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ITR-B फॉर्म को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा डिजिटलाइजेशन और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के इरादे से जारी किया गया है. (Image : Financial Express)
Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में एक नया फॉर्म ITR-B जारी किया है. यह फॉर्म ऐसे मामलों में भरना होगा जहां 1 सितंबर 2024 या उसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा सर्च या रिक्विजिशन ऑपरेशन किया गया हो. यानी यह फॉर्म खास तौर पर उन टैक्सपेयर्स की टैक्स फाइलिंग के लिए तैयार किया गया है जिन पर इनकम टैक्स की तलाशी या जब्ती की कार्रवाई की गई है. इस फॉर्म के जरिए टैक्सपेयर्स को अपनी अब तक घोषित नहीं की गई आमदनी को पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ रिपोर्ट करना होगा.
ITR-B किसे भरना होगा और क्यों?
वित्त मंत्रालय ने ITR-B फॉर्म को 7 अप्रैल 2025 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए जारी किया. यह फॉर्म फाइनेंशियल ईयर 2025-26 (असेसमेंट ईयर 2026-27) के लिए लागू किया गया है. इसे भरना उन टैक्सपेयर्स के लिए अनिवार्य है जिनकी बिना घोषित आय किसी सर्च या रिक्विजिशन ऑपरेशन के दौरान सामने आई है. ये कार्रवाई इनकम टैक्स एक्ट की धारा 132 या 132A के अंतर्गत होती है.
सामान्य ITR फॉर्म्स जैसे ITR-1, ITR-2 वगैरह किसी एक फाइनेंशियल ईयर के लिए होते हैं, लेकिन ITR-B ब्लॉक असेसमेंट ईयर्स के लिए होता है. इसका मतलब है कि सर्च ऑपरेशन के बाद एक साथ पिछली कई असेसमेंट ईयर्स की बिना घोषित आय का खुलासा करना होता है. आमतौर पर यह अवधि 6 साल तक की हो सकती है.
फॉर्म ITR-B भरने की समय-सीमा क्या है?
गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, ITR-B फॉर्म धारा 158BC के अंतर्गत भरा जाएगा. टैक्सपेयर्स को यह फॉर्म उस दिन से 60 दिनों के भीतर भरना होगा, जब उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस जारी किया गया है. यह फॉर्म उसी फॉर्मेट में भरा जाएगा जैसा विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है और उसे निर्धारित तरीके से वेरिफाई भी करना होगा.
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फॉर्म में क्या-क्या जानकारी देनी होगी?
ITR-B फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अपनी बिना घोषित आय को अलग-अलग कैटेगरी में, असेसमेंट ईयर के अनुसार, रिपोर्ट करना होगा. इसमें अलग-अलग तरह की संपत्तियों की जानकारी जैसे नगदी, सोना, गहने, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स वगैरह को भी शामिल करना होगा. इस प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और आमदनी का डिटेल वैल्यूएशन तय करना है. एक और खास बात यह है कि इस फॉर्म में टैक्सपेयर्स टीडीएस और टीसीएस क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं, लेकिन यह क्लेम तभी मान्य होगा जब टैक्स अधिकारी उससे संतुष्ट हो जाए. इसका मतलब है कि फॉर्म में दी गई जानकारी को पूरी तरह से वेरिफाई किया जाएगा और उसके बाद क्लेम की वैलिटिडी यानी वैधता की जांच की जाएगी.
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डिजिटलाइजेशन की दिशा में पहल
ITR-B फॉर्म को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा डिजिटलाइजेशन और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के इरादे से जारी किया गया है. यह उन टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण जरिया है, जिनकी बिना घोषित आमदनी का खुलासा सर्च या जब्ती की कार्रवाई के दौरान होता है. हालांकि इसकी प्रॉसेस थोड़ी मुश्किल हो सकती है, लेकिन इससे टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को अधिक सटीक और असरदार बनाने में मदद मिलेगी.