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है. अगर इसमें कोई गलती नजर आए तो आप उसमें सुधार के लिए फीडबैक भी भेज सकते हैं.
6. टैक्सपेयर इन्फॉर्मेशन समरी
टैक्सपेयर इन्फॉर्मेशन समरी (TIS) दरअसल AIS का ही एक छोटा रूप है, जिसमें आपकी अलग-अलग तरह की इनकम की कुल रकम को कैटेगरी के हिसाब से दिखाया जाता है. यह डॉक्युमेंट AIS को समझने में आपकी मदद करता है. मिसाल के तौर पर अगर आपको कई जगह से इंटरेस्ट इनकम हो रही है, तो TIS में सारी रकम एक ही लाइन में दी जाएगी. TIS खास तौर पर उन लोगों के लिए काम का दस्तावेज है, जो फॉर्म 26AS और AIS को समझने में दिक्कत महसूस करते हैं. ऐसे लोगों को ITR भरते समय TIS को जरूर देखना चाहिए, ताकि यह पक्का हो जाए कि उनकी इनकम के बारे में दर्ज जानकारी पूरी तरह सही है.
7. फॉरेन इनकम और अनलिस्टेड शेयरों से जुड़ी जानकारी
अगर आपने किसी विदेशी कंपनी में या अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया है या विदेश के किसी बैंक अकाउंट में आपके पास साइनिंग अथॉरिटी है, तो ITR में यह जानकारी देना जरूरी होता है. ऐसे मामलों में ITR-2 फॉर्म भरना पड़ता है. इसमें आपको अनलिस्टेड शेयरों के नाम, खरीद और बिक्री की संख्या जैसी जानकारी भी भरनी होगी.
8. इंटरेस्ट सर्टिफिकेट और बैंक स्टेटमेंट
अगर आपको बैंकों, पोस्ट ऑफिस और दूसरे वित्तीय संस्थानों से इंटरेस्ट इनकम होती है, तो उनके लिए इंटरेस्ट सर्टिफिकेट जुटाकर रख लें. इसके साथ ही अपने बैंक स्टेटमेंट भी डाउनलोड कर लें, ताकि AIS या TIS में दी गई जानकारी से उनका मिलान किया जा सके. अगर कोई डिटेल मिसिंग है या जानकारी देने में कोई चूक नजर आती है तो उसे वक्त पर ठीक कराने के लिए ऐसा करना जरूरी है.
9. पुरानी टैक्स रिजीम के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ
अगर आपने पुरानी टैक्स रिजीम चुनी है, तो सेक्शन 80C, 80D, 80TTA वगैरह के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के लिए इनवेस्टमेंट और एक्सपेंडीचर के प्रूफ जुटा लें. होम लोन पर टैक्स बेनिफिट पाने के लिए होम लोन स्टेटमेंट भी जरूरी होगा. नई टैक्स रिजीम में तो केवल 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS पर मिलने वाली छूट ही शामिल है, जिसकी जानकारी आमतौर पर फॉर्म 16 में ही मिल जाती है.
10. PAN, आधार और बैंक डिटेल्स तैयार रखें
आईटीआर पोर्टल पर लॉगिन या रजिस्ट्रेशन के लिए पैन या आधार की जरूरत होती है. साथ ही, सभी एक्टिव बैंक अकाउंट्स की जानकारी देना जरूरी होता है. इसमें बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, टाइप और IFSC कोड जैसी जानकारियां मांगी जाती हैं. यह तमाम जानकारियां पहले से तैयार रखें. इससे आईटीआर फाइल करना और आसान हो जाएगा.
ITR फाइल करना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन अगर जरूरी दस्तावेज समय पर तैयार न हों, तो इस प्रॉसेस में मुश्किल हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि आप अभी से तैयारी शुरू कर दें और सभी जरूरी दस्तावेज इकट्ठा कर लें. इससे न सिर्फ आपकी रिटर्न फाइलिंग समय पर हो जाएगी, बल्कि रिफंड मिलने में भी देर नहीं होगी.